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UP News: सौर ऊर्जा में मॉडल बनेंगे पूर्वांचल के 10 गांव, चौबीस घंटे रहेंगे रोशन

सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने एक अनूठी पहल शुरू की है। इस पहल के तहत प्रत्येक जिले में एक गांव को मॉडल सोलर विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। इस लेख में हम इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में विस्तार से जानेंगे और देखेंगे कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता और स्थिरता को कैसे बढ़ावा देगा।

By Mahendra Kumar Dubey Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 23 Sep 2024 03:49 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता बलिया। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और पारंपरिक ऊर्जा पर निर्भरता को कम करने के क्षेत्र में अब पंचायतें अब और एक कदम आगे बढ़ेंगी। अब पीएम सूर्य घर योजना के तहत हर जिले में एक गांव को माडल सोलर विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें बलिया समेत पूर्वांचल के दस जिलों के एक-एक गांव भी शामिल किए गए हैं। एक करोड़ रुपये खर्च कर गांव को माडल सोलर विलेज बनाया जा सकेगा।

चयनित गांव में स्ट्रीट लाइट, सरकारी भवन, स्कूल और अस्पताल में लगाए गए सभी उपकरण सोलर से संचालित किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष सचिव प्रशांत शर्मा ने इस संबंध में जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को पत्र भेजा है।

प्रतियोगिता से होगा चयन

माडल सोलर विलेज के चयन का पहला आधार जनसंख्या होगी। इसके लिए वही पंचायत आवेदन कर सकती हैं, जिसकी जनसंख्या पांच हजार से अधिक है। आर्थिक रूप से मजबूत गांव को वरीयता मिलेगी। चयन के लिए एक विशेष प्रतियोगिता भी होगी।

आवेदन करने वाली पंचायतों में छह माह के लिए सोलर ऊर्जा से जुड़े जागरूकता कार्यक्रम चलेंगे। लोगों को दस मेगावाट से कम के सोलर संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जायेगा। इसके बाद जिस ग्राम पंचायत में सबसे अधिक संयंत्र स्थापित होंगे, उसका चयन माडल सोलर विलेज के रूप में 28 फरवरी 2025 तक कर लिया जाएगा।

अगले वर्ष दिसंबर तक काम पूरा करने का लक्ष्य

माडल सोलर गांव के लिए सरकार से एक करोड़ की वित्तीय सहायता मिलेगी। इसमें से दस प्रतिशत धनराशि उस गांव में संचालित बैंक, डेयरी सहकारी समिति, स्वयं सहायता समूह और अन्य लाभार्थी संस्थाओं से लिया जायेगा। शेष धनराशि केंद्र सरकार देगी। सोलर गांव से जुडा डीपीआर 15 मई 2025 तक यूपी नेडा को केंद्रीय मंत्रालय को सौंप देना है। स्वीकृति मिलने के बाद 31 दिसंबर 2025 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

सोलर गांव में यह होगा खास

गांव में 24 घंटे बिजली व्यवस्था सौर ऊर्जा के माध्यम से दी जाएगी। गांव के सभी सरकारी भवनों पर सोलर रूफटाप संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। सड़कों पर सोलर स्ट्रीट लाइटें लगेंगी। सिंचाई के लिए सोलर पंप समेत कई तकनीक का प्रयोग किया जाएगा।

जिला स्तर पर बनेगी समिति

सोलर गांव के चयन से लेकर बेहतर क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर एक समिति बनेगी। समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे। मुख्य विकास अधिकारी को उपाध्यक्ष बनाया जाएगा। समिति में सदस्य के रूप में जिला विकास अधिकारी, जिला पंचायती राज अधिकारी और उप निदेशक कृषि शामिल होंगे। यूपी नेडा को सदस्य सचिव बनाया गया है।

मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज ने बताया-

सोलर गांव के लिए खंड विकास अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दे दिया गया है। नियमानुसार आवेदन मांगे जाएंगे। माडल गांव के रूप में भी विकसित किया जाएगा।

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