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UP News: वाराणसी-छपरा पैसेंजर ट्रेन से 750 अवैध कारतूस संग युवती गिरफ्तार, दो लोगों की तलाश जारी

बलिया जीआरपी ने एक महिला को वाराणसी-छपरा पैसेंजर ट्रेन से 750 जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है। महिला के ट्रॉली बैग से कारतूस बरामद किए गए हैं। पूछताछ में महिला ने बताया कि उसे दो लोगों ने कारतूस रखकर ले जाने के लिए कहा था। जीआरपी ने महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच कर रही है।

By Lovkush Singh Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 24 Oct 2024 10:49 AM (IST)
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वाराणसी-छपरा पैसेंजर ट्रेन कारतूस मिलने से हड़कंप।- जागरण
जागरण संवाददाता, बलिया। बलिया जीआरपी ने प्लेट फार्म नंबर दो के पूर्वी छोर से डाउन 05446 वाराणसी-छपरा पैसेंजर ट्रेन से एक युवती को पकड़ा। उसके ट्राली बैग से अवैध 750 जिंदा कारतूस 315 बोर बरामद किया। इसके बाद महिला को संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर चालान कर दिया।

पूछताछ में उसने अपना नाम मनीता सिंह निवासी नदिहार थाना राजगढ़ जनपद मिर्जापुर बताया। दो अन्य लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। जीआरपी के पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देश पर बुधवार को जीआरपी बलिया ने ट्रेनों की सघन चेकिंग किया।

चेकिंग के दौरान करीब 8.40 बजे पहुंची डाउन वाराणसी-छपरा ट्रेन के इंजन की तरफ से बोगी नंबर दो में बैठी एक युवती के सीट के नीचे रखे ट्राली बैग देखकर जीआरपी को कुछ शक हुआ। चेक किया तो उसमें से कारतूस देख सभी अवाक रह गए।

युवती ने पूछताछ में बताया है कि अंकित कुमार पांडेय बाराचवर थाना करीमुद्दीनपुर जनपद गाजीपुर व रोशन यादव निवासी नसीरपुर कटरिया, थाना करीमुद्दीनपुर, जनपद गाजीपुर द्वारा उसे ट्राली बैंग में कारतूस रख कर दिया गया था। वह छपरा स्टेशन के बाहर तक ले जा रही थी।

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इसके बाद जीआरपी ने युवती को पकड़ थाने आई और गिरफ्तारी व बरामदगी के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कर युवती को न्यायालय भेज दिया गया। गिरफ्तार करने वाली टीम में माधवेश राय, सतीष कुमार उपाध्याय, इम्तियाज, विमल चंद आदि शामिल रहे।

अब मंडुवाडीह से होगा गाजीपुर-वाराणसी रूट की निजी बसों का संचालन

वाराणसी में आए दिन लग रहे जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रशासन ने प्राइवेट बसों के नगर में प्रवेश पर रोक लगा दी है। गत जुलाई में हुई बैठक व निजी स्टैंड के लिए भूमि आवंटित होने के बाद आशापुर स्टैंड को 26 अक्टूबर से बंद कर दिया जाएगा।

अब गाजीपुर-वाराणसी रूट की निजी बसें उतने ही किराये में शहर से बाहर 25 किमी ज्यादा दूरी तय कर अपने नये स्टैंड मंडुवाडीह पहुंचेंगी। पहले निजी बसें गाजीपुर के लंका से वाराणसी के आशापुर में रुकती थीं। इससे अक्सर जाम लगा रहता था। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए वाराणसी जिला प्रशासन ने जुलाई माह में बैठक किया।

तय हुआ कि वाराणसी में कोई ऐसी जगह तलाशी जाए, जहां जाने के लिए प्राइवेट बसों को नगर में प्रवेश न करना पड़े। तीन माह के प्रयास के बाद मंडुवाडीह में जमीन मिल गई। ऐसे में निजी बसों का रूट तय करते हुए 26 अक्टूबर से नगर में प्रवेश करने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई।

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अब ऐसे में गाजीपुर, आजमगढ़ व जौनपुर से आने वाली बसें रिंग रोड से होते हुए हरहुआ चौराहा, गिलट बाजार, सेंट्रल जेल रोड, फुलवरिया फ्लाइओवर, लहरतारा चौराहा से बाईं ओर मुड़कर मडुआडीह पहुंचेंगी। वापसी में लहरतारा, बौलिया चौराहा होते हुए फुलवरिया फ्लाइओवर से होकर अपने-अपने जिलों को जाएंगी।

बस मालिकों व चालकों को करा दिया गया है अवगत

आशापुर निजी बस स्टैंड 26 अक्टूबर से बंद होने के बाद बसें रिंग रोड होते हुए मंडुवाडीह स्थित नए बस स्टैंड पर रुकेंगी। करीब 25 किमी दूरी ज्यादा बढ़ जा रही है, लेकिन किराया फिलहाल 100 रुपये ही लिया जाएगा। प्राइवेट बस यूनियन के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि वाराणसी जिला प्रशासन के निर्देश से बस मालिकों व चालकों को अवगत करा दिया गया है।

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