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तेंदुए की चालाकी वन विभाग पर पड़ रही भारी, फिर पिंजरे में नहीं हुआ कैद; तीन तरफ मिले निशान

Balrampur News तेंदुए की चालाकी वन विभाग पर भारी पड़ रही है। बलरामपुर के हलौरा गांव में पिंजरे में कैद होने के बजाय तेंदुए ने पिंजरे पर हमला कर दिया और भाग निकला। ग्रामीणों ने पिंजरे पर तेंदुए के पंजे के निशान देखे हैं। वन विभाग लगातार लोगों को जागरूक कर रहा है और तेंदुए को पकड़ने की कोशिश कर रहा है।

By Amit Srivastava Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 24 Sep 2024 03:58 PM (IST)
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तेंदुआ के हमले से दुबक गई बकरी, गिर गया पिंजरा बंद हो गया शटर
संवादसूत्र, गैंसड़ी (बलरामपुर)। हलौरा गांव में लगे पिंजरे तक तेंदुआ आया लेकिन, कैद नहीं हुआ। पिंजरे में बंधी बकरी को निवाला बनाने के लिए तेंदुआ ने पिंजरे पर तीन तरफ से हमला किया। उसके पंजे के निशान पिंजरे पर ग्रामीणों ने देखे हैं। छह स्थानों पर निशान है। पिंजरे के गेट की तरफ तेंदुआ नहीं गया।

बकरी तक न पहुंच पाने से आक्रोशित तेंदुआ के लगातार हमला करने से रविवार रात में पिंजरा गिर गया जिसका शटर बंद हो गया लेकिन, तेंदुआ पिंजरा में नहीं घुसा और भाग खड़ा हुआ। गांव के मोहम्मद रफीक लाला ने बताया कि रात में तेंदुआ पिंजरे के पास आया पिंजरे में बंधी बकरी को पिजड़े के पीछे से ही पकड़ने लगा। पिंजरे पर छह जगहों पर तेंदुए के पंजे के निशान बने हैं।

सोमवार सुबह पिंजरा गिरा था, बकरी उसी में दुबकी हुई थी। क्षेत्रवासी मोहम्मद रफीक, लाला, जवाद, इसरार, साकिब, अमानुल्ला, सकील, वहीद, इब्राहिम, लल्लू आदि ने कहा कि हम सभी लोग अपने पालतू मवेशियों को घर के अंदर बांध रहे हैं। छोटे बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने देते हैं। साथ ही खेतों में आवश्यकता पड़ने पर समूह बनाकर जा रहे हैं। 11 सितंबर को गांव में तेंदुआ पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया गया है।

चालाक तेंदुआ पकड़ में नहीं आ रहा है। वह शिकार की तलाश में भटकता रहता है। मेहंदिया निवासी बेकारु पाल ने बताया कि तेंदुआ उसके घारी में बंधी बकरी को उठा ले गया था।

अजीम ने बताया कि तीन दिन पूर्व बकरी लैबुडवा नाले पर शाम तीन बजे चरा रहा था। फारुख और जगन के बाग में घात लगाए बैठे तेंदुए ने झपट्टा मार कर उसकी एक बकरी को उठा ले गया। लैबुड़वा निवासी अब्दुल समद ने बताया कि अपने मुर्गी फार्म में बेटे सुबराती के साथ सो रहा था।

तेंदुआ अपने दो बच्चों के साथ रात्रि 11बजे मुर्गी फार्म में बंधी बकरियों के चिल्लाने की आवाज सुनकर वह बाहर टार्च जलाया तो देखा तेंदुआ और दो शावक बाहर खड़े थे। शोर मचाने पर भाग गया। हलौरा के रफीक ने बताया कि उसके मुर्गी फार्म पर मुर्गी लोड करवाने आ रहे सुपरवाइजर व अन्य कर्मचारियों को तेंदुआ सरयू नहर के निकट रोड पर ही मिल गया। तेंदुआ वहां से भाग गया।

उप प्रभागीय वनाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि रेंजर अमरजीत प्रसाद, वन दारोगा शशिकांत शुक्ल, वनरक्षक चंद्रभान व अन्य के साथ गांवों में जाकर प्रतिदिन लोगों को जागरूक किया जा रहा है। तेंदुआ पिंजरे के पास आने लगा है तो शीघ्र ही पकड़ा जाएगा।

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