स्कूल भवनों के ऊपर तार, खौफ के साए में नौनिहाल
बिजली विभाग शिफ्टिग के लिए मांग रहा बजट 657 विद्यालय चिह्नित
By JagranEdited By: Updated: Sun, 26 Jun 2022 12:12 AM (IST)
बलरामपुर : बेसिक शिक्षा व बिजली महकमा की कारगुजारी हमेशा सुर्खियों में रही है। स्कूलों को रोशन करने के नाम पर दोनों विभागों ने जमकर खेल किया। विद्युतीकरण के बजट को भुनाने की होड़ में अफसरों को नौनिहालों की सुरक्षा का ख्याल भी नहीं आया। जुगाड़ के सहारे स्कूलों को कनेक्शन दे दिया गया। इससे नौनिहालों को स्कूल खुलने के दौरान खतरा बना रहता है। विद्यालय भवनों के ऊपर झूल रहे बिजली के तार हटवाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।
दो साल पहले बनी 657 स्कूलों की सूची : -15 जुलाई 2019 को उतरौला क्षेत्र के नयानगर विशुनपुर स्कूल में करंट लगने से 53 नौनिहाल झुलस गए थे। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश में स्कूलों के ऊपर से गुजरने वाले हाईटेंशन तारों व परिसर में रखे ट्रांसफार्मरों को हटवाने का फरमान जारी किया था। जिला प्रशासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने आनन-फानन में ऐसे 657 विद्यालयों को चिह्नित कर बिजली विभाग को सूची उपलब्ध करवाई थी। तीन साल होने को है, लेकिन लाइन शिफ्टिग नहीं हो सकी है।
यहां बनी रहती है अनहोनी की आशंका :
- शिक्षा क्षेत्र श्रीदत्तगंज के अगया बुजुर्ग के परिसर से बिजली का तार निकला है। ट्रांसफार्मर भी खंभे पर ही लगा है। जो कभी भी हादसे का सबब बन सकता है। तुलसीपुर शिक्षा क्षेत्र के प्रावि साहबनगर के परिसर में डबल पोल पर ट्रांसफार्मर रखा है। परिसर में ही बिजली खंभे लगाकर गांव को बिजली आपूर्ति की गई है। प्रावि शांतिपुरवा परिसर में भवन से सटा बिजली का खंभा लगा है, जिस पर हाईटेंशन लाइन गांव में दौड़ाई गई है। प्रावि नचौरा परिसर के ऊपर तार निकला है। ऐसे कई विद्यालय हैं जिनके ऊपर मौत का जाल फैला हुआ है। पहले बनती है लाइन :
- अधीक्षण अभियंता ललित कुमार का कहना है कि खंभे लगाकर लाइन पहले तैयार की जाती है। इसके बाद स्कूल बनवाकर चहारदीवारी खड़ी कर दी जाती है। शिक्षा विभाग शिफ्टिग के लिए धनराशि उपलब्ध नहीं करा रहा है, इसलिए तार हटाने का कार्य लंबित है।
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