हीमोग्लोबिन और शुगर जांच की नहीं सुविधा
नहीं हो पाती जरूरी जांचें एक्स-रे के लिए मुख्यालय का लगाते चक्कर।
By JagranEdited By: Updated: Mon, 30 May 2022 09:30 PM (IST)
अनूप शुक्ल, सादुल्लाहनगर (बलरामपुर) :
निश्शुल्क इलाज का सपना लेकर पहुंचने वाले मरीजों का दर्द सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सादुल्लाहनगर में डाक्टरों के न मिलने से बढ़ जाता है। जब चिकित्सक मिलते हैं तो वह बाहर से जांच व दवा का पर्चा थमा देते हैं। आवास न होने से चिकित्सक लेटलतीफ पहुंचते हैं और जल्दी गायब हो जाते हैं। अस्पताल में हीमोग्लोबिन, शुगर समेत अन्य जांच न होने से मरीज निजी जांच केंद्रों पर जेब खंगालने को विवश हैं। एक्स-रे के लिए जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। इसमें 500 से 600 रुपये खर्च हो जाते हैं। परिसर में गंदगी से घिरा हैंडपंप साफ बता रहा है कि यहां शुद्ध जल भी नहीं मिलता है। समय, सबुह 8: 40 बजे। डा. अभिषेक कुमार मरीज देख रहे थे। अन्य चिकित्सकों की कुर्सी खाली थी। डा. सायमा मुईद भी मौजूद थीं, लेकिन डा.नदीम, डा.विजय भान व डा.मंशालाल व आयुष के डा.जमीर अपने कक्ष में नहीं थे। सुरेंद्र, रामलखन, मधु, राधिका, राजेश, रीता, सुकई समेत अन्य मरीज अस्पताल परिसर में टहलते हुए चिकित्सकों के आने का इंतजार कर रहे थे। नहीं हो पा रही जरूरी जांचें :
-अस्पताल में एचआइवी, मलेरिया, सीफलिस, डेंगू, बलगम की जांच होती है, लेकिन गर्भवती के लिए सबसे जरूरी हीमोग्लोबिन जांच नहीं हो पाती है। केमिकल खत्म होने से सीबीसी जांच भी बंद है। ब्लड ग्रुप, यूरिन, शुगर व टाइफाइड जांच के अलावा एक्स-रे जांच भी बाहर से करानी पड़ती है। बाहरी दवाएं लेने में खाली हो रही जेब: बलगम व खांसी से पीड़ित अहिरौला के गोविद ने बताया कि डाक्टर साहब ने यहां न होने की बात कहते हुए बाहर की दवा लिख दी। अब इसे मजबूरी में खरीदना पड़ेगा। शिवम ने बताया कि नाना रक्षाराम का पैर दर्द कर रहा है। चिकित्सक ने दर्द की दवा बाहर से लिखी है।
कराएंगे जांच : समय से अस्पताल न आने वाले चिकित्सकों से कारण पूछा जाएगा। बाहर से जांच व दवाएं लिखने की जांच कराई जाएगी। दोषी मिलने पर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। - डा. सुजीत कुमार पांडेय, चिकित्सा अधीक्षक
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