Balrampur News: बलरामपुर में नरभक्षी तेंदुआ 20 दिनों में चार बच्चों को बना चुका निवाला, ग्रामीणों में फैली दहशत
बहराइच ही नहीं बलरामपुर में भी नरभक्षी तेंदुए का आतंक है। 20 दिनों में तेंदुआ 4 बच्चों को अपना निवाला बना चुका है इसके बाद भी वन विभाग की पकड़ से दूर है। वन विभाग के विशेषज्ञों की टीम को भी नरभक्षी तेंदुए की झलक नहीं मिल रही है। ये हालात तब हैं जब वन विभाग घटना वाले गांवों में ही टीम के कैंप करने का दावा कर रहा है।
जागरण टीम, बलरामपुर। नरभक्षी तेंदुए को पिंजड़े में कैद करने और ट्रैंकुलाइजर कर पकड़ने की वन विभाग की योजना बेकार साबित हाे रही है। तेंदुआ लालनगर सिपहिया और बेलवा गांव से निकलकर बनकटवा पहुंच गया। 20 दिनों के बीच तीन गांवों में चार बच्चों को निवाला बनाने वाला तेंदुआ ग्रामीणों को दिखता है, लेकिन जौनपुर से आई विशेषज्ञ टीम को उसकी झलक तक नहीं मिली।
जबकि वन विभाग घटना वाले गांवों में ही टीम के कैंप करने का दावा कर रहा है। सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग के रामपुर रेंज के रजडेरवा थारू के मजरे बनकटवा गांव में शुक्रवार को पांच वर्षीय रितेश को अपना निवाला बना डाला। जोगिहवा गांव निवासी रमेश कुमार का बेटा रितेश बनकटवा में अपने नाना खुशहाल के यहां आया था। वह सुबह करीब आठ बजे अपने नाना के साथ शौच के लिए जंगल के किनारे गया था।
इसी बीच तेंदुआ झपट्टा मारकर उसे जंगल की ओर खींच ले गया। ग्रामीणों के शोर मचाने पर तेंदुआ बालक का क्षत-विक्षत शव छोड़ कर भाग गया। शनिवार को पुलिस ने रितेश के शव का पोस्टमार्टम कराया। रजडेरवा थारू ग्राम प्रधान जोगिंदर थारू एवं जोगिहवा थारू गांव के पूर्व प्रधान मंगल थारू, कालूराम चौधरी, विश्राम चौधरी ने बताया कि सोनगढा,मुतेहरा, रजडेरवा के लोग घने जंगल से होकर अपने घर तक पहुंचते हैं।
ऐसे में नरभक्षी बन चुके तेंदुए को पकड़ा जाना बहुत जरूरी है। ग्रामीणों में दहशत है। बनकटवा गांव में अब तक पिंजड़ा नहीं लगाया गया है। प्रभागीय वनाधिकारी डा. एम सेम्मारन ने बताया कि गांव जंगल से घिरा है। इसलिए वहां पिंजड़ा नहीं लगाया जा सकता है। ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। लालनगर सिपहिया व बेलवा में पिंजड़ा और कैमरा दोनों लगा है। बनकटवा गांव में चारों तरफ चमकने वाली लाइट की व्यवस्था की गई है। गांव में जागरूकता के लिए पोस्टर भी लगवाए गए हैं। टीम गांव में कैंप कर रही है।
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