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ISIS Operative Abu Yusuf : कॉस्मेटिक की दुकान चलाने वाले अबु यूसुफ उर्फ मुस्तकीम ने बदल दी राह, बन गया आतंकी

ISIS Operative Abu Yusuf बलरामपुर से लखनऊ के लिए निकला अबु यूसुफ कॉस्मेटिक की दुकान खोलने से पहले इंटीरियर डेकोरेशन का काम करता था। प्लास्टर ऑफ पेरिस के काम में वह माहिर था।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Sun, 23 Aug 2020 04:25 PM (IST)
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ISIS Operative Abu Yusuf : कॉस्मेटिक की दुकान चलाने वाले अबु यूसुफ उर्फ मुस्तकीम ने बदल दी राह, बन गया आतंकी
बलरामपुर, जेएनएन। चार बच्चों के साथ ही पत्नी के साथ बेहद खुशहाल जिंदगी जी रहे अबु यूसुफ उर्फ मोहम्मद मुस्तकीम ने अचानक ही करीब दो वर्ष पहले अपनी राह बदल दी थी। कॉस्मेटिक की दुकान चलाने वाला मुस्तकीम तकनीकी रूप से दक्ष है। कॉस्मेटिक की दुकान खोलने से पहले वह इंटीरियर डेकोरेशन का काम करता था। प्लास्टर ऑफ पेरिस के काम में वह माहिर था।

बलरामपुर से लखनऊ के लिए निकला अबु यूसुफ दिल्ली में किसी बड़े काम को अंजाम देने पहुंचा था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के हत्थे चढऩे से पहले वह रेकी में लगा था। बलरामपुर की उतरौला कोतवाली क्षेत्र का बढय़ा भैंसाही गांव तो मुस्तकीम के कारनामे से बेहद चर्चा में है। बलरामपुर के उतरौला के हासिमपारा बाजार में कॉस्मेटिक की दुकान चलाने वाला अबु यूसुफ उर्फ मोहम्मद मुस्तकीम लगभग चार वर्ष पहले विदेश में प्लास्टर ऑफ पेरिस का काम करता था। वहां चोटिल हो जाने के बाद यहां आकर दुकान करने लगा।

उतरौला क्षेत्र के बढय़ा भैसाही गांव निवासी आतंकी दो साल से मनिहारी का वेश बनाकर बारूद का ढेर बिछा रहा था। हासिमपारा बाजार में कास्मेटिक की दुकानों की आड़ में आतंक की जड़े गहरी हो रही थी। हैरानी की बात यह है कि स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। मुस्तकीम परिवार में सबसे बड़ा है, जबकि दो भाई हसीब व हकीम कतर में रहते हैं। छोटा भाई अकीम अभी पढ़ाई कर रहा है। 

मुस्तकीम बीते शुक्रवार को लखनऊ में ममेरे भाई को देखने के लिए बस से निकला था। उसने मोबाइल से परिवारजन को पॉलीटेक्निक चौराहा लखनऊ पहुंचने की सूचना दी थी। उसके बाद से उसका मोबाइल बंद आ रहा है। परिवारजन शनिवार सुबह कोतवाली उतरौला में मुस्तकीम के लापता होने की सूचना देने गए थे।

नेटवर्किंग सिस्टम में शातिर है मैट्रिक पास मुस्तकीम

दिल्ली में पकड़े गए आतंकी मुस्तकीम खां ने घर में ही बम तैयार करने का कारखाना लगा रखा था। एटीएस व दिल्ली पुलिस की छापेमारी के बाद उसके घर में न केवल बारूद की बड़ी मात्रा मिली बल्कि मानव बम के रूप में प्रयुक्त होने वाली दो जैकेट भी बरामद हुई। हालांकि इन जैकेटों को उसकी पत्नी ने घर के पास स्थित तालाब में टीम के पहुंचने से पहले ही फेंक दिया था जिसे बाद में निकाला गया। उसके घर से प्रतिबंधित संगठनों के साहित्य भी बरामद किए गए।

उतरौला पुलिस को दी थी लापता होने की सूचना

लखनऊ की तरह की उतरौला में भी मुस्तकीम के घर वालों ने उसके लापता होने की सूचना दी थी। उतरौला कोतवाली की पुलिस उसे ढूंढऩे भी लगी थी। घर वालों ने पुलिस को बताया था कि वह शुक्रवार को घर से निकलते समय यह कहा था कि लखनऊ में अपने रिश्तेदार के यहां जा रहा था। इस रिश्तेदार ने ही उसके घर की एक युवती की शादी तय करायी थी। पर, रात दस बजे तक जब वह लखनऊ नहीं पहुंचा था और मोबाइल लगातार स्विच ऑफ मिलता रहा तो परिवारीजनों ने पुलिस को सूचना दे दी थी।

परिवार के साथ खुरासान जाना चाहता था अबू यूसुफ

भारत में इस्लामिक स्टेट की जड़ें मजबूत करने के बाद अबू यूसुफ अफगानिस्तान के खुरासान जाना चाहता था। यह उससे पड़ताल करने वाली पुलिस टीम का दावा है। अभी तक की जांच में पता चला है कि पांच-छह वर्ष से यूसुफ आईएसआईएस से प्रभावित होकर उससे जुड़ गया था। पहले वह यूसुफ-अल-हिंद के संपर्क में आया। सीरिया में उसके मारे जाने के बाद अबू हुजेफा (पाकिस्तानी) के संपर्क में था। 

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