बमरामपुर में तेंदुए का आतंक, रात में पटाखा फोड़ और आग जलाकर पहरेदारी कर रहे ग्रामीण
UP News बलरामपुर के हलौरा गांव में तेंदुए का आतंक थम नहीं रहा है। गांव के आसपास रोजाना तेंदुआ देखा जा रहा है। वन विभाग ने पिंजरा लगाया है लेकिन तेंदुआ कैद में नहीं आ रहा है। ग्रामीण मुर्गी फार्म के पास रात में पटाखा फोड़ने के साथ आग जलाकर पहरेदारी करने को मजबूर हैं। वहीं वन विभाग की टीम लोगों को जागरुक कर रही है।
संवाद सूत्र, गैंसड़ी (बलरामपुर)। हलौरा गांव में तेंदुए की दहशत कम नहीं हो रही है। गांव के आसपास तेंदुआ रोजाना देखा जा रहा है। वन विभाग ने पिंजरा तो लगाया है, लेकिन तेंदुआ कैद में नहीं आ रहा है। गांव के करीब तीन किमी परिधि में तेंदुआ दिखने से ग्रामीण सहमे हुए हैं।
ग्रामीण मुर्गी फार्म के पास रात में पटाखा फोड़ने के साथ आग जलाकर पहरेदारी करने को मजबूर हैं। गांव वालों की सतर्कता व वन कर्मियों के साथ गश्त के कारण किसी तरह की कोई घटना नहीं हुई है लेकिन, दहशत कम नहीं हो रही है।
गांव के राम नरेश ने बताया कि बीते शनिवार की शाम बालापुर चौराहे की तरफ जा रहे थे। तेंदुआ गन्ने के खेत से निकलकर सड़क पार करते दिखा। डर के मारे उल्टे पांव घर भाग आए। हनुमान ने बताया कि रविवार सुबह तालाब के पास बादशाह व सलमान अपनी भैंस चरा रहे थे। नर व मादा तेंदुआ दो शावकों के साथ देख सभी जल्दी-जल्दी भैंस लेकर गांव भाग आए।
शफीक ने बताया कि गांव के पश्चिम ईदगाह के पास बने मदरसे की छत पर भी तेंदुआ दिखा था। मोहम्मद रफीक का कहना है कि कि वह गांव के बाहर मुर्गी फार्म के पास प्रतिदिन देर रात पटाखा और आग जलाकर रखवारी की जा रही है। इससे तेंदुआ रात में तो गांव में नहीं दिखता है।
पिंजरे की जगह बदलने की आवश्यकता
ग्राम प्रधान इंद्रजीत साहू, इरशाद, अब्दुल अहद, हाफिज, रफीक, हामिद ने बताया कि जहां पिंजरा लगा है, वहां बारिश होने से पानी और कीचड़ हो गया था। बकरी तो बांधी जा रही है। कीचड़ के कारण तेंदुआ वहां नहीं जा रहा। पिंजरे की जगह बदल कर दूसरी जगह लगाने की जरूरत है।तेंदुआ हलौरा गांव के बाहर अपना ठौर बना रखा है, जो बदलपुर, संग्रामपुर, कुडोहा, सेमरी, गनेशपुर, दुर्गापुर, लैबुडवा, भोजपुर के बीच में दिखता है। हलौरा गांव के बाहर रात में रहता है।
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