Move to Jagran APP

फर्जी स्कूल बंद कराने से कतरा रहे अफसर

बीएसए की जांच में खामियां मिलने के बाद भी नहीं कार्रवाई खतरे में नौनिहालों का भविष्य

By JagranEdited By: Updated: Sun, 17 Apr 2022 11:49 PM (IST)
Hero Image
फर्जी स्कूल बंद कराने से कतरा रहे अफसर

बलरामपुर : नवीन शिक्षा सत्र में धड़ल्ले से चल रहे फर्जी स्कूलों को आला अधिकारी अभयदान दे रहे हैं। आलम यह है कि जांच में विद्यालय फर्जी मिलने की पुष्टि होने के बाद भी बीएसए ताला लगवाने की जहमत नहीं उठा रहे हैं। नोटिस थमाने के बाद अंडरटेबल गेम हो जाने से फर्जी स्कूलों की पौ बारह है। सवाल यह है कि जब अप्रैल में अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला फर्जी स्कूलों में करा देंगे, तो बाद में उनका भविष्य क्या होगा। वहीं मधुशाला के बगल चल रही पाठशाला पर चाबुक चलाने में जिलाधिकारी ने भी दिलचस्पी नहीं दिखाई। ऐसे में बेलगाम स्कूल संचालक बेखौफ होकर नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़ कर अभिभावकों की जेब पर डाका डाल रहे हैं।

इन स्कूलों की जांच कर दी गई थी नोटिस :

-31 मार्च को मान्यता की जांच करने निकले बीएसए ने चार स्कूलों के प्रबंधकों को नोटिस जारी की थी। सेंट जार्ज कान्वेंट स्कूल, डिवाइन पब्लिक स्कूल, मदर्स एजुकेशनल इकोपोडियम व लारेल कान्वेंट स्कूल से कमियों के बावत स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसके बाद बीएसए ने सात अप्रैल को आरके पब्लिक स्कूल सेखुईकला के प्रबंधक को बैजपुर में बिना मान्यता संचालित शाखा को बंद कराने की हिदायत दी थी। साथ ही सेखुई कला का विद्यालय शराब की दुकान के बगल संचालित मिलने पर नाराजगी जताते हुए मान्यता प्रत्याहरण की चेतावनी दी थी। इसी दिन ग्राम विकास जूनियर हाईस्कूल मझौवा में कक्षा आठ की मान्यता के नाम पर कक्षा 10 की कक्षाएं अवैध रूप से संचालित मिलने पर स्पष्टीकरण तलब किया था। हैरानी की बात यह है कि इन सभी स्कूलों में बीएसए ने स्वयं जाकर खामियां इंगित की थी। बावजूद इसके अब तक कोई कार्रवाई न होने से चर्चाओं का बाजार गर्म है। वहीं विभागीय अधिकारी व कर्मचारी भी फर्जी स्कूल संचालकों को सफेदपोशों का संरक्षण मिलने की बात दबी जुबान स्वीकार कर रहे हैं।

कार्रवाई की है तैयारी :

-बीएसए डा. रामचंद्र का कहना है कि सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को अपने ब्लाक में फर्जी स्कूलों को बंद कराकर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। शीघ्र ही सभी बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों पर ताला लगवाया जाएगा। अभिभावक अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए बच्चों का दाखिला मान्यता प्राप्त विद्यालयों में ही कराएं। यदि वह फर्जी स्कूलों का मोह नहीं छोड़ते हैं, तो नौनिहालों के भविष्य के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।