Move to Jagran APP

नवग्रह वाटिका पर उपेक्षा की ‘साढ़े साती’

नवग्रह वाटिका पर उपेक्षा की साढ़े साती

By JagranEdited By: Updated: Fri, 29 Jul 2022 10:26 PM (IST)
Hero Image
नवग्रह वाटिका पर उपेक्षा की ‘साढ़े साती’

नवग्रह वाटिका पर उपेक्षा की ‘साढ़े साती’

संवादसूत्र, बलरामपुर : तीन साल पहले तत्कालीन सीडीओ ज्योत्सना की पहल पर विकास भवन परिसर में विभिन्न औषधीय पौधों वाली नवग्रह वाटिका तैयार की गई थी। इसका उद्देश्य था दुर्लभ प्रजाति के पौधों की उपलब्धता रहेगी। इसे लेकर जरूरतमंद उसे औषधि के रूप में इस्तेमाल कर विभिन्न बीमारियों से निजात पा सकेंगे। साथ ही मानव जीवन पर प्रभाव डालने वाले सभी नौ ग्रहों को शांत करने के लिए तुलसी, गूलर, कुश समेत तरह-तरह के फूल, पौधे लगाए गए थे। मनरेगा से आठ लाख 15 हजार रुपये खर्च कर तैयार इस वाटिका से किसी का दर्द तो नहीं दूर हुआ और न ही किसी की ग्रह दशा शांत हुई, लेकिन मुख्य विकास अधिकारी के जाते ही वाटिका पर ही शनि की साढ़े साती लग गई। औषधीय पौधों की जगह उगी जंगली घास : मुख्य विकास अधिकारी की जगह पर आए नए अधिकारियों ने इसकी देखरेख कराने में तनिक दिलचस्पी नहीं ली। इसकी हालत बद से बदतर होती चली गई। अब हालत यह है कि शनि व मंगल समेत अन्य ग्रहों को शांत कर सुख प्रदान करने वाली नौ ग्रह वाटिका के अधिकांश पौधे सिंचाई न होने के चलते सूख गए हैं। कटाई छटाई न होने से नवग्रह वाटिका में औषधीय पौधों की जगह जंगली घास ने कब्जा जमा लिया है। सीडीओ समेत अन्य अधिकारियों का रोज इधर से ही दिन में कई बार आना जाना रहता है। उनके सामने ही वाटिका में मुरझाए पौधों को बेसहारा जानवर चट करते रहते हैं, लेकिन अफसर देखकर चले जाते हैं। शौचालय भी निष्प्रयोजय नौ ग्रह वाटिका को स्वच्छता वाटिका के रूप में भी विकसित करते हुए शौचालय बनवाए गए थे, लेकिन उसकी भी देखरेख बंद कर दी गई। ऐसे में फरियादियों को शौच के लिए भी जगह नहीं मिल पाती है। सीडीओ संजीव कुमार मौर्य का कहना है कि पार्क में फिर से औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। देखरेख भी कराई जाएगी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।