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यात्रियों के इंतजार ने बढ़ाई बस परिचालकों की मुसीबतें

परिवहन निगम की सेवाएं लॉकडाउन के दौरान करीब दो महीने बंद रहने के बाद दोबारा शुरू हो गईं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 10:05 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 10:05 PM (IST)
यात्रियों के इंतजार ने बढ़ाई बस परिचालकों की मुसीबतें

पवन मिश्र, बलरामपुर :

68 दिन चक्का जाम रहने के बाद सोमवार से परिवहन निगम की सेवाएं शुरू हो गईं। पहले दिन रोडवेज अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ यात्रियों में काफी उत्साह नजर आया। हालांकि पहले दिन सवारियां कम निकलने से कमाई नहीं हो पाई। सामान्य दिनों की अपेक्षा केवल दस प्रतिशत आय ही मिल पाई। परिवहन निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों को उम्मीद थी कि दूसरे दिन बस सेवाएं रफ्तार पकड़ लेंगी, लेकिन दूसरे दिन भी सन्नाटा रहा। अब बस परिचालकों को टेंशन है कि यदि सवारियां नहीं मिली, तो वेतन में बढ़ोतरी नहीं हो सकेगी।

आठ बसों से हुई 8735 की आमदनी : परिवहन निगम की बसें सोमवार से सड़कों पर दौड़ रही हैं, लेकिन सवारियां नहीं आ रही हैं। पहले दिन निकली 37 बसों में सात से अधिक बसें एक भी यात्री न मिलने के कारण आधे रास्ते से ही लौट आईं। घाटे में चल रही रोडवेज की कमाई का आलम यह है कि आठ बसों को 144 यात्री मिले, जिनसे 8735 रुपये की आमदनी हो पाई। दूसरे दिन भी रोडवेज की कई बसें सवारियां न मिलने के चलते आधे रास्ते से लौट आईं।

जिम्मेदार के बोल : सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक विश्राम का कहना है कि 68 दिनों के लॉकडाउन के चलते गांव की जनता अब भी शहर नहीं आना चाह रही है। ऐसे में रोडवेज बसें तो दौड़ रही हैं, लेकिन उन्हें सवारियां ही नहीं मिल रही हैं। परिचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि बसों में सवारियों को बैठाने के लिए प्रेरित करें जिससे रोडवेज की आय बढ़ सके।


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