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यहां फार्मासिस्ट के हाथों में पशुओं का इलाज

बलरामपुर: जिले में राजकीय पशु चिकित्सालयों की स्थित में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 19 Dec 2017 10:54 PM (IST)
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यहां फार्मासिस्ट के हाथों में पशुओं का इलाज

बलरामपुर: जिले में राजकीय पशु चिकित्सालयों की स्थित में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है। चिकित्सक के अभाव में वेटनरी फार्मासिस्ट ही पशुओं का इलाज कर रहे हैं। ऐसे में गुणवत्तापूर्ण इलाज न मिलने के कारण पशुओं को जान भी गवांनी पड़ती है।

मंगलवार को पूर्वाह्न 12 बजे राजकीय पशु चिकित्सालय सादुल्लाहनगर में वेटनरी फार्मासिस्ट जनक प्रसाद अभिलेख तैयार करते मिले। बीमार पशुओं की जांच के लिए परिसर में बना परीक्षण कक्ष जर्जर मिला। कक्ष का दरवाजा टूटा हुआ था। पशुओं की जांच व गर्भाधान के लिए बना स्थल भी बदहाल मिला। यहां पशुओं का उपचार किए जाने के कोई निशान नहीं मिले। फार्मासिस्ट ने बताया कि चिकित्सक के अभाव में वही पशुओं का उपचार करता है। केंद्र पर दवाओं का भी टोटा है। स्थानीय निवासी राकेश कुमार, प्रदीप व संतोष ने बताया कि अधिकांश दवाएं बाहर से ही लिखी जाती हैं। राजकीय पशु चिकित्सालय श्रीदत्तगंज में भी चिकित्सक नहीं है। वेटनरी फार्मासिस्ट अजय कुमार ¨सह ही अस्पताल आने वाले बीमार पशुओं का इलाज करना पड़ता है। इस केंद्र पर भी अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। गैंसड़ी क्षेत्र में संचालित राजकीय पशु चिकित्सालय बघेलखंड की स्थित और खराब है। केंद्र को स्थाई कर्मचारी तैनात नहीं है। राजकीय पशु चिकित्सालय बनकटवा के पशुधन प्रसार अधिकारी अनिल कुमार सहनी बघेलखंड से संबद्ध हैं। जो सप्ताह में दो दिन रविवार व सोमवार ही अस्पताल आते हैं। बाकी पांच दिन केंद्र पर ताला लगा रहता है। ऐसे में क्षेत्रीय पशु पालकों को जानवर का उपचार कराने के लिए दूर दराज के पशु अस्पताल जाना पड़ता है।

जिम्मेदार के बोल

-प्रभारी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. शोभाराम चौधरी का कहना है कि चिकित्सक की संख्या कम होने के कारण कुछ केंद्र फार्मासिस्ट के सहारे संचालित कराए जा रहे हैं। जिससे बीमार पशु को प्राथमिक उपचार मिल सके। चिकित्सक के आते ही उन्हें संबंधित केंद्र पर भेज दिया जाएगा।

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