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बलरामपुर से नेपाल तक का सफर होगा आसान

बहराइच-खलीलाबाद वाया बलरामपुर रेल लाइन बिछाने के लिए रेलवे विभाग ने कवायद तेज कर दी है। अब नेपाल तक का सफर आसान होगा। जिले के जिन गांवों से होकर रेल लाइन गुजरेगी उन सभी 51 ग्राम पंचायतों का नक्शा रेलवे विभाग को मिल चुका है। जल्द ही भूमि अधिग्रहण का काम शुरू होगा। गांवों का नक्शा दुरुस्त करने के लिए गोरखपुर की संस्था को जिम्मेदारी दी गई है। उतरौला डुमरियागंज श्रावस्ती से भिनगा तक रेलमार्ग बनने के बाद पड़ोसी देश नेपाल की यात्रा भी आसान हो जाएगी। केंद्र सरकार ने 4940 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 30 Aug 2019 06:33 AM (IST)
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बलरामपुर से नेपाल तक का सफर होगा आसान

बलरामपुर : बहराइच-खलीलाबाद वाया बलरामपुर रेल लाइन बिछाने के लिए रेलवे विभाग ने कवायद तेज कर दी है। अब नेपाल तक का सफर आसान होगा। जिले के जिन गांवों से होकर रेल लाइन गुजरेगी, उन सभी 51 ग्राम पंचायतों का नक्शा रेलवे विभाग को मिल चुका है। जल्द ही भूमि अधिग्रहण का काम शुरू होगा। गांवों का नक्शा दुरुस्त करने के लिए गोरखपुर की संस्था को जिम्मेदारी दी गई है। उतरौला, डुमरियागंज, श्रावस्ती से भिनगा तक रेलमार्ग बनने के बाद पड़ोसी देश नेपाल की यात्रा भी आसान हो जाएगी। केंद्र सरकार ने 4940 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।

इन गांवों का भेजा गया नक्शा :

- गांव दुलहिनपुर, जोरावरपुर, लालपुर जंगल, दुल्हापुर, फरेंदा, लुचुइया, गंगापुर, खरहरगड़ही, बहेरेकुइंया, हरबशपुर, रामपुर बनघुसरा, भवनियापुर, देवरिया, गनेशपुर, सेखुईया, चवईखुर्द, चवई बुजुर्ग, डोबाडाबर, विश्रामपुर, दारीचौरा, कपौवा शेरपुर, महमूदनगर, रैगांवा, बडहराकोट, पुरैनियाजाट, अमया देवरिया, जोगीवीर, सेखुईकस्बा, जुनैदपुर, लालगंज, मधपुर, हबीबपुर, चपरहिया, बक्सरिया, मिरजापुर, पिडरिया, पिपराराम, छितरपारा, पिड़ियाखुर्द, मैनहा, ताराडीह, गोवर्धनपुर, बांकभवानी, मलमलिया, चिचुड़ी, सहंगिया, सेखुईकला, टेढ़वातप्पाबांक, बंजरिया, बलुवा व जंगली का नक्शा उप मुख्य इंजीनियर गोरखपुर ने मांगा था। जिसे नामित संस्था रोली रंगोली ट्रेडर्स शांतिनगर गोरखपुर को उपलब्ध करा दिया गया है।

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तीर्थाटन को मिलेगा बढ़ावा :

नई रेलवे लाइन से पिछड़ेपन की मार झेल रहे श्रावस्ती, बलरामपुर व बहराइच में तीर्थाटन को बढ़ावा मिलने के साथ पर्यटन की भी संभावनाएं विकसित होंगी। जिले में 51 शक्तिपीठों में शुमार देवीपाटन मंदिर, श्रावस्ती में तीर्थाकर संभवनाथ की जन्मस्थली व भगवान बुद्ध का कर्मस्थल है।

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कोट

- रेलवे विभाग को नक्शा भेजा जा चुका है। उच्चाधिकारियों का निर्देश मिलते ही भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

- कृष्णा करुणेश, जिलाधिकारी

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