UP Flood: बरसात ने मचाई तबाही, टापू बन गए तराई के गांव; राप्ती नदी में उफान के बाद यूपी के इन इलाकों में आई बाढ़
राप्ती नदी लाल निशान से ऊपर पहुंच चुकी है जिसकी वजह से कई गांवों में बाढ़ आ गई है। बिजली न आने से ग्रामीणों ग्रामीणों के मोबाइल चार्ज नहीं हो पा रहे हैं। इससे आपदा की सूचना भी लोग प्रशासन को नहीं दे पा रहे हैं। लोग छतों पर खाना बना रहे हैं। तराई के कई गांव टापू बन गए हैं।
जागरण टीम, बलरामपुर। नौ दिनों से जिले में लगातार बारिश हो रही है। पहाड़ी नालों व बूढ़ी राप्ती नदी के उफान से तराई समेत गैंसड़ी व पचपेड़वा विकास खंड के गांव पानी में डूबे हैं। मेवालाल पुलिस चौकी से आगे तुलसीपुर मार्ग पर पानी का बहाव शुरू हो गया है। शहर के नईबस्ती, मानसपुरी, तुलसीपार्क समेत अन्य मुहल्लों में पानी भरा होने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं।
प्रशासन एसडीआरएफ टीमों के साथ बचाव एवं राहत कार्य करने का दम भर रहा है। बाढ़ को देखते हुए अयोध्या से 50 से अधिक बड़ी नाव व मोटरबोट मंगाए गए हैं। तराई क्षेत्र में बाढ़ से बचने को लोगों ने अपने मकान की छतों पर डेरा डाला है। राप्ती नदी का जलस्तर सोमवार सुबह पहले बढ़ना शुरू हुआ। 10 बजे के बाद नदी घटने लगी। दोपहर एक बजे के बाद नदी लगातार बढ़ रहा है। सुबह नौ बजे तक जलस्तर 105.040 मीटर पर आकर स्थिर हो गई, जो खतरे के निशान से 42 सेंटीमीटर ऊपर है।
डिपों पर चल रही प्रशासन की नाव
महराजगंज तराई के साहेबनगर डिप पर चार फीट से ऊपर पानी बहने से आवागमन प्रभावित है। ललिया-हरिहरगंज-बरदौलिया मार्ग स्थित लौकहवा डिप व झिन्ने नाला डिप पर प्रशासन ने एक-एक नाव की व्यवस्था कराई है। लालपुर विशुनपुर मार्ग पर कमदी गांव के पास तीन फीट पानी बह रहा है। शिवपुरा से झांगीडीह गांव को जाने वाले मार्ग पर चकैया नाले पर पानी पुल के ऊपर से बह रहा है। सिटकिहवा मोड़ प्रानपुर मार्ग पर अमहवा डिप पर तीन फीट व बढ़ईपुरवा डिप पर चार फीट पानी बह रहा है।छतों पर भोजन बनाने को मजबूर
राप्ती नदी में आई बाढ़ से महाराजगंज तराई के बरगदही गांव के लोग छतों पर भोजन बनाने को मजबूर हैं। प्रधान प्रतिनिधि मंगल देव सिंह ने बताया कि गांव के चारों तरफ पानी ही पानी है। विद्यालय व अन्य सरकारी भवनों में पानी भरा हुआ। महिलाओं व बच्चों को अत्यधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गांव के अधिकतर घरों में खाना छत पर बन रहा है। जिनके मकान छप्पर के हैं, वह दूसरे की छतों पर बैठकर खाना बना रहे हैं।वाहनों का आवागमन बंद है। मुबारक, मोती, बुधई सिंह, जयबक्श सिंह, मेवालाल आदि ने गांव में नाव व ग्रामीणों के लिए खाने की व्यवस्था कराए जाने की मांग की है। उपजिला अधिकारी तुलसीपुर अभय कुमार सिंह ने बताया कि गांव में बाढ़ का निरीक्षण लगातार किया जा रहा है। उधर ललिया के मदारगढ़ गांव निवासी लक्ष्मी व रमेश गौतम समेत करीब 10-12 परिवार के लोग घर की छतों पर भोजन पकाने को विवश हैं।
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