उमेश हत्याकांड: 10 साल बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला, दो को मिली सजा और दो हुए बरी- यह था पूरा मामला
ममता ने तहरीर में कहा कि रघुराज मोटरसाइकिल चला रहा था। उनके भाई विष्णु चौहान बीच में बैठे थे। तीसरे व्यक्ति को वह नहीं पहचानती थीं। उमेश की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस के साथ मामले की विवेचना सीबीसीआइडी से भी कराई गई। सीबीसीआईडी ने विष्णु चौहान रघुराज नंदलाल राजेश व उमानाथ के खिलाफ हत्या के मामले में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।
जासं, बलरामपुर : वर्ष 2014 में हुए नगर के बहुचर्चित उमेश प्रताप हत्याकांड के मामले में जनपद न्यायाधीश अनिल कुमार झा ने अभियुक्त रघुराज निवासी बंजारीबाग व राजेश चौहान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं दो अन्य आरोपित विष्णु चौहान व नंदलाल साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिए गए हैं।
दोषियों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये अर्थदंड अदा करना होगा। इनमें से दो लाख रुपये मृतक की पत्नी को मिलेगा। जुर्माना न अदा करने पर दोषियों को एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
सरकारी अधिवक्ता फौजदारी नरेंद्र प्रताप पांडेय ने बताया कि 12 अक्टूबर 2014 को नगर कोतवाली के सिविल लाइन मुहल्ला निवासिनी ममता सिंह पत्नी उमेश प्रताप सिंह प्राथमिकी दर्ज कराई।
आरोप लगाया कि रात साढ़े सात बजे वह अपने सिविल लाइन स्थित आवास के छत की बालकनी पर खड़ी की थीं। उनके साथ देवर विशाल व सास भी मौजूद थीं। पति उमेश प्रताप सिंह घर का सामान लेकर नीचे दरवाजे के पास पहुंचे थे। तभी एक मोटरसाइकिल से तीन व्यक्ति पहुंचे और उन्होंने उमेश के सीने से सटाकर गोली मार दी।
ममता ने तहरीर में कहा कि रघुराज मोटरसाइकिल चला रहा था। उनके भाई विष्णु चौहान बीच में बैठे थे। तीसरे व्यक्ति को वह नहीं पहचानती थीं। उमेश की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस के साथ मामले की विवेचना सीबीसीआइडी से भी कराई गई। सीबीसीआईडी ने विष्णु चौहान, रघुराज, नंदलाल, राजेश व उमानाथ के खिलाफ हत्या के मामले में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।
अभियोजन पक्ष की ओर से गवाहों के बयान दर्ज कराए गए। बचाव पक्ष से अधिवक्ता राज कुमार त्रिपाठी ने तर्क दिया कि रंजिशन फंसाया गया है। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद जिला जज ने रघुराज व राजेश चौहान को हत्या के मामले में शुक्रवार को दोष सिद्ध करार दिया था। विष्णु चौहान व नंदलाल को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।
शनिवार को आए फैसले में रघुराज व राजेश चौहान को आजीवन कारावास के साथ-साथ डेढ़-डेढ़ लाख रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। उधर मृतक उमेश प्रताप सिंह की बहन पूर्व प्रधान संध्या सिंह ने जनपद न्यायाधीश के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की बात कही है। कहा कि तहरीर में पांच लोगों को नामजद किया गया था। सीबीसीआईडी की जांच में पांचों लोग आरोपी पाए गए हैं।
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