UP Politics : साइकिल पर जब हुआ सवार तब हाथी दिल्ली पहुंचा पहली बार, गठबंंधन में पहली बार चखा था जीत का स्वाद
अब तक लोकसभा के 17 चुनाव हो चुके हैं। इन चुनावों में से बहुजन समाज पार्टी ने 1989 में पहली बार अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा। उस समय बलरामपुर लोकसभा सीट थी। पहले चुनाव में बसपा ने पूजाराम को चुनावी समर में उतारा था। पूजाराम को मात्र 8365 मत मिले थे। भाजपा कांग्रेस समेत कुल 10 उम्मीदवारों में बसपा को छठा स्थान मिला था।
लोकसभा चुनाव में श्रावस्ती की जनता ने सभी दलों को मौका दिया। भाजपा, कांग्रेस, सपा व निर्दल प्रत्याशी के समर्थन में दिल खोलकर वोट किए। इन सबके बीच बहुजन समाज पार्टी जनता का दिल जीतने में कभी कामयाब नहीं हो पाई। हर बार बसपा प्रत्याशी मजबूत दावेदारी के साथ मैदान में तो उतरे, लेकिन कमल, पंजा व साइकिल के आगे हाथी को शिकस्त मिलती रही।
वर्ष 2019 में जब हाथी ने साइकिल की सवारी की, तो उसे पहली बार दिल्ली पहुंचने का मौका मिल गया। सपा-बसपा गठबंधन होने पर बसपा के राम शिरोमणि वर्मा विजयी हुए थे। यहां के पहले बसपा सांसद के रूप में उन्हें संसद की सीढियां चढ़ने का अवसर मिला। इस बार का चुनावी समर शुरू होते ही उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया। इस बार बसपा किस पर दांव लगाती है। इसपर सभी की नजर है। बलरामपुर से अमित श्रीवास्तव की रिपोर्ट...