Mukhtar Ansari: मुख्तार की निगरानी में लगे 3 बाडी वार्न कैमरे कई माह से खराब, माफिया ने बताया था जान को खतरा
बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी ने सोनभद्र से ट्रांसफर होकर बांदा जेल में आए एक सिपाही से खुद की जान को खतरा बताया था। जिसके बाद बांदा जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मुख्तार की बैरक के आसपास भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की बात कही गई थी। वहीं अब सामने आया है कि मुख्तार की निगरानी में बाडी वार्न कैमरे कई माह से खराब है।
By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Sat, 09 Sep 2023 11:56 AM (IST)
बांदा, जासं। पूर्वांचल का माफिया मुख्तार अंसारी एक तरफ जहां जेल में स्थानांतरित होकर आए वार्डन से जान का खतरा बता रहा है, वहीं ऐसे संवेदनशील समय में उसकी निगरानी में लगाए गए तीन बाडी वार्न कैमरे खराब हैं। कई माह से खराब कैमरों को न तो सही कराया गया और न ही उनको बदला गया है।
मुख्तार अंसारी के मंडल कारागार में आने के बाद वहां की सुरक्षा व्यवस्था हाईटेक कर दी गई। जेल में 46 सीसी कैमरे लगे हैं। 73 जेल वार्डन व अधिकारियों के अलावा गैर जनपद से भेजे गए विशेष ड्यूटी के लिए 12 वार्डन एक डिप्टी जेलर निगरानी कर रहे हैं। दो बटालियन पीएसी का भी पहरा है। सिविल पुलिस भी पहरे पर है।
निगरानी व पारदर्शिता के लिए छह बाडी वार्न कैमरे 24 घंटे सक्रिय रहने के निर्देश हैं। मुख्तार की निगरानी में विशेष ड्यूटी करने वाले वार्डनों को बाडी वार्न कैमरे लगाना अनिवार्य है। तीन बाडी वार्न कैमरे करीब पांच माह से खराब हैं। यह स्थिति तब है, जब माफिया ने मऊ कोर्ट में में तीन दिन पहले हुई पेशी के दौरान सोनभद्र से स्थानांतरित होकर आए नये वार्डन से जान का खतरा बताया है। उसने हत्या का अंदेशा जताया है।
ऐसी स्थिति में कैमरे बढ़ने की जगह कम होना सुरक्षा-व्यवस्था की अनदेखी पर कई सवाल खड़े कर रहा है। पिछले वर्ष डीएम व एसपी को जेल में छापेमारी के दौरान वार्डन बाडी वार्न कैमरे नहीं लगे मिले थे। जिसमें तत्कालीन जेलर समेत जेल के पांच कर्मी को निलंबित तक होना पड़ता था।निदेशालय स्तर के जेल अधिकारियों का इस पर कोई ध्यान नहीं है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने कहा कि जेल के अंदर चप्पे-चप्पे पर कैमरे लगे हैं। जो कैमरे खराब हैं, उन्हें सुधारने व नए और भेजे जाने की मांग की गई है ताकि सुरक्षा व्यवस्था के मानक पूरे हो सकें।