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'किसी को इंतजार था मौत की खबर आए, लेकिन...', मुख्‍तार से मुलाकात के बाद भाई अफजाल अंसारी ने लगाए ये गंभीर आरोप

मुख्तार अंसारी की हालत बिगड़ने के बारे में जेल प्रशासन की ओर से उसके गृह जनपद के थाने में सूचना दी गई। जिसके बाद दिल्ली से उसके भाई पूर्व सांसद गाजीपुर आफजल अंसारी व पुत्र उमर व बहू निखत बानो समेत करीब पांच से छह लोग अलग-अलग दो वाहनों से रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज पहुंचे। जहां उन्हें मिलने से रोक दिया गया। जेल मैनुअल के हिसाब से परमिशन लेना पड़ा।

By shailendra sharma Edited By: Vinay Saxena Updated: Wed, 27 Mar 2024 08:17 AM (IST)
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मुख्तार अंसारी को देखने आए पूर्व सासंद और उसका भाई आफजल अंसारी।
जागरण संवाददाता, बांदा। मुख्तार अंसारी की हालत बिगड़ने की जानकारी होने पर उसके पूर्व सांसद भाई, पुत्र, बहू के साथ अन्य स्वजन व अधिवक्ता रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज पहुंचे थे, जहां माफिया से मुलाकात के बाद उन्होंने बताया कि बड़ा षड़यंत्र विफल हो गया है।

आरोप लगाया कि सातवीं बार मारने का प्रयास किया गया है। जहर खिलाने की वजह से स्टोमक पर असर पड़ा है। 40 दिन पहले भी जेल में भोजन चखने में डिप्टी जेलर समेत दो लोग बीमार हो गए थे। उन्हें मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। किसी को इंतजार था कि मौत की खबर आए, लेकिन ऊपर वाले ने इस बार फिर से बचा लिया है।

मुख्तार अंसारी की हालत बिगड़ने के बारे में जेल प्रशासन की ओर से उसके गृह जनपद के थाने में सूचना दी गई। जिसके बाद दिल्ली से उसके भाई पूर्व सांसद गाजीपुर अफजाल अंसारी व पुत्र उमर व बहू निखत बानो समेत करीब पांच से छह लोग अलग-अलग दो वाहनों से रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज पहुंचे। जहां उन्हें मिलने से रोक दिया गया। जेल मैनुअल के हिसाब से परमिशन लेना पड़ा। इसके बाद पूर्व सांसद को अंदर प्रवेश दिया गया।

करीब पौने एक बजे आने के बाद पौन घंटे तक अंदर रहे, लेकिन पूर्व सासंद ने बताया कि पांच मिनट करीब मुलाकात हुई है। मुख्तार से बेड पर बात हुई है। दिक्कत महसूस कर रहे हैं। स्टोमक में जहर की वजह से दिक्कत है। जहर का असर चरम में पहुंचने पर यह स्थिति हुई है।

यह उम्मीद बनी थी कि कहीं भी अब भेजने पर उसे बचना नहीं है। इसके बाद उसे यहां भेजा गया है। हालांकि ऊपर वाले बचा लिया है। अब वह होश में है बोल रहा है। मुख्तार की कहानी का अंत करने का प्रयास था। जहर की वजह से ही स्टोमक में दिक्कत हुई है। अपनी कठिनाई जो मुख्तार ने बताया है उसे न्यायालय में मामला रखा जाएगा। उनके मिलने से मुख्तार को अत्मबल महसूस हुआ है। सैकड़ों लोगों की दुआएं हैं। उन्हें ऊपर वाले पर भरोसा है। जब जिसका ऊपर से निर्धारित हो जाएगा। वह एक मिनट नहीं चलेगा। डाक्टर से बात करने पर उन्होंने बताया कि सर्जिकल कोई दिक्कत नहीं है। कब्जियत होगी जिसमें एनीमा लगाकर पेट साफ कराया गया है।

पूर्व सासंद एवं भाई ने कहा कि ओवर ईटिंग से दिक्कत हो सकती है, लेकिन रमजान में रोजे रखने से यह दिक्कत नहीं होती है। डॉक्टर स्वतंत्र होकर इलाज करे तो इलाज मिल सकता है। सत्ता के डॉक्टर भी दबाव में हैं।

सीमा में घुसते ही रोका वाहन

पूर्व सासंद ने बताया कि बांदा की सीमा से घुसते ही चुनाव के आचार संहिता को कहकर वाहन रोका गया। तलाशी की बात कही गई। यहां भी अंदर हर जगह बिना वर्दी के लोग हैं। इधर न खड़े हो उधर न खड़े हो कहा गया है।

साढ़े 14 घंटे पुलिस छावनी बना रहा मेडिकल कालेज

मुख्तार अंसारी को लेकर मेडिकल कालेज सुबह से शाम तक पुलिस छावनी बना रहा। एएसपी, सिटी मजिस्ट्रेट, तीन सीओ आदि अधिकारी मौजूद रहे। शहर कोतवाली, गिरवां थाना, कालिंजर, नरैनी आदि करीब आठ थानों की पुलिस तैनात रही। एसओजी व एलआइयू भी रही है।

सुबह मुख्तार को जहां तीन बजकर 45 मिनट पर मेडिकल कालेज में पहले इमरजेंसी व बाद में उसे आईसीयू प्रथम तल में भर्ती किया गया। वहीं शाम को छह बजकर 15 मिनट पर डिस्चार्ज किया गया। साढ़े छह बजे एंबुलेंस के साथ करीब सात अन्य वाहनों में सवार पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी आदि निगरानी की वजह से साथ रहे हैं।

दो बार कराया गया एक्स-रे 

सूत्रों की मानें तो शुगर, केएफटी व एलएफटी समेत 14 जांचे की गईं। जिसमें शुगर 140 निकली है। मेडिकल कालेज प्राचार्य डॉ. सुनील कौशल का कहना है कि सबकुछ नार्मल होने से डिस्चार्ज किया गया है।

एक एक्स-रे सुबह व दूसरा शाम को कराया गया। पेट साफ होने की दिक्कत थी। लेकिन एनिमा लगाकर पेट साफ करा दिया गया है। सुरक्षा के लिहाज से माफिया को मेडिकल कॉलेज के मुख्य आईसीयू में भर्ती कराया गया था। जहां तीन मरीज पहले से थे। तीन डॉक्टरो का पैनल मेडिसिन, सजन शैल्य चिकित्सा, आईसीयू चिकित्सा की देखरेख में उपचार हुआ है।

रक्षक बन जाएगा भक्षक तो कौन बचाएगा

मुख्तार के पुत्र व बहू आदि को मिलने नहीं दिया गया। उमर ने बताया कि शीशे से भी देखने नहीं दिया है। जेल में पिछली बार 2017 में जब जेल आए थे,जहर खिलाने से पीजीआइ में एक बार पिता भर्ती रहे हैं। बहुत दिनों में सही हुए थे। दूसरी जेल से बाद में उन्हें दोबारा यहां फिर लाया गया है। जब रक्षक ही भक्षक बन जाएगा तो कौन बचाएगा। वह न्यायालय की अभिरक्षा में हैं। इससे उनकी जान की हिफाजत करना भी अधिकारियों की जिम्मेदारी है।

बैरक में गश खाने पर बुलाए गए चिकित्सक

बैरक में गश खाने पर तीन चिकित्सक बुलाए गए। उनके उपचार करने पर भी ठीक नहीं हुआ तो उसे मेडिक कालेज ले जाया गया था।

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