बांदा जिला अस्पताल में जानवरों ने महिला को नोच-नोच खाया, मौत
बांदा में एक महीने से जिला अस्पताल में भर्ती एक लावारिस महिला को बुधवार की रात जानवरों ने नोंच डाला। सुबह उसका शव क्षत- विक्षत हालत में बेड पर पड़ा मिला।
By Ashish MishraEdited By: Updated: Fri, 07 Oct 2016 06:17 PM (IST)
बांदा (जेएनएन)। इंसानियत को शर्मसार करने वाली स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। लगभग एक महीने से जिला अस्पताल में भर्ती एक लावारिस महिला को बुधवार की रात जानवरों ने नोंच डाला। सुबह उसका शव क्षत- विक्षत हालत में बेड पर पड़ा मिला। मामले को दबाते हुए अस्पताल कमिर्यों ने आनन फानन शव मर्चरी में रखा दिया। मामला तब प्रकाश में आया जब सीएमएस ने ड्यूटी में तैनात स्टाफ नर्स से स्पष्टीकरण मांगा।
हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कहां गए बीमारियों के लिए केंद्र से मिले 25 करोड़दस सितंबर को कुछ लोगों ने एक लावारिस महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। उसके पैर का एक हिस्सा सड़ने लगा था। महिला की हालत देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने तीन स्टाफ नर्सो की देखरख में स्वाइन फ्लू वार्ड में भर्ती कर दिया था। डाक्टरों द्वारा लगातार इलाज किया जा रहा था। गुरुवार की तड़के वार्ड में तैनात नर्सों ने देखा कि महिला का शव शत-विक्षत हालत में बेड पर पड़ा हुआ है।
भाजपा को यूपी में मिल गया मुख्यमंत्री पद का दावेदार ! शरीर में जानवरों के नोचने के निशान हैं। उसकी मौत हो चुकी थी। मामले को दबाते हुए आनन फानन महिला को मृत घोषित कर अस्पताल की मर्चरी में रख दिया गया। मामले की जानकारी जब सीएमएस को हुई तो जिम्मेदार नर्सों से लिखित जवाब मांगा। तब जाकर मामला प्रकाश में आया।
संवादी : भाषा के रूप में भावनाओं की अभिव्यक्ति
क्या कहते हैं जिम्मेदार
- जानवरों द्वारा क्षत विक्षत की बात तो उन्होंने स्पष्टीकरण में लिखी है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उसकी मौत जानवरों द्वारा ही हुई है। कर्मचारियों को दुरुस्त रखने के लिए पत्र लिख दिया था। हो सकता है कि मर्चरी में रखवाने के बाद जानवरों ने काटा हो।- सीएमएस, जिला अस्पताल
क्या कहते हैं जिम्मेदार
- जानवरों द्वारा क्षत विक्षत की बात तो उन्होंने स्पष्टीकरण में लिखी है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उसकी मौत जानवरों द्वारा ही हुई है। कर्मचारियों को दुरुस्त रखने के लिए पत्र लिख दिया था। हो सकता है कि मर्चरी में रखवाने के बाद जानवरों ने काटा हो।- सीएमएस, जिला अस्पताल
-यदि ऐसा है तो यह घोर लापरवाही है। मामला सही पाए जाने पर जिम्मेदारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। दोषियों को किसी भी दशा में बख्सा नहीं जाएगा। -योगेश कुमार, जिलाधिकारी
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