Banda News: ढाई माह बीते, किसानों का नहीं हुआ 2.35 करोड़ का भुगतान; WHR भेजने के बाद भी लखनऊ से नहीं आई राशि
दलहन और तिलहन खरीद करने के बाद पीसीएफ में किसानों का 2.35 करोड़ रुपये फंस गया है। चारों जिलों में 30 जून तक खरीद हुई लेकिन ढाई माह बाद भी किसानों का भुगतान नहीं हो सका। जबकि पीसीएफ ने लखनऊ नैफेड को डब्ल्यूएचआर (बिलिंग) भेज दिया है। चना मसूर व सरसों बेच चुके 2311 किसान भुगतान के लिए पीसीएफ के लगातार चक्कर लगा रहे हैं।
By pradeep dwivediEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Thu, 14 Sep 2023 04:00 PM (IST)
जागरण संवाददाता, बांदा। दलहन और तिलहन खरीद करने के बाद पीसीएफ में किसानों का 2.35 करोड़ रुपये फंस गया है। चारों जिलों में 30 जून तक खरीद हुई, लेकिन ढाई माह बाद भी किसानों का भुगतान नहीं हो सका। जबकि पीसीएफ ने लखनऊ नैफेड को डब्ल्यूएचआर (बिलिंग) भेज दिया है।
चना, मसूर व सरसों बेच चुके 2311 किसान भुगतान के लिए पीसीएफ के लगातार चक्कर लगा रहे हैं। उन्हें सिर्फ आश्वासन देकर टरकाया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि जब नैफेड लखनऊ से धनराशि आएगी तभी भुगतान खातों में भेजा जाएगा। शासन ने चित्रकूटधाम मंडल में समर्थन मूल्य योजना के तहत दलहन-तिलहन खरीद के लिए 15 केंद्र खोले थे। इसमें 11 केंद्र पीसीएफ के और चार केंद्र यूपीपीसीयू के शामिल हैं।
पीसीएफ ने 3196 किसानों से 6251.450 मीट्रिक टन चना, 958 किसानों से 1571.700 मीट्रिक टन मसूर और 2894 किसानों से 6805.550 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की। खरीद की यह प्रक्रिया 30 जून तक चली। शासन से चना का समर्थन मूल्य 53,350 रुपये, मसूर का 60,000 और सरसों का 54,500 रुपये प्रति मीट्रिक टन निर्धारित किया था।
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केंद्र प्रभारियों ने खरीद तो पूरी कर ली, लेकिन भुगतान का पेंच फंस गया। चना बेचने वाले 41 किसानों का 36 लाख 42 हजार रुपये अभी तक नहीं दिया गया। जबकि मसूर खरीद में 98 किसानों का 79.63 लाख रुपये बकाया है। वहीं सरसों की खरीद में 92 किसानों का एक करोड़ 19 लाख 43 हजार रुपये की बकाएदारी है। अपनी दलहन की उपज का अच्छा मूल्य पाने के लिए किसानों ने सरकारी केंद्रों में बिक्री तो कर दी, पर अब पछता रहे हैं।
पीसीएफ से ढाई माह बाद भी भुगतान नहीं हो पा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि नैफेड की ओर से दलहन की खरीद व भुगतान किया जाता है। लखनऊ से अभी रुपये ही नहीं आए। जबकि किसान कभी पीसीएफ तो कभी प्रशासन के यहां चक्कर लगा रहे हैं।
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।पीसीयू एजेंसी भुगतान में अव्वल
शासन ने पीसीएफ के अलावा यूपीपीसीयू को भी दलहन-तिलहन खरीद का दायित्व सौंपा था। पीसीयू ने महोबा व हमीरपुर में दो-दो तथा बांदा में एक केंद्र खोला था। इन केंद्रों में करीब 2414 किसानों ने 21041.7 मीट्रिक टन चना, 26244.05 मीट्रिक टन सरसों तथा 5503.50 मीट्रिक टन मसूर की खरीद की थी। इसमें 28.74 करोड़ रुपये किसानों का हुआ, जिसमें पूरा भुगतान कर दिया गया है।- दलहन-तिलहन बेचने वाले किसानों का भुगतान अभी काफी रह गया है। नैफेड लखनऊ को कई बार पत्र भेजा गया है। उम्मीद है कि दो से तीन दिन में पैसा आ जाएगा। किसानों के खातों में पैसा पहुंच जाएगा।
प्रशांत कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक, पीसीएफ, चित्रकूटधाम मंडल