'जेल जाकर बुद्धि फिर गई', अरविंद केजरीवाल पर बरसे CM योगी; अन्ना हजारे को लेकर कही ये बात
सीएम योगी ने कहा कि अन्ना ने जिस कांग्रेस के खिलाफ आंदोलन किया था केजरीवाल ने उसे ही अपने गले का हार बना लिया है। सीएम योगी गुरुवार को यहां तिंदवारी में हमीरपुर-महोबा लोकसभा सीट के लिए चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यहां से पार्टी प्रत्याशी पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल के लिए जनता से वोट की अपील की।
जागरण संवाददाता, बांदा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बयानों पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि केजरीवाल की बु्द्धि जेल जाने के बाद फिर गई है। अन्ना हजारे के सपनों पर पानी फेरने वाले केजरीवाल अब मेरा नाम लेकर बातें कर रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा कि अन्ना ने जिस कांग्रेस के खिलाफ आंदोलन किया था, केजरीवाल ने उसे ही अपने गले का हार बना लिया है। सीएम योगी गुरुवार को यहां तिंदवारी में हमीरपुर-महोबा लोकसभा सीट के लिए चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यहां से पार्टी प्रत्याशी पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल के लिए जनता से वोट की अपील की।
अब ये फिर से दिल्ली वालों को खांसने के लिए मजबूर कर देंगे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि जेल जाकर उन्हें पता चल गया है कि अब वह कभी जेल के बाहर नहीं आने वाले हैं। उन्होंने अन्ना हजारे के सपनों पर पानी फेरने का काम किया है। इस पाप के लिए अन्ना हजारे उन्हें कभी माफ नहीं कर सकते।आम आदमी पार्टी ने सत्ता में पहुंचकर अपने ईद-गिर्द भ्रष्टाचारियों का जमावड़ा लगा दिया है। अन्ना दुखी होते होंगे कि मेरे आंदोलन की उपज किस प्रकार की राजनीति करते हैं। केजरीवाल के जेल में होने से दिल्लीवासी खुश थे कि कम से कम उनकी खांसी बंद थी, अब ये फिर से दिल्ली वालों को खांसने के लिए मजबूर कर देंगे।
सपा और कांग्रेस इन माफिया और डकैतों की संरक्षक रही
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि तिंदवारा विधानसभा देश का इतिहास लिखने वाला क्षेत्र है। इस विधानसभा ने प्रदेश को मुख्यमंत्री और देश को प्रधानमंत्री भी दिया है। जब यहां कार्यक्रम करने के लिए मुझसे कहा गया तो मैं खुद को रोक नहीं पाया।उन्होंने कहा कि आज से 10 साल पहले का बुंदेलखंड और आज के बुंदेलखंड में जमीन आसमान का अंतर है। पहले यहां माफिया हावी थे, खनन माफिया, भू माफिया, जंगल माफिया और डकैतों का आतंक था। सपा और कांग्रेस इन माफिया और डकैतों की संरक्षक रही है। ये लोग ऐसे तत्वों को यहां से जनप्रतिनिधि बनाकर भेजते थे, फिर यही माफिया और डकैत जनता का शोषण करते थे और संसाधनों पर डकैती डालते थे।
प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर बुंदेलखंड के युवाओं को पलायन करना पड़ता था, बेटियों, बहनों को मीलों दूर सिर पर मटकी रखकर पानी लाने को मजबूर होना पड़ा।
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