थाली से गायब हुआ मोटा आनाज, बढ़ रहीं बीमारियां
जागरण संवादाता बांदा कृषि विश्वविद्यालय में समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन-दलहन तिलहन एवं सीड हब
By JagranEdited By: Updated: Mon, 22 Nov 2021 06:05 PM (IST)
जागरण संवादाता, बांदा: कृषि विश्वविद्यालय में समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन-दलहन, तिलहन एवं सीड हब परियोजना की कार्यशाला आयोजित हुई। इस दौरान कुलपति ने बुंदेलखंड सहित देश में दलहन व तिलहन उत्पादन बढ़ने की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि मोटे आनाजों के थाली से गायब होने से कई प्रकार की बीमारियां बढ़ रहीं हैं। अब ये आनाज भूली बिसरी फसलों की श्रेणी में आ गए हैं। बुंदेलखंड दलहन तिलहन का कटोरा है। इन आनाजों की पैदावार बढ़ाने को विश्वविद्यालय हर संभव प्रयास करेगा।
कार्यशाला की अध्यक्षता कुलपति प्रो. नरेन्द्र प्रताप सिंह ने की। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने में दलहन, तिलहन एवं मोटे आनाजों का महत्वपूर्ण स्थान है। मोटे अनाज वर्तमान में भूली- बिसरी फसलों की श्रेणी में आ गया है। हमारे खाने की थाली से पिछले एक पीढ़ी से पूरी तरह से गायब हैं। जिसका असर हमें कई प्रकार की बीमारियों के रूप में देखने को मिल रही है। प्रदेश के सभी जिलों में दलहन एवं तिलहन के उत्पादन को बढ़ाने के लिये नई तकनीकियों के प्रसार को यह कार्यशाला आयोजित की गई है। इसमें 86 कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक व प्रतिनिधि प्रतिभाग कर रहें है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के उप प्रबंधक प्रो.एके सिंह ने आनलाइन संबोधन में कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों की भूमिका कृषकों के बीच वैज्ञानिकता लाने को एक महत्वपूर्ण केंद्र हैं।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।