रामविलास वेदांती ने कहा, हिंदू वाचक है ज्ञानवापी शब्द, देश में खत्म किया जाए अल्पसंख्यक का दर्जा
रामेश्वरम यात्रा के बाद बांदा में अपने रिश्तेदार के घर आए श्रीराम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष व पूर्व सांसद रामविलास वेदांती ने ज्ञानवापी को हिंदू शब्द बताते हुए कानून बनाकर मंदिर का निर्माण करने की बात कही है।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Sat, 15 Oct 2022 02:51 PM (IST)
बांदा, जागरण संवाददाता। श्रीराम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष व पूर्व सांसद रामविलास वेदांती ने कहा है कि ज्ञानवापी शब्द हिंदू वाचक है व संस्कृत परक है। ज्ञानवापी शब्द इस्लाम परक नहीं है। फिर ज्ञानवापी के मंदिर को तोड़कर औरंगजेब ने मस्जिद का निर्माण कराया। इतिहास से प्रमाणित है कि मुसलमानों ने मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनवाया। ऐसी स्थिति में उनको तत्काल कानून बनाकर मंदिर का निर्माण करना चाहिए।
पूर्व सांसद रामविलास वेदांती रामेश्वरम से शुक्रवार की शाम यहां सिविल साइंस में रिश्तेदार राजू द्विवेदी के घर पहुंचे और रात्रि विश्राम किया। शनिवार सुबह उन्होंने पत्रकार वार्ता की और इसके बाद ओरछा (झांसी) के लिए रवाना हुए। वार्ता में उन्होंने कहा कि जिस ढंग से देश में मुसलमानों की संख्या बढ़ती जा रही है, वह खतरे की घंटी है। केरल में पहले मुसलमान अल्पसंख्यक था, अब बहुसंख्यक हो गया है।
वेदांती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई है और आने वाले दस वर्षों में मुसलमान हिंदू से ज्यादा हो जाएंगे। सबसे पहला काम केंद्र सरकार को चाहिए कि सामान नागरिक संहित लागू करें, जनसंख्या नियंत्रण कानून तत्काल बनना चाहिए। अल्पसंख्यक का दर्जा खत्म करना चाहिए। देश में मुसलमानों की संख्या 20 करोड़ है और वह अल्पसंख्यक हैं। इंडोनेशिया के बाद भारत में सबसे ज्यादा मुसलमान हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निवेदन करुंगा कि पूरे देश में अल्पसंख्यक का दर्जा खत्म किया जाए। आतंकवादी गतिविधियों के बढ़ने का मूल कारण यही है, विशेष सुविधा देने के कारण ये सिर पर बैठकर बोलते हैं। पूरे विश्व में आतंक फैला हुआ है, जहां-जहां इस्लाम है, वहां आतंक है। इसीलिए जापान, फिजी व चीन में किसी मुसलमान को नागरिकता नहीं दी जाती है। मुझे बड़ा आश्चर्य है कि जब इस देश को आजादी मिली तो इस देश में जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री बनाए गए, उन्होंने मुसलमानों को अल्पसंख्यक दर्जा दे दिया।
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