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यूपी के इन क्षेत्रों में कभी हुआ करता था सपा का वर्चस्व, 'मोदी की गारंटी' के लिए विपक्ष ने खेला बड़ा दांव

कांग्रेस-सपा गठबंधन में बांदा-चित्रकूट संसदीय क्षेत्र की सीट सपा के खाते में गई है। सपा ने यहां भाजपा सरकार में मंत्री रहे शिवशंकर पटेल को मैदान में उतारा है और उन पर दांव लगाया है। वहीं लोकसभा चुनाव को लेकर जहां भाजपा सक्रियता में टॉप पर दिख रही है। वहीं सपा दूसरे नंबर पर है जो बूथ से लेकर जिला स्तर पर संगठन को मजबूत करने में लगी है।

By pradeep dwivedi Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 04 Mar 2024 09:15 AM (IST)
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इन क्षेत्रों में कभी हुआ करता था सपा का वर्चस्व, 'मोदी की गारंटी' के लिए विपक्ष ने खेला बड़ा दांव
जागरण संवाददाता, बांदा। कांग्रेस-सपा गठबंधन में बांदा-चित्रकूट संसदीय क्षेत्र की सीट सपा के खाते में गई है। सपा ने यहां भाजपा सरकार में मंत्री रहे शिवशंकर पटेल को मैदान में उतारा है और उन पर दांव लगाया है। वहीं लोकसभा चुनाव को लेकर जहां भाजपा सक्रियता में टॉप पर दिख रही है।

वहीं सपा दूसरे नंबर पर है, जो बूथ से लेकर जिला स्तर पर संगठन को मजबूत करने में लगी है। सपा यहां भाजपा के मोदी गारंटी की काट में बेरोजगारी और ओबीसी आरक्षण सहित स्थानीय मुद्दों को ढाल बनाने की तैयारी में है।

बांदा-चित्रकूट संसदीय क्षेत्र में मोदी लहर के पहले सपा का वर्चस्व रहा है। भाजपा के मौजूदा सांसद आरके सिंह पटेल सपा से 2009 में जीते थे। इसके पहले सपा से श्यामाचरण गुप्ता ने सपा के रास्ते संसद का रास्ता तय किया था।

2019 लोकसभा चुनाव में यहां सपा प्रत्याशी श्यामचारण गुप्ता दूसरे स्थान पर रहे थे। उन पर मोदी लहर भारी पड़ गई थी। इस बार सपा ने भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे शिवशंकर पटेल पर दांव लगाया है। वहीं सपा ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस के गठबंधन में लड़ा था। तब यहां से कांग्रेस प्रत्याशी को उतारा गया था। वहीं इस बार लोकसभा चुनाव में सपा ने पूर्व मंत्री शिवशंकर पटेल को प्रत्याशी घोषित किया है। अब कांग्रेस से गठबंधन होने के बाद भी यह सीट सपा के खाते में गई है।

कार्यकर्ता सम्मेलनों के जरिये सपा बढ़ाएगी सक्रियता बांदा

बसपा का दामन छोड़कर कुछ माह पहले सपा जिलाध्यक्ष बने डा. मधुसूदन कुशवाहा पार्टी को मजबूत करने और सपा की नीतियों को घर-घर पहुंचाने में जुटे हैं। वैसे यहां सपा में दो धड़े हैं, इन दोनों को जोड़ना सपा जिलाध्यक्ष के लिए चुनौती है। उनका कहना है कि भाजपा जितनी सक्रियता तो नहीं है पर सपा इंटरनेट नेटवर्किंग मजबूत कर कर रही है। कार्यकर्ता सम्मेलन करवाए जा रहे हैं। इनके जरिये जनता को भाजपा की नाकामियों से अवगत कराया जाएगा। यह सम्मेलन चारों विधानसभा क्षेत्रों में कराए जा रहे हैं। 12 को सदर, 14 को नरैनी व 16 को बबेरू में सम्मेलन होगा। इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।

उन्होंने बताया कि सपा ने कई वाट्सएप ग्रुप बनाए हैं। इसके अलावा फेसबुक में भी सक्रियता बढ़ी है। सपा के मुख्य मुद्दों में भाजपा की नाकाम नीतियां रहेंगी। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा सहित कई परीक्षाएं निरस्त हो गईं। इससे लाखों युवाओं का भविष्य बर्बाद हो गया। कोई भी जगह निकलती है तो मुकाम तक नहीं पहुंचती। भाजपा नौकरियां देने के बजाए खत्म कर रही है। मोदी की गारंटी का असर जनता पर नहीं पड़ेगा।

जिलाध्यक्ष कहते हैं कि कोई गुटबाजी नहीं है। सभी सपा की बैठकों में शामिल हो रहे हैं और सपा प्रत्याशी को जिताने में पूरी ताकत झोंक रहे है। वहीं कांग्रेस का भी पूरा समर्थन मिल रहा है।

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