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मातम में बदली खुशियां: बेटी की डोली की जगह उठी अर्थी, शादी से तीन दिन पहले दहेज को लेकर विवाद के बाद पिता ने दे दी जान

किसान राममनोहर की छह बेटियां थीं। जिसमें रेशमा को पिता सबसे ज्यादा चाहते थे। रेशमा घर में सबसे ज्यादा समझदार और कामकाज में आगे रहती थी। पिता हमेशा बेटी रेशमा की अच्छे घर में धूमधाम से शादी करने की बात करते थे। शादी के तीन दिन पहले दहेज देने को लेकर पत्नी से हुए विवाद के बाद पति ने फंदा लगाकर जान दे दी।

By pradeep dwivedi Edited By: Riya Pandey Updated: Tue, 23 Apr 2024 10:00 PM (IST)
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बेटी की शादी से तीन दिन पहले दहेज को लेकर विवाद के बाद पिता ने दे दी जान

संवाद सहयोगी, पैलानी। बेटी की शादी में दहेज देने को लेकर पत्नी से हुए विवाद के बाद पति ने फंदा लगाकर जान दे दी। ऐसे में बरात आने से तीन दिन पहले ही घर की खुशियां मातम में बदल गईं। मातृ पूजन के दिन पिता का अंतिम संस्कार हुआ।

सिंधनकला के मजरा हरबंसपुरवा में सोमवार रात करीब आठ बजे 50 वर्षीय किसान राम मनोहर ने घर के पास तालाब किनारे नीम के पेड़ में अंगौछे से फंदा लगाकर जान दे दी। ग्रामीणों ने देख स्वजन को जानकारी दी। बड़े बेटे कैलाश की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पेड़ से नीचे उतरवाया।

उसने बताया कि 25 अप्रैल को बहन रेशमा की बरात आनी है। शादी के तीन दिन पहले ही पिता ने जान देने से घर की खुशियां मातम में बदल गईं। वहीं पत्नी सुनीता समेत पूरे परिवार और शादी में शामिल होने आए लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। दिवंगत के छह लड़कियां व दो लड़के हैं। वह दो बीघा भूमि के अलावा बटाई की खेती लेकर कृषि कार्य करता था।

दहेज को लेकर हो गई कहासुनी

पत्नी ने बताया कि पति सोमवार को बेटी की शादी में दिए जाने वाले दहेज का सामान लेकर कस्बे से आए। पूर्व में हो चुकी दो बेटियों की शादी में दिए गए दहेज के सामान से ज्यादा रेशमा की शादी में दहेज देने को लेकर कहासुनी हो गई। वह शराब के नशे में थे, विवाद के बाद वह घर से निकल गए। कुछ ही देर में उनके जान देने की सूचना मिली। थानाध्यक्ष पैलानी संदीप सिंह पटेल ने बताया कि पत्नी से कहासुनी पर किसान ने जान दी है।

शादी की रस्म की जगह हुई अंत्येष्टि

किसान राममनोहर की छह बेटियां थीं। जिसमें रेशमा को पिता सबसे ज्यादा चाहते थे। रेशमा घर में सबसे ज्यादा समझदार और कामकाज में आगे रहती थी। पिता हमेशा बेटी रेशमा की अच्छे घर में धूमधाम से शादी करने की बात करते थे। रेशमा की शादी में उन्होंने जयमाल के लिए वर वधू के मालों की खुद बुकिंग की थी। लहंगा आदि की बुकिंग के लिए बेटी को पैसे देकर मनपसंद लहंगा बुक कराया था। बारात 25 अप्रैल को पंडोहरा गांव से आनी थी। सोमवार को शादी के पहले होने वाली रस्में चल रहीं थीं।

राममनोहर का इसी बीच बेटी के दहेज का सामान लेकर आना हुआ। वह शराब के नशे में पत्नी से झगड़ते हुए निकल गया। घर वालों को यह आभास ही नहीं था, ऐसा कुछ हो सकता है।

पिता के निधन के बाद शादी पर संशय

पिता राममनोहर के निधन के बाद अब बेटी की शादी को लेकर असमंजस की स्थिति है। इधर बेटी रेशमा का रो-रोकर बुरा हाल है। धूमधाम से शादी के अरमान पिता की मौत के साथ ही दफन हो गए। वह पिता के लिए दिखाए सपनों को याद कर बिलखती रही।

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