टाइल्स लदी स्पेशल मालगाड़ी के 10 डिब्बे पटरी से उतरे
-हड़कंप- - टला बड़ा रेल हादसा, राजकोट से असोम जा रही थी मालगाड़ी - मौके पर पहुंचे ड
-हड़कंप-
- टला बड़ा रेल हादसा, राजकोट से असोम जा रही थी मालगाड़ी
- मौके पर पहुंचे डीआरएम ने दिए जांच के आदेश
संवादसूत्र, बाराबंकी : जर्जर रेलवे ट्रैक पर सोमवार की सुबह गुजरात के राजकोट से असोम के कामाख्या जा रही टाइल्स लदी स्पेशल मालगाड़ी के 10 डिब्बे सफीपुर के निकट पटरी से उतर गए। जिसके चलते बांद्रा सहित आठ ट्रेनों को अलग स्टेशनों पर रोकना पड़ा। मौके पर पहुंचे डीआरएम सतीश कुमार ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। ट्रैक को सही कराने का कार्य जारी था। रात नौ बजे तक ट्रैक को सही कराने की बात बताई गई है। घटना से रेलवे प्रशासन में हड़कंप मचा रहा।
रेलवे सूत्रों के मुताबिक सोमवार की सुबह रेलवे के गेट संख्या 178 सी सफीपुर गांव के निकट डाउन लाइन पर किलोमीटर संख्या 1069 के पोल संख्या 28-30 के मध्य रेल पटरी बदलने व स्लीपर बदलने का कार्य चल रहा था। ट्रैक पर मानक के अनुरूप कार्य न होने के कारण ट्रैक ढीला हो गया, यहां पर दोनों पटरियां समानांतर नहीं थी। इसी बीच लखनऊ की ओर से आ रही मालगाड़ी जिसको 20 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से गुजरना था, लेकिन उसकी स्पीड तेज थी अचानक टैक पर आ गई। ट्रैक पर आते ही 45 डिब्बों वाली मालगाड़ी के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए। इसके चलते टैक भी कई जगह क्षतिग्रस्त हो गया। डिब्बे ट्रैक से उतरने के चलते डाउन लाइन से गुजरने वाली आठ ट्रेनों को मौके पर ही अलग-अलग स्टेशनों पर रोक दिया गया। इस दौरान अपलाइन से ट्रेनों को गुजारा गया। ट्रेन के गार्ड रामराज ने बताया कि यह स्पेशल मालगाड़ी है।
यह ट्रेनें हुई प्रभावित : डाउन लाइन पर मालगाड़ी के डिब्बे उतरने के कारण ट्रेनें घंटों अलग-अलग स्टेशनों पर खड़ी रहीं। बांद्रा एक्सप्रेस सफेदाबाद स्टेशन पर रोक दी गई। इसके अलावा 54334 फैजाबाद बालामऊ पैसेंजर, 9037 अवध आसाम एक्सप्रेस, 5023 सियालदहा एक्सप्रेस सफदरगंज स्टेशन पर रोक दी गई। 5015 गोरखपुर यशवंतनगर ट्रेन, 5203 लखनऊ बरौनी, 2531 इंटरसिटी फैजाबाद एक्सप्रेस भी घंटों बाद रवाना हो सकी। बाकी ट्रेनों को अप लाइन से गुजारा गया।
कोट
लापरवाही की जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। कहां से चूक हुई है। इसके बारे में पता लगाया जाएगा। एनआर के पूरे ट्रैक को सही कराने का कार्य किया जा रहा है।
-सतीश कुमार, डीआरएम, उत्तर रेलवे।