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छोटे-छोटे तालाबों पर विकसित होगी किरकिच्ची झील

सहायक मत्स्य निदेशक को मंत्री ने दिए प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश

By JagranEdited By: Updated: Thu, 05 May 2022 12:52 AM (IST)
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छोटे-छोटे तालाबों पर विकसित होगी किरकिच्ची झील

बाराबंकी : मत्स्य विभाग के मंत्री डा. संजय कुमार निषाद ने तालाबों का निरीक्षण किया। उन्होंने किरकिच्ची झील का निरीक्षण किया। इसमें रोजगार की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। मंत्री ने कहा कि एक बड़ा प्रोजेक्ट बनाकर छोटे-छोटे तालाब बनाए जाएंगे। यह तालाब लोगों को आवंटित कर मछलीपालन होगा। किरकिच्ची से लोगों को रोजगार मिल सकेगा और जलसंरक्षण का वास्तविक सपना पूरा होगा।

मंत्री को बताया गया कि किरकिच्ची झील 16 हेक्टेयर से अधिक है। इसमें छोटे-छोटे तालाब खोदवाकर लोगों को आवंटित किया जा सकता है। मंत्री ने सहायक निदेशक मत्स्य बीएस चौरसिया को प्रोजेक्ट तैयार कर भिजवाने का निर्देश दिया। मंत्री ने किरकिच्ची झील से पहले सदुल्लापुर गए, यहां मत्स्य पालक अर्चना और आरती सिंह को मछली को सुरक्षित रखने और परिवहन करने के लिए एक-एक रेफ्रीजेटर वाहन दिया। यह वाहन मत्स्य विभाग से अनुदानित हैं। इसके अलावा मत्स्य मंत्री ने बनीकोडर के दांदूपुर में मछली पालन कर रहे संग्राम सिंह के प्रोजेक्ट को देखा। संग्राम सिंह बीटेक है और इन्होंने नौकरी छोड़कर मछली पालन शुरू किया है। अब यह मछली के भोजन को भी तैयार करते हैं। मछली पालन से मंत्री काफी खुश हुए।

किसानों के खेतों में खोदवाए जाएंगे तालाब, मिलेगा अनुदान

बाराबंकी : खेत-तालाब योजना के अंतर्गत जल संरक्षण के लिए किसानों के खेतों में तालाब खोदवाए जाएंगे। इस बार 35 तालाब खोदे जाएंगे, जिस पर किसान को 50 प्रतिशत अनुदान भी दिया जाएगा।

खेत-तालाब योजना के अंतर्गत किसानों के खेतों में तालाब खोदवाए जाएंगे। 2022-23 में भूसंरक्षण विभाग को 35 तालाब खोदे जाने का लक्ष्य मिला है। भूसंरक्षण अधिकारी (गोमती) कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि योजना से तालाबों में बारिश का पानी संरक्षित होने के साथ ही खेतों की सिचाई भी हो सकेगी। तालाबों में वर्षा का भी संचित रहेगा। इससे भूजल स्तर ठीक रहने के साथ ही फसलों को भी लाभ पहुंचता है। वहीं, सिचाई के लिए पानी के लिए जद्दोजहद नहीं करनी पड़ेगी। तालाब में मछली पालन और सिघाड़ा पालन कर किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं।

एक तालाब पर एक लाख पांच हजार का खर्च

खेत-तालाब योजना के अंतर्गत खोदे जाने वाले तालाब पर एक लाख पांच हजार रुपये का खर्च आता है। इसमें से 52 हजार पांच सौ रुपये कृषक अंश तथा 52 हजार पांच सौ रुपये कृषक अनुदान है। पंजीकरण के बाद अनुदान किसानों के खाते में तीन किस्तों में पैसा भेजा जाता है। तालाब की लंबाई 22 मीटर, चौड़ाई 20 मीटर, गहराई तीन मीटर निर्धारित की गई है। तालाब की खोदाई के लिए तकनीकी सलाह विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा दी जाती है।

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योजना से लाभान्वित होने के लिए किसान भूसंरक्षण विभाग में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पर मंजूरी देकर उनके खेत को तालाब बनाने के लिए जेसीबी से खोदवाई कराई जाती है। इसमें किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।

कौशलेंद्र प्रताप सिंह, भूसंरक्षण अधिकारी (गोमती)।

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