शासकीय अधिवक्ता मथुरा प्रसाद वर्मा ने बताया कि अदालत को मुख्तार अंसारी की मृत्यु से जुड़े अभिलेख बांदा जेल से उपलब्ध करवाए गए थे जिनमें मुख्तार अंसारी की मौत हृदय गति रुकने से होने की बात कही गई थी। अदालत ने उन प्रपत्रों को साबित करने के लिए बांदा जेल के वरिष्ठ अधीक्षक को कोर्ट ने साक्षी के रूप में तलब किया था।
संवाद सूत्र, बाराबंकी। मुख्तार अंसारी की मौत से संबंधित प्रपत्रों को वरिष्ठ जेल अधीक्षक बांदा ने शनिवार को अदालत पर प्रमाणित किया। मुख्तार अंसारी गैंगस्टर मामले में अपर सत्र न्यायाधीश एमपीएमएलए कोर्ट कमलकांत श्रीवास्तव ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक को साक्षी के रूप में तलब किया था।
शासकीय अधिवक्ता मथुरा प्रसाद वर्मा ने बताया कि अदालत को मुख्तार अंसारी की मृत्यु से जुड़े अभिलेख बांदा जेल से उपलब्ध करवाए गए थे, जिनमें मुख्तार अंसारी की मौत हृदय गति रुकने से होने की बात कही गई थी। अदालत ने उन प्रपत्रों को साबित करने के लिए बांदा जेल के वरिष्ठ अधीक्षक को कोर्ट ने साक्षी के रूप में तलब किया था।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत पर पेश हुए।
उन्होंने मुख्तार की मौत से जुड़े प्रपत्रों को साबित करते हुए बताया कि उक्त प्रपत्र बांदा के सरकारी अस्पताल द्वारा जेल को उपलब्ध करवाए गए थे। अदालत में जज ने उनके बयान को लेखबद्ध किया। इसके बाद में मुख्तार के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक से जिरह भी की।
सह अभियुक्त शुएब मुजाहिद, मोहम्मद सलीम न्यायालय पर उपस्थित हुए जबकि जफर उर्फ चंदा संत कबीर नगर व अफरोज उर्फ चुन्नू गाजीपुर जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। सुनवाई की अगली तिथि 26 अप्रैल नियत की है।
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