UP: अब जलदूत एप से सुधरेंगे गांवों के कुओं के दिन, प्री और पोस्ट मानसून में जलस्तर की मिलेगी जानकारी
जलदूत एप के माध्यम से रोजगार सेवकों को जिम्मेदारी मिली है। जहां रोजगार सेवक नहीं हैं वहां पर पंचायत सचिव जलदूत बनेंगे। केंद्र सरकार ने जलदूत एप जारी किया है। इस एप के जरिए ग्राम विकास विभाग जल स्तर कुओं से मापेगा।
बाराबंकी, [दीपक मिश्रा]। जर्जर हो चुके कुओं की जरूरत फिर आन पड़ी है। इन कुआं के माध्यम से जलस्तर का मापन होगा। यह कार्य रोजगार सेवक और पंचायत सचिव करेंगे। जलस्तर लेने के लिए जलदूत एप का काम पूरा हो चुका है। इस एप के जरिए ही प्री और पोस्ट मानसून में जलस्तर का पता लगाया जाएगा। अभी तक भूगर्भ विभाग से ही जलस्तर की माप होती है।
चूंकि, विभाग के पास मैनपावर कम है तो अब इसकी जिम्मेदारी मनरेगा से नियुक्त रोजगार सेवकों को दी गई है। जहां रोजगार सेवक नहीं हैं, वहां पंचायत सचिव जल स्तर का मापन करेंगे। इसके लिए जलदूत एप को बनाया गया है। यह एप रोजगार सेवक और पंचायत सचिवों को दिया जाएगा। एप डाउनलोड करने के लिए मुख्य विकास अधिकारी एकता सिंह ने निर्देशित कर दिया है।
ऐसे होगा जल स्तर का मापन : भारत सरकार ने जलदूत एप का शुभारंभ एक महीने पहले ही कर दिया था, जिसका क्रियान्वयन अब शुरू हो गया है। रोजगार सेवक और पंचायत सचिव अपने मोबाइल में जलदूत एप को डाउनलोड करेंगे। एक गांव में चयनित दो या तीन कुओं के जलस्तर की जानकारी प्राप्त करने के लिए एप का प्रयोग किया जाएगा। वर्ष में दो बार (एक मई से 31 मई तक) प्री-मानसून और (एक अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक) पोस्ट मानसून में कुएं का स्तर मापा जाएगा। रोजगार सेवक एप पर जियो टैगिंग भी करेंगे।
आफलाइन और आनलाइन काम करेगा एप : मोबाइल में डाउनलोडेड जलदूत एप आनलाइन और आफलाइन दोनों माध्यम से काम करेगा। इसलिए इंटरनेट की कनेक्टिविटी के बिना भी जलस्तर की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। जानकारी प्राप्त की जाने वाली तारीख भी मोबाइल में स्टोर हो जाएगी और जब मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी क्षेत्र में आएगा, तो डाटा केंद्रीय सर्वर के साथ शामिल हो जाएगा।
केंद्र सरकार ने जलदूत एप जारी किया है। इस एप के जरिए ग्राम विकास विभाग जल स्तर कुओं से मापेगा। - अमोद कुमार, अधिशाषी अभियंता भूगर्भ व नोडल आफिसर यूपी।