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107/116 की कार्रवाई थोपने से जनता होती परेशान

कोटा पूरा करने या पल्ला झाड़ने को पुलिस करती है कार्रवाई

By JagranEdited By: Updated: Fri, 27 May 2022 12:58 AM (IST)
107/116 की कार्रवाई थोपने से जनता होती परेशान
107/116 की कार्रवाई थोपने से जनता होती परेशान

बाराबंकी : दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 107/116 का प्रयोग कानून व्यवस्था को बनाए रखने की अहम धारा है। जिसका प्रयोग संभावित विवाद के ²ष्टिगत किया जाता है, लेकिन पुलिस अपनी सहूलियत और बचत के लिए इसका गलत प्रयोग कर लेती है। खासतौर पर चुनाव के दौरान इसका सर्वाधिक प्रयोग होता है। पिछले चुनाव की तुलना में अधिक चालान के लक्ष्य को पूरा करने के दबाव में पुलिस अक्सर निर्दोष पर यह कार्रवाई कर देती है।

निदूरा : कुर्सी थाना के ग्राम नहवाई निवासी संतोष यादव का कहना है कि उन्होंने जीवन में कभी कोई लड़ाई नहीं की फिर भी उन पर 107/116 की धारा के तहत कार्रवाई की गई। जमानत के बाद भी कोर्ट के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। बहरौली निवासी अतुल मौर्या का कहना है कि आज तक उनका किसी से झगड़ा नहीं हुआ, लेकिन उनका चालान कर पाबंद कर दिया गया। बच्चों का पेट भरना मुश्किल है। उधार लेकर जमानत करानी पड़ी।

देवा : थाना के सुसवारा में रहने वाले प्रमोद कुमार का कहना है कि उनका विधान सभा चुनाव में 107/116 की धारा के तहत चालान कर दिया गया था इसकी जानकारी उन्हें तब हुई जब उनके पास नोटिस पहुंची। जिस पर उसे कोर्ट में जाकर जमानत करानी पड़ी।

सुबेहा के भटगवां निवासी दीपक रावत का कहना है कि उन पर कोई मुकदमा नहीं है फिर भी पुलिस ने चुनाव में 107/116 की कार्रवाई उन पर कर दी। जिससे कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाना पड़ा। आर्थिक, मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेलना पड़ता है।

107 व 116 की कार्रवाई दो पक्षों में विवाद की संभावना के ²ष्टिगत ही किया जाता है। यह कार्रवाई एक पक्षीय होती ही नहीं है। इसमें सक्षम न्यायालय पर जाकर पक्षकारों को जमानत करानी होती है, जिसमें छह माह के लिए एक मुश्त धनराशि के लिए पाबंद किया जाता है। छह माह के अंतराल में अगर दोनों पक्षों में कोई विवाद होता है तो वह धनराशि जब्त की जाती है।

पूर्णेंदु सिंह, प्रभारी पुलिस अधीक्षक, बाराबंकी ।