UP News: साइबर ठगों के जाल में फंसे रिटायर्ड कर्नल, 1.64 करोड़ की ठगी के हुए शिकार; केस दर्ज
साइबर ठगों ने डॉ. केएनएस मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (मेयो मेडिकल कॉलेज) के निदेशक और सेना से सेवानिवृत्त कर्नल एक करोड़ 63 लाख 71 हजार रुपये ठग लिए। साइबर थाना प्रभारी विजय सिंह सिरोही ने बताया कि साइबर ठगों ने उन्हें ऑनलाइन ट्रेडिंग के जाल में फंसाकर कई गुणा मुनाफे का लालच दिया। साइबर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
संवाद सूत्र, बाराबंकी। डॉ. केएनएस मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (मेयो मेडिकल कॉलेज) के निदेशक और सेना से सेवानिवृत्त कर्नल ने साइबर ठगों के जाल में फंसकर एक करोड़ 63 लाख 71 हजार रुपये गंवा दिए। यह ठगी उन्हें ऑनलाइन ट्रेडिंग में मोटा मुनाफा दिखाकर की गई। साइबर थाने में की गई शिकायत के बाद पुलिस ने मामले में अज्ञात ठगों पर मुकदमा दर्ज कर रुपये वापसी के लिए कसरत शुरू कर दी है।
मूलरूप से एटा कासगंज निवासी कर्नल (डॉ.) आलोक कुलश्रेष्ठ सेना से सेवानिवृत्त हैं और वर्तमान में डा. केएनएस मेमोरियल इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज में मेयो मेडिकल कॉलेज में निदेशक हैं और वहीं रहते हैं। उनके साथ जुलाई से अगस्त 2024 के समयावधि में साइबर ठगी हुई।
ऑनलाइन ट्रेडिंग के जाल में फंसाकर ठगी
साइबर थाना प्रभारी विजय सिंह सिरोही ने बताया कि साइबर ठगों ने उन्हें ऑनलाइन ट्रेडिंग के जाल में फंसाकर कई गुणा मुनाफे का लालच दिया। यही नहीं, इसके लिए उन्हें एक माह की ऑनलाइन ट्रेनिंग भी दी गई, जिसके लिए दो अलग-अलग फर्जी ट्रेडिंग एप डाउनलोड कराया गया। दोनों एप अलग-अलग समूह संचालित करते हैं, जिसमें से एक समूह की शालिनी त्रिवेदी ने नौ जुलाई 2024 को उनसे संपर्क किया और शेयर बाजार में निवेश के लिए आनंद सेल्व केसरी नामक व्यक्ति ने प्रशिक्षण दिया। इसके बाद उन्होंने अलग-अलग तिथियों में एक करोड़ 48 लाख 71 हजार रुपये का निवेश किया।बताई गई शर्तों के अनुसार उन्होंने आंकलन किया कि उनके निवेश की कीमत अब करीब पांच करोड़ हो चुकी है, जिसमें से लाभ की राशि निकालने का प्रयास किया तो उन्हें नए-नए शर्तों को बताकर 15 लाख रुपये और ठग लिए गए। आखिरकार उनको अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ।
साइबर थाने में की शिकायत
नौ सितंबर को साइबर थाना पहुंचकर मामले में शिकायत की। साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करा दी गई है, जिससे साइबर ठगी की रकम को ब्लॉक किया जा सके। मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है, जिससे अधिक से अधिक धनराशि वापस कराई जा सके।यह भी पढ़ें: 'आप मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त हैं, आपको डिजिटल अरेस्ट किया जाता है...', अलीगढ़ की महिला से 75 लाख की ठगी
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