Barabanki: श्रीराम ने भाईयों संग सप्तऋषि आश्रम में ग्रहण की थी शिक्षा, अब ये दोबारा बनेगा गुरुकुल; बच्चे कर सकेंगे पढ़ाई
सतिरख स्थित गुरु वशिष्ठ के आश्रम जिसे सप्तऋषि आश्रम कहते हैं वहां भगवान श्रीराम ने अपने भाई लक्ष्मण भरत व शत्रुघ्न के साथ शिक्षा-दीक्षा ली थी। इसलिए आश्रम से जुड़े संत व सतरिख के नागरिक चाहते हैं कि जिस तरह अयोध्या को श्रीराम के स्वागत में सजाया गया। सतरिख के सप्तऋषि आश्रम को भी राम के समय के गुरुकुल के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जाए।
प्रेम अवस्थी, बाराबंकी। अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनने के बाद राम से जुड़े स्थानों के विकास की ओर प्रदेश सरकार का ध्यान है। अवध के राम चिह्न वाले स्थानों को विकसित करने की दिशा में जिले के सप्तऋषि आश्रम को दोबारा गुरुकुल के रूप में विकसित किए की दिशा में गंभीरता से विचार हो रहा है।
मान्यता है कि सतिरख स्थित गुरु वशिष्ठ के आश्रम जिसे सप्तऋषि आश्रम कहते हैं, वहां भगवान श्रीराम ने अपने भाई लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न के साथ शिक्षा-दीक्षा ली थी। इसलिए आश्रम से जुड़े संत व सतरिख के नागरिक चाहते हैं कि जिस तरह अयोध्या को श्रीराम के स्वागत में सजाया गया। त्रेता युग जैसा वातावरण बनाने की कोशिश हुई, उसी तरह सतरिख के सप्तऋषि आश्रम को भी राम के समय के गुरुकुल के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जाए।
आश्रम के पास प्रवाहित होती है रेठ नदी
सप्तऋषि आश्रम के महंत नानक शरण दास ने गुरुकुल की तरह आश्रम को विकसित करने के लिए अपना सहमति पत्र देकर गुरुकुल के संचालन की मंशा को बल प्रदान किया है। आश्रम के निकट ही रेठ नदी प्रवाहित है, जिसे कालांतर में मानव नदी कहा जाता था।प्राचीन वैदिक शिक्षा पद्धति के विकास को मिलेगा बल
राम से जुड़े स्थानों व साक्ष्यों का संकलन करने वाले साहित्यकार अजय सिंह गुरु का कहना है कि सप्तऋषि आश्रम को गुरुकुल के रूप में विकसित किए जाने से हमारी प्राचीन वैदिक शिक्षा पद्धति के विकास को बल मिलेगा। जब राम का गुरुकुल बनेगा तो वहां पूरे देश से राम के अनुयायी अपने बच्चों को पढ़ने भेजेंगे। राम के गुरुकुल में पढ़ने वाला बच्चा भी स्वयं को गौरवान्वित महसूस करेगा।
सीएम योगी को लिखेंगे पत्र
अजय सिंह ने कहा कि वह भी इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखेंगे, ताकि राम का गुरुकुल राम मंदिर की तरह देश भर के लोग देखने आएं। अब इस गुरुकुल में भी बच्चे पढ़ सकेंगे।इनसेट-गुरुकुल के लिए शासन स्तर पर चल रही है बात : डीएम
सप्तऋषि आश्रम के कायाकल्प के लिए सर्वे कराया गया था, लेकिन आश्रम के महंत व अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के स्तर से उसे गुरुकुल के रूप में विकसित करने का सुझाव प्राप्त हो रहा है। इस पर गंभीरता से विचार कर शासन स्तर पर वार्ता की जा रही है। हरिद्वार के गुरुकुल की तर्ज पर संचालन के लिए कोई अच्छी संस्था से संपर्क किया जाएगा। हमारी पूरी कोशिश है कि जन भावनाओं के अनुरूप श्रीराम का गुरुकुल दोबारा संचालित हो।
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