UP Panchayat Chunav 2026: डिजिटल प्लेटफार्म पर UP के पंचायत चुनाव, सियासी चौपालों ने पकड़ा जोर
UP Panchayat Chunav 2026: अब पंचायत चुनाव के पैंतरों पर सूबे में भी सियासी समीकरण बनाए जाने लगे हैं। यही वजह है कि अब लखनऊ से पंचायतों की चुनावी हलचल डिजिटल प्लेटफार्म पर शुरू करवा दी गई है। यही वजह है पंचायत कि सियासी चौपालें अब आपसी मनभेद और मतभेद से इतर डिजिटल पर लगने लगी हैं।

चुनाव आयोग को पंचायत चुनाव अगले वर्ष 2026 में 25 मई से पहले करवाने हैं
नरेन्द्र मिश्र, बाराबंकी: प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अब करीब तीन माह का ही समय बचा है। गांव की नई सरकार चुनने के लिए हर गांव में सियासी कड़ियां पिरोई जा रही हैं।
आमतौर पर पंचायतों के चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद शुरू होते थे और गांवों के गलियारों और खेत खलिहानों में आपसी बतकही में ही चुनाव पूरे हो जाते थे। अब ऐसा नहीं है, पंचायत चुनाव के आयाम भी अब अब बदल रहे हैं। अब पंचायत चुनाव के पैंतरों पर सूबे में भी सियासी समीकरण बनाए जाने लगे हैं। यही वजह है कि अब लखनऊ से पंचायतों की चुनावी हलचल डिजिटल प्लेटफार्म पर शुरू करवा दी गई है। यही वजह है पंचायत कि सियासी चौपालें अब आपसी मनभेद और मतभेद से इतर डिजिटल पर लगने लगी हैं।
चुनाव आयोग को पंचायत चुनाव अगले वर्ष 2026 में 25 मई से पहले करवाने हैं। फरवरी-मार्च में आचार संहिता लागू करने की योजना बनाई जा रही है। प्रशासनिक स्तर पर भी यही प्रयास है कि पंचायत चुनाव समय से सम्पन्न करवा लिए जाएं। इन चुनावों में ग्राम पंचायत सदस्यों के साथ ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य के साथ ही राजनीतिक दलों के करीब माने जाने वाले जिला पंचायत सदस्यों को चुना जाना है। यह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव इसलिए भी बहुत अहम है, क्योंकि वर्ष 2027 में उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव है।
राजनीतिक दलों के एडवांस प्लान में पंचायत चुनाव सबसे ऊपर
ऐसे में प्रदेश स्तरीय राजनीतिक दलों के एडवांस प्लान में यह पंचायत चुनाव सबसे ऊपर है। सियासी दलों ने अपनी योजना के तहत पंचायत के अलंबरदारों की तवज्जो फिलहाल बढ़ा दी है। सत्तापक्ष भारतीय जनता पार्टी और प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अलंबरदारों को डिजिटली जागरूक होने का संदेश पहुंच गया है। अलंबरदारों को होमवर्क भी दिया जा रहा है, जिसमें अपनी पंचायत के दावेदारों पर अध्ययन करना शामिल है। यही नहीं, कद्दावर नेताओं के संपर्क में पंचायत के प्रतिनिधियों के कार्यकाल के अध्ययन की भी रिपोर्ट बनाई जा रही है। पंचायत के बजट का लेखाजोखा डिजिटल सिस्टम से ई- ग्राम स्वराज पर दर्ज होता रहता है। एक क्लिक पर किसी भी ग्राम पंचायत के आय-व्यय का विवरण कहीं भी कभी कोई देख सकता।
डिजिटल प्लेटफार्म से हर नागरिक मुखिया
डिजिटलीकरण की यह पहल पंचायती राज विभाग ने गत वित्तीय वर्ष 2023-24 से करके सभी को मानो डिजिटल हथियार दे दिया हो। अब पंचायत चुनाव में यह डिजिटल हथियार खूब रंग लाने वाला है। गांव के हर नागरिक को डिजिटल प्लेटफार्म ने मुखिया बना दिया है। अब अपने प्रतिनिधि से जागरूक नागरिक बेधड़क होकर अपने गांव को सरकार से मिले धन को कहां और कैसे और क्यों खर्च किया यह पूछ रहे हैं।
बढ़ती जा रही शिकायतों की फेहरिस्त
अब आमजन की जवाबदेही की स्थिति प्रदेश की 57,665 ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधियों के सामने विकट हो गई है। अब हर दिन शिकायतों की फेहरिस्त बढ़ती जा रही है। विभागीय अफसर भी हतप्रभ हैं कि अचानक इस वर्ष शिकायतों में बाढ़ क्यों आ गई है। शिकायतों पर जांच भी करवाई जा रही है। तहसील रामसनेहीघाट के ब्लाक दरियाबाद के ग्राम पंचायत तासीपुर, धामापुर, बनीकोडर के अमहिया, इब्राहिमाबाद के अलावा हैदरगढ़ के ब्लाक त्रिवेदीगंज की ग्राम पंचायत नरेन्द्रपुर मदरहा तो बानगी है, जहां ग्राम निधि की धनराशि का अपव्यय सामने आया।
यहां ग्रामवासियों के जीवनस्तर के सुधारने के लिए दी गई धनराशि खातों से निकाली गई और खर्च का विवरण बाकायदा डिजिटल प्लेटफार्म पर दर्ज भी की गई, लेकिन मौके पर संबंधित ग्रामीण सुविधा में कोई बदलाव नहीं आया। उदाहरण के तौर पर शुद्ध पेयजल हो या फिर जल निकासी और मार्गों का सुदृढ़ीकरण जैसे मूलभूत विकास जनपयोगी कार्य न करवाकर धनराशि की बंदरबांट कर ली गई। पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ब्लाक के जिम्मेदारों के शामिल होने के बगैर यह कारनामें संभव नहीं, तो ऐसे में जन शिकायत के डिजिटल हथियार ने ऐसे लोगों को उजागर किया। शिकायत पर जांच करवाई गई और जिलाधिकारी ने एक ग्राम पंचायत सचिव उपकार सिंह को निलंबित किया और अन्य ग्राम पंचायतों के वित्तीय अधिकार सीज कर दिए थे। यह सिलसिला बढ़ रहा है। अब जिले की 1155 ग्राम पंचायतों में शिकायतों से प्रतिद्वंदी को शिकस्त देने में डिजिटल हथियार की धार तेज की जा रही है।
कोई भी देख सकता है ग्राम पंचायत की स्थिति
जिला पंचायत राज अधिकारी बाराबंकी, नीतेश भोंडेले ने बताया कि ई-ग्राम स्वराज पर ग्राम पंचायत से संबंधित सभी जानकारियां दर्ज हैं, कोई भी ग्राम पंचायत की स्थिति देख सकता है। शिकायतों पर इधर तमाम पंचायतों में कार्रवाई गई है, दो दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों में जांच चल रही है।

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