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योग दिवस 21 जून के लिए किया जा रहा योगाभ्यास

इस बार योग दिवस की थीम मानवता के लिए योग है।

By JagranEdited By: Updated: Mon, 20 Jun 2022 12:58 AM (IST)
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योग दिवस 21 जून के लिए किया जा रहा योगाभ्यास

बाराबंकी : अमृत योग सप्ताह के अंतर्गत राजकीय इंटर कालेज स्टेडियम, पुलिस थानों, स्कूल-कालेजों व स्वयंसेवी संगठनों की ओर से सार्वजनिक स्थानों व पार्कों में योगाभ्यास कराया जा रहा है। इस दौरान लोगों को योगाभ्यास कराने के साथ ही उनका जीवन में महत्व भी बताया जा रहा है। इस बार योग दिवस की थीम 'मानवता के लिए योग' है।

नगर में हजाराबाग के ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की ओर से योग दिवस के ²ष्टिगत योगाभ्यास कराया गया। वरिष्ठ राज योगिनी माधुरी व दिव्या ने बताया कि राज योग में सभी तरह का योग समाहित है। राज योग हमें समस्त इंद्रियों का मालिक बनाता है। सहज राज योग की शिक्षा से निरोगी जीवन बनाया जा सकता है।

ब्रह्म कुमारी ज्योति ने राजयोग का अभ्यास कराया। हैदरगढ़ ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय ताला रुकुनुद्दीनपुर के परिसर में ग्राम पंचायत सहायक प्रशांत यादव की ओर से योगाभ्यास कराया गया। प्राथमिक विद्यालय गोतौना में कक्षा एक से पांच तक के 53 बच्चों को प्रधानाध्यापक मदन मोहन वर्मा योगाभ्यास करा रहे हैं। कुर्सी थाना परिसर में रविवार की सुबह कुर्सी थाना प्रभारी राम चंद्र सरोज सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने योगाभ्यास किया।

पंतजलि समिति 13 स्थानों पर लगाएगी शिविर

जासं, बाराबंकी : अमृत योग के सप्ताह के क्रम में पतंजलि योग समिति की ओर से शिविर लगाकर लोगों को अभ्यास करवाया जा रहा है। समिति के जिला प्रभारी राम स्वरूप यादव ने बताया कि समिति की ओर से योग दिवस पर सभी छह तहसील में 13 स्थान पर शिविर लगाए जाएंगे। इसमें करीब चार हजार लोग योगाभ्यास करेंगे।

नियमित प्राणायाम करें छात्र, दूर होगा तनाव और बढ़ेगी स्मरण शक्ति

तनावग्रस्त रहने व स्मरण शक्ति कमजोर होने पर छात्रों की पढ़ाई प्रभावित सकती है। तनाव से एकाग्रता नहीं रह पाती जिससे छात्रों का पढ़ाई में मन नहीं लगता। स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है और जिज्ञासु प्रवृत्ति क्षीण होने लगती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए छात्रों को नियमित प्राणायाम, ध्यान और योगासन करना चाहिए। इसके लिए पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी व मुख्य योग शिक्षक मुख्य योग शिक्षक राम स्वरूप यादव सूर्य नमस्कार, प्रणव उच्चारण, भ्रामरी, नाड़ीशोधन प्राणायाम व ताड़ासन, वृक्षासन करने की सलाह देते हैं। वह बताते हैं कि इनका नियमित अभ्यास करने से स्फूर्ति और ताजगी बनी रहती है। मन शांत और एकाग्र रहता है और स्मरणशक्ति बढ़ती है।

छात्रों के लिए हितकारी यह योगाभ्यास

राम स्वरूप यादव बताते हैं कि सूर्य नमस्कार करने से कंकाल तंत्र, तंत्रिका तंत्र, रक्त परिसंचरण तंत्र, प्रजनन तंत्र, पाचन तंत्र, श्वसन तंत्र, अंत:स्त्रावी तंत्र, उत्सर्जन तंत्र, पेशी तंत्र विधिवत कार्य करने लगते हैं। इससे बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास होता है। प्रणव उच्चारण करने से तंत्रिका तंत्र सामान्य रूप से सक्रिय हो जाता है। मानसिक शांति आती है। नाड़ी शोधन प्राणायाम करने से एक-एक कोशिका को आक्सीजन मिलती है, जिससे एकाग्रता आती है। स्मरण शक्ति बढ़ती है। भ्रामरी का अभ्यास करने से मन केंद्रित होता है। चंचलता खत्म होती है। सकारात्मक भाव पैदा होता है। पढ़ाई के प्रति रुझान बढ़ता है। वृक्षासन व ताड़ासन करने से बच्चों को शारीरिक विकास तीव्र गति से होता है।

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गंभीर बीमारियों से बचने को करें योग

वह बताते हैं कि योगाभ्यास न सिर्फ बीमारियों को मुक्ति दिलाता है बल्कि यह बीमारियों को होने से भी रोकता है। इसलिए गंभीर बीमारियों से बचने के लिए छात्रों के साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को एक घंटे योगाभ्यास जरूरी करना चाहिए। आजकल बच्चों की स्मरण शक्ति किशोरावस्था में घटने लगती है। इससे उनका करियर प्रभावित होता है। इसलिए योग को दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए।

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