बीमारियों से बचना है तो गंदगी, मच्छरों से दूर रहें
जागरण संवाददाता, बरेली : बारिश का मौसम शुरू हो चुका है। इसके साथ ही बीमारियां फैलने लगेंगीं। खासतौर
By JagranEdited By: Updated: Wed, 12 Jul 2017 09:19 PM (IST)
जागरण संवाददाता, बरेली : बारिश का मौसम शुरू हो चुका है। इसके साथ ही बीमारियां फैलने लगेंगीं। खासतौर से दूषित जल और मच्छरों से खुद को बचाना होगा। दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में आए वरिष्ठ फिजीशियन डा. सुदीप सरन ने ऐसे कई टिप्स दिए। जागरण कार्यालय फोन करने वाले पाठकों को बताया कि किस तरह बीमारियों से दूर रहा जा सकता है।
प्रश्न : सुबह और दिन में खाना खाने के बाद सुस्ती आती है। कई बार बुखार भी आता है। मुंह का स्वाद खराब हो गया है। अजय यादव, चेत गौटिया, चनेहटा उत्तर : आपको बुखार महसूस हो रहा है, लेकिन असल में बुखार है नहीं। खाने के बाद सुस्ती आने हाजमा ठीक नहीं होने के कारण पेट की खराबी है। आप अपने पेट का इलाज कराएं और दवा लें।
प्रश्न : मेरा दो साल का नाती है। थोड़ी से सर्दी में उसकी नाक बहनी शुरू हो जाती है। नाक लाल भी रहती है। बारिश के मौसम में कैसे बीमारी से बच सकते हैं। हरपाल सिंह, चेना, नवाबगंज
उत्तर : हो सकता है कि बच्चे की नाक में इंफेक्शन हो। खून की जांच करा लीजिए, स्नोफीलिया भी हो सकता है। नाक को दिखवाएं, वह टेढ़ी तो नहीं। नाक के डॉक्टर को दिखाएं। बच्चे को ठंड से एलर्जी भी हो सकती है। प्रश्न : बरसात में बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। इससे बचाव व सावधानियों के बारे में बताएं। क्या रोटा वायरस भी इसी सीजन में होता है। डा. रमेश, महानगर उत्तर : बारिश के बाद गंदा पानी जमीन की सतह पर पहुंच जाता है। यही पानी कई लोग इस्तेमाल करते हैं। गंदगी से मच्छर पनपते हैं, जो कई बीमारियों का कारण है। इसलिए गंदगी से बचें, साफ पानी पिएं। खुले खाद्य पदार्थ नहीं खाएं। समारोह में दूध के बने पदार्थ नहीं इस्तेमाल करें। प्रश्न : थोड़ी से ठंड होने पर नाक से पानी बहने लगता है। मुंह का जायका भी खराब हो गया है। जितेंद्र, इज्जतनगर उत्तर : लगता है कि आप बारिश में कहीं भीग गए या फिर भीगे कपड़े पहनकर काफी समय तक रहे होंगे। इससे आपको ठंड लग गई है। आपको दवा लेनी चाहिए। प्रश्न : मेरी उम्र करीब 26 वर्ष है और वजन करीब 75 किलो है। पेट बीते कुछ समय से लगातार बढ़ता जा रहा है। मैं शराब भी नहीं पीता हूं। पेट बढ़ने से रोकने के लिए क्या करना चाहिए। विशाल कुमार, कैमुआ उत्तर : शायद आप अधिक खाना खाते हैं। सबसे पहले तो अपनी भूख से 80 फीसद भोजन ही करें। हो सके तो चावल कम करके रोटी बढ़ा दें। सुबह और शाम को व्यायाम करें। रोजाना दौड़ जरूर लगाएं। अगर ऐसा नहीं करेंगे तो अगले पांच साल में आपका वजन सौ किलो हो जाएगा। प्रश्न : मच्छरों का प्रकोप ज्यादा हो गया है। दिन में भी बड़े-बड़े मच्छर होते हैं। मच्छरदानी लगाने से दम घुटता है। मच्छरों से बचने के क्या उपाय हैं। शुभम सक्सेना, शेरगढ़ उत्तर : मच्छरों की पैदावार बढ़ने का बड़ा कारण रुका हुआ गंदा पानी है। अपने आसपास पानी का ठहराव नहीं होने दें। कूड़े के ढेर पर भिनभिना वाली मक्खियां बीमारियां फैलाती हैं, इसलिए कही भी गंदगी नहीं होने दें। मच्छररोधी वस्तुओं का इस्तेमाल करें। प्रश्न : मैं ठेले पर फेरी का काम करता हूं। मेरे पैरों की अंगुलियां लाल हो रही हैं। उनमें काफी जलन होती है। खाल भी छूट रही है। क्या करूं। होरी लाल, फतेहगंज पश्चिमी उत्तर : बरसात में बार-बार पैर गीले होने के कारण यह समस्या रहती है। सबसे पहले आप जूते पहनना शुरू कर दें। पैरों को भीगने से बचाओ वर्ना इंफेक्शन हो जाएगा। कैंडिड ट्यूब लगाने से आराम मिलेगा। प्रश्न : मेरी उम्र करीब 19 साल है। मेरे मुंह में और गर्दन पर बहुत दाने निकल आए हैं। कई तरह के ट्यूब लगाने पर भी ठीक नहीं हो रहे। शिवम, शेरगढ़ उत्तर : ये सब युवा अवस्था के लक्षण हैं। आमतौर पर चेहरे पर ही मुहांसे निकलते हैं लेकिन शरीर में अन्य स्थानों पर भी यह हो जाते हैं। आप चेहरे को दिन में तीन से चार बार सॉफ्ट साबुन से धोए। दवा का कोर्स भी कर सकते हैं। प्रश्न : पूरे शरीर पर घमौरियां निकल गई हैं। थोड़ी सी धूप लगने पर बेचैन कर देती हैं। खुजली काफी हो रही है। विकास सक्सेना, शेरगढ़ उत्तर : गर्मी में त्वचा के अंदर से पसीने का काफी स्त्राव होता है। यह बाहर बैक्टीरिया के इंफेक्शन से घमौरियों में बदल जाता है। इसके लिए दिन भर में दो से तीन बार नहाए। पसीना नहीं आने दें, उसे पोछते रहे, कॉटन के कपड़े पहने। क्लोट्रेमाजोल पाउडर डालें। बर्फ का टुकड़ा घमौरियों पर घिसने से लाभ होगा। प्रश्न : मेरी उम्र करीब 52 वर्ष है। मेरे दोनों घुटनों के जोड़ पर दर्द रहता है। लखपत सिंह, अलीगंज उत्तर : आपको गठिया का लक्षण लग रहे हैं, लेकिन यह बीमारी का शुरुआती समय है। रोजाना सुबह 50 दंड बैठक जरूर लगाएं। यह दिन 15 दिन में ही गायब हो जाएगा। मच्छर और गंदे पानी से बढ़ेगी बीमारियां बारिश का मौसम संक्रमण काल माना जाता है। इस दौरान अगस्त से नवंबर तक पानी के संक्रमण और मच्छर जनित रोग बढ़ जाते हैं। गंदे पानी से होने वाली बीमारियों में टायफाइड, दिमागी सूजन, उल्टी-दस्त, कालरा आदि शामिल हैं। इसी तरह मच्छरों के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियां फैलने की आशंका रहती है। बरसात में त्वचा संबंधी रोग भी बढ़ जाते हैं। बीमारियों के लक्षण बरसात में बीमारी होने पर उल्टी आना, पेट खराब होना, जी मचलाना, भूख नहीं लगना, पेट में मरोड, ठंड से बुखार, सिर व शरीर में दर्द, तेजी से लगने वाली कंपकपी की दिक्कत होती है। डेंगू में लगातार कई दिन से बुखार, प्लेटलेट्स कम होना, सिर दर्द, शरीर में दर्द आदि होता है। बीमारियों से बचाव मच्छरों के पनपने पर रोक, गंदा पानी जमा नहीं होने देना, गंदगी के ढेर नहीं लगे हों, मक्खियों का निवारण हो। मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव करें। खुले खाद्य पदार्थ नहीं रखें। बासी न खाएं। खाने से पहले हाथ साफ से धो लें। बाहर से कहीं भी पानी नहीं पिएं और मच्छरों से बचें। प्रारंभिक उपचार मच्छर व दूषित पानी पीने से होने वाली बीमारियों का प्रारंभिक इलाज घर से शुरू किया जा सकता है। बुखार आने पर ठंडे पानी की पंिट्टयां रखनी चाहिए। बहुत तेज बुखार या बेहोशी हो तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाए। उल्टी, पेट खराब होने पर पानी, नीबू, शिकंजी पिएं। शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें। लूज मोशन में चाय, काफी और केला लाभदायक होता है।
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