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एथेनॉल प्लांट से बचेगी लड़खड़ाती सेमीखेड़ा शुगर मिल

बरेली, जेएनएन : सेमीखेड़ा शुगर मिल की 12 एकड़ खाली जमीन पर एथेनॉल प्लांट लगाने की तैयारी है। इसके लिए

By JagranEdited By: Updated: Mon, 16 Nov 2020 02:13 AM (IST)
एथेनॉल प्लांट से बचेगी लड़खड़ाती सेमीखेड़ा शुगर मिल

बरेली, जेएनएन : सेमीखेड़ा शुगर मिल की 12 एकड़ खाली जमीन पर एथेनॉल प्लांट लगाने की तैयारी है। इसके लिए 150 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार बना है। अब शासन की मंजूरी का इंतजार है।

जर्जर शुगर मिल का पिछले दिनों डीएम नितीश कुमार ने निरीक्षण किया था। जिसके बाद एथेनॉल प्लांट लगाने पर सहमति बनी है। उन्होंने मिल प्रबंधन के साथ बैठक भी की है। तय हुआ कि शुगर मिल एथेनॉल पैदा कर पेट्रोलियम कंपनियों को बेचकर मुनाफा कमा सकती है। प्लांट में सेमीखेड़ा शुगर मिल की मशीनों को अपडेट किया जाएगा। मिल की पेराई क्षमता 27500 क्विटल प्रतिदिन है। लेकिन जर्जर और पुरानी मशीनों की वजह से 20 हजार क्विटल गन्ने की पेराई हो पाती है। आधुनिक मशीन लगाकर मिल की पेराई क्षमता बढ़ाई जाएगी। इससे किसानों को भी फायदा होगा।

मंडल में कुल छह सहकारी चीनी मिल

बरेली मंडल में कुल छह सहकारी चीनी मिलें हैं। इनमें बरेली की सेमीखेड़ा चीनी मिल के साथ बदायूं में एक और पीलीभीत, शाहजहांपुर में दो-दो चीनी मिल मौजूद हैं। हाल में हुई एक बैठक में सहकारी चीनी मिलों की भंडारण की समस्या पर भी चर्चा हुई। अब गन्ना विभाग ने सहकारी चीनी मिलों पर समितियों के जरिये चीनी भंडारण के लिए गोदाम बनाने की व्यवस्था की है। इन गोदामों का निर्माण चीनी मिल समितियों को प्राप्त होने वाले अंशदान की 60 प्रतिशत धनराशि में से किया जाएगा। सहकारी चीनी मिल समितियां बाद में इन गोदामों को चीनी मिल को किराए पर देंगी। इसका एक निर्धारित किराया भी चीनी मिल से लिया जायेगा। इससे जहां समितियों की आय में बढ़ोतरी होगी वहीं चीनी मिलों को भंडारण की समस्या से निजात मिलेगी। ------------

सेमीखेड़ा की शुगर मिल पर आने वाले समय में एथेनॉल प्लांट लगाकर आर्थिक मजबूती देने की कोशिश होगी। 150 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेज रहे हैं। - नितीश कुमार, डीएम बरेली

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