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साइबर ठगी का नया तरीका आया सामने, इस एप के जरिए आसानी से लोगों को बनाया जा रहा शिकार; बरेली पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

साइबर ठगों ने ठगी के लिए एक और नया तरीका अपना लिया है। अब ये लोग एक एप का उपयोग कर लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं । इस एप का इस्तेमाल करके साइबर ठग पीड़ितों से उनकी व्यक्तिगत जानकारी हासिल करते हैं फिर उनका उपयोग धोखाधड़ी के लिए करते हैं। इसे लेकर पुलिस ने लोगों के लिए जागरुक रहने की अपील की है।

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Updated: Sat, 13 Jul 2024 09:36 PM (IST)
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बरेली पुलिस ने साइबर ठगों से सावधान रहने के लिए जारी की एडवाइजरी (प्रतिकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, बरेली। यूपीकॉप एप का उपयोग कर साइबर धोखाधड़ी का एक नया तरीका सामने आया है। इस एप का इस्तेमाल करके साइबर ठग पीड़ितों से उनकी व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करते हैं। फिर उनका उपयोग धोखाधड़ी के लिए करते हैं।

डिजिटल अरेस्ट, कमाई का झांसा देकर फंसाने के बाद यूपीकॉप से ठगी के मामले सामने आने पर बरेली पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। जनता से अपील करते हुए कहा है कि जागरूक बनें। सावधान रहें। लुभावने व ब्लैकमेल करने वाले फोन काल्स के झांसे में ना फंसे। तुंरत ही संबंधित थाना पुलिस से संपर्क करें। जालसाजाें के जाल में फंसने से बचने का एकमात्र यही उपाय है।

ऐसे करते हैं धोखाधड़ी 

  • साइबर ठग यूपीकाप एप का उपयोग करके एफआइआर आदि डाउनलोड कर वादी/प्रतिवादी/पीड़ितों का मोबाइल नंबर ढूंढते हैं। फिर, वे उन्हें फ़ोन करके या संदेश भेजकर संपर्क करते हैं और खुद को पुलिस अधिकारी बताते हैं।
  • पीड़ितों को उनके खिलाफ दर्ज एफआइआर के बारे में जानकारी देते हैं और उन्हें कार्यवाही के लिए डराते-धमकाते हैं।
  • साइबर ठग पीड़ितों का विश्वास हासिल करने के लिए पुलिस की वर्दी पहनकर या यूपीकाप एप दिखाकर उन्हें यकीन दिलाते हैं कि वे वास्तविक पुलिस अधिकारी हैं।
  • एक बार जब ठग पीड़ितों का विश्वास हासिल कर लेते हैं, तो वे उनसे उनकी बैंक खाता जानकारी, ओटीपी या अन्य संवेदनशील जानकारी मांगते हैं।
  • प्राप्त जानकारी का उपयोग करके, साइबर ठग पीड़ितों के बैंक खातों से पैसे निकाल सकते हैं या उनके नाम पर ऋण ले सकते हैं।

खुद को ऐसे बचाए 

  • अज्ञात काल या संदेशों से सावधान रहें।
  • यदि कोई अज्ञात व्यक्ति/साइबर ठग आपको फोन करता है या संदेश भेजता है और खुद को पुलिस अधिकारी बताता है, तो सावधान रहें।
  • अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले उनकी पहचान सत्यापित करें।
  • यदि कोई आपको यूपीकाप एप का उपयोग करके धमकाता है या आपसे रूपयों की मांग करता है, तो तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित/रिपोर्ट करें।
  • यदि आपको किसी एफआइआर के बारे में जानकारी चाहिए, तो आधिकारिक पुलिस वेबसाइट या निकटतम पुलिस स्टेशन से संपर्क करें।
  • सावधान रहें कि आप किसके साथ अपनी जानकारी साझा कर रहे हैंं? अपनी बैंक खाता जानकारी, ओटीपी या अन्य संवेदनशील जानकारी किसी भी अज्ञात व्यक्ति के साथ साझा न करें।

यह भी रखें ध्यान 

  • यह धोखाधड़ी का एक नया तरीका है और यदि आप इस धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, तो तुरंत स्थानीय पुलिस अथवा साइबर हेल्पलाइन नम्बर 1930 व बेवसाइट https://cybercrime.gov.in/ पर रिपोर्ट करें।
  • जागरूकता फैलाकर दूसरों को भी इस धोखाधड़ी से बचाने में मदद करें।
एसपी क्राइम मुकेश प्रताप सिंह के अनुसार, अपराधियों ने धोखाधड़ी का नया तरीका अपनाया है। वह यूपीकाप से एफआइआर डाउनलोड कर वादी व प्रतिवादी को फोन करते हैं। असली पुलिस वाला बताकर विश्वास में लेकर व भय दिखाकर बैंक खाते की जानकारी करते है और अनाधिकृत तरीके से पैसे ट्रांसफर कराते हैं।

ऐसे फोन कॉल आने पर तत्काल ही नजदीकी थाने जाकर शिकायत दर्ज कराएं। साइबर हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं। ओटीपी किसी भी दशा में किसी से झांसा ना करें। लोगों को भी इस जानकारी से अवगत कराएं जिससे वह धोखाधड़ी से बच सकें।

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