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बरेली में चकबंदी अधिकारी का पेशकार रिश्वत लेते गिरफ्तार, एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई; जेब से मिले 37 हजार रुपये

चकबंदी अधिकारी का पेशकार कलेक्ट्रेट में पकड़ा गया तो वहां मौजूद कर्मचारियों ने काफी पैरवी की। लेकिन किसी की एक न चली। एंटी करप्शन टीम आरोपित को लेकर कर्मचारी नगर स्थित उसके घर में दबिश देने पहुंची। घरवाले ताला लगाकर गायब हो चुके थे। इस पर आरोपित को इज्जतनगर थाने ले जाया गया। टीम आरोपित से पूछताछ में जुटी है। आज जेल भेजा जाएगा।

By Anuj Mishra Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 14 Aug 2024 07:46 AM (IST)
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चकबंदी अधिकारी का पेशकार रिश्वत के मामले में गिरफ्तार हुए हैं।

जागरण संवाददाता, बरेली। चकबंदी अधिकारी का पेशकार कलेक्ट्रेट में रिश्वत की पहली किस्त लेते पकड़ लिया गया। 10 हजार रुपये लेते एंटी करप्शन की टीम ने आरोपित को पकड़ा, तब तलाशी भी ली। उसकी जेब से टीम को 37 हजार रुपये और मिले। यह स्थिति तब थी जब टीम ने सुबह कार्रवाई की।

आरोपित के विरुद्ध इज्जतनगर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा में प्राथमिकी लिखी गई है। आरोपित मूलरूप से प्रेमनगर के गुलाबनगर का निवासी है। इज्जतनगर के कर्मचारी नगर स्थित ऑफिसर्स एन्क्लेव में उसने सैकड़ों गज में कोठी बनवा रखी है।

एंटी करप्शन के सीओ यशपाल सिंह के अनुसार, पीलीभीत के बरखेड़ा निवासी सुनील कुमार ने मामले में शिकायत की। उन्होंने बताया कि किला निवासी सुधा अग्रवाल पत्नी विजय अग्रवाल के वहां वह बतौर मैनेजर के रूप में काम करते हैं।

सुधा बुजुर्ग दंपति हैं। उन्हें मोहनपुर की भूमि गाटा संख्या 111 का पर्चा मिल चुका है। पर्चे के क्रम में सुधा अपना नाम खतौनी में अंकित कराने के लिए काफी समय से परेशान थीं। कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। थक हारकर जब वह परेशान हो गईं। तब खतौनी में नाम अंकित कराने के एवज में कलेक्ट्रेट में तैनात चकबंदी अधिकारी, बरेली द्वितीय अनुराग दीक्षित के संप्रति कनिष्ठ लिपिक (पेशकार) अभय सक्सेना ने 50 हजार रुपये रिश्वत की मांग की। काफी मनुहार के बाद भी आरोपित नहीं माना। रुपये ना मिलने पर काम से इनकार कर दिया। 10 हजार रुपये की पहली किस्त मांगी और शेष रुपये काम होने के बाद देने को कही।

एंटी करप्शन टीम ने की घेराबंदी

शिकायत पर एंटी करप्शन टीम ने इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में मंगलवार को आरोपित की घेराबंदी की। कलक्ट्रेट स्थित चकबंदी कार्यालय पहुंची। आरोपित ने जैसे ही 10 हजार रुपये की पहली किस्त पकड़ी। एंटी करप्शन टीम ने उसे धर दिया जिससे परिसर में खलबली मच गई। विभाग के ही कई लोग आरोपित की पैरवी में जुट गए लेकिन, एक ना चली। तलाशी में आरोपित की जेब से 37 हजार रुपये और बरामद हुए। 

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रिश्वत मांगने वालों की निर्भीक होकर करें शिकायत

किसी भी काम के लिए यदि कोई सरकारी कर्मचारी आपसे रिश्वत की मांग करता है। तब निर्भीक होकर मोबाइल नंबर 9454405475 व 945441653 पर शिकायत दर्ज कराएं।

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