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UP के बिजली उपभोक्‍ताओं के लिए काम की खबर, मीटर जांच के नाम पर हो रही मनमानी; पहले ही जान लें नियम

Electricity Meter Checking बिजली उपभोक्ताओं के लिए जरूरी खबर! बरेली में बिजली मीटर जांच में धांधली का खुलासा हुआ है। मीटर सेक्शन के कर्मचारी नियमों को ताक पर रखकर बीआई रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। रीडिंग और बिल की रकम को मीटर में स्टोर रीडिंग के आधार पर दर्ज नहीं किया। उपभोक्ताओं को जांच के साक्ष्य देने के बजाए बरगला कर भगाया जा रहा है। जानिए पूरी रिपोर्ट।

By Veer Singh Yadav Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 26 Sep 2024 03:48 PM (IST)
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Electricity Meter Checking: मीटर जांच में मनमानी उपभोक्ताओं की बढ़ा रही परेशानी. Concept Photo

जागरण संवाददाता, बरेली । Electricity Meter Checking: आमतौर पर बिजली उपभोक्ता आपूर्ति और बिलिंग से जुड़े अधिकारी और कर्मचारियों तक ही पहुंच पाते हैं। अधिकांश लोग मीटर सेक्शन (टेस्ट) के कामकाज और नियमों से अनजान हैं, टेस्ट में तैनात कर्मचारी नियमों को ताक पर रखकर उतारे गए उपभोक्ताओं के मीटर जांच रिपोर्ट (बीआइ) मनमाने तरीके से तैयार कर रहे हैं।

आरोप है कि मीटर की जांच (ब्राटिंग) के लिए दी गई लिखित तारीख से पहले रिपोर्ट तैयार की जा रही है। बीआइ रिपोर्ट की शिकायत पर उपभोक्ताओं को जांच के साक्ष्य देने के बजाए बरगला कर भगाया जा रहा है।

मीटर तोड़कर कबाड़ में फेंक देने की बात कह रहे अधिकारी

मीटर की रिपोर्ट पर सवाल उठाने वाले पीड़ित उपभोक्ताओं के आरोप है कि उन्हें दी गई ब्राटिंग रिपोर्ट मनमाने तरीके से तैयार की गई है। रिपोर्ट में दर्ज रीडिंग और बिल की रकम को मीटर में स्टोर रीडिंग के आधार पर दर्ज नहीं किया।

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आरोप है कि मीटर उतारते समय मौके पर उन्हें जो सीलिंग रसीद दी गई थी, संबंधित उपभोक्ता जब तय तारीख में मीटर लैब पहुंचता है, तो बताया जाता है कि उसके मीटर की बीआइ रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। अधिकारी और कर्मचारियों से मीटर की जांच प्रक्रिया से संबंधित वीडियो रिकार्डिंग या अन्य साक्ष्य मांगने पर इंकार किया जा रहा है। अधिकारी संबंधित उपभोक्ताओं से मीटर तोड़कर कबाड़ में फेंक देने की बात कहकर रहे हैं।

बीआइ रिपोर्ट के नियम

उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा के मुताबिक मीटर उतारते समय सीलिंग पर दी गई तिथि में यदि उपभोक्ता टेस्ट लैब में नहीं पहुंचता है, उसे डाक के माध्यम से नोटिस भेजकर एक सप्ताह का समय और दिया जाता है।

नोटिस अवधि में भी उपभोक्ता द्वारा संपर्क न करने पर मीटर की ब्राटिंग वीडियो रिकार्डिंग में की जा सकती है। सीलिंग रसीद पर दी गई तारीख से पहले मीटर की बीआइ रिपोर्ट बनाना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। इस तरह के मामले को प्रबंधन के समक्ष रखा जाएगा।

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केस एक-

मकान नंबर-179 आनंद विहार कालोनी निवासी जावेद जेहरा का आरोप है कि बीते वर्ष- 2024 में 27 जून को पुराना बताकर उनका मीटर उतारा गया। मौके पर दी गई सीलिंग रसीद में 30 जून ब्राटिंग की तारीख दी गई, वह परिजनों के साथ मौके पर लैब में पहुंची, जहां बताया कि उनके मीटर की बीआइ जांच हो चुकी है। 890 यूनिट स्टोर रीडिंग बताई, जबकि वह नियमित बिल का भुगतान कर रही थी। जांच की वीडियो रिकार्डिंग मांगने पर मनाकर दिया।

केस दो-

गोकुलधाम कालोनी निवासी देवी दास का आरोप है कि वर्ष- 2024 छह अप्रैल को मीटर उतारा गया, मौके पर सीलिंग रसीद में नौ अप्रैल ब्राटिंग की तारीख दी गई।उपभोक्ता का आरोप है कि वह निर्धारित तिथि में टेस्ट लैब पहुंचा,जहां तैनात कर्मचारियों ने बताया कि मीटर की जांच हो चुकी है। रिपोर्ट थमा दी। जांच रिपोर्ट के आधार पर करीब 40 हजार रुपये का बिल बना दिया। संदेह के आधार पर बीआइ जांच की वीडियो मांगी तो मना कर दिया।

मीटर लैब में मनमानी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बीआई रिपोर्ट मानकों के अनुसार बनाई जाए, सख्ती से पालन कराया जाएगा। - रणविजय सिंह, मुख्य अभियंता, विद्युत वितरण बरेली जोन प्रथम

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