सैन्य क्षेत्र में आर्मी इंटेलिजेंस ने पकड़ा संदिग्ध व्यक्ति Bareilly News
सूचना पर कैंट थाना क्षेत्र के रिठोरा चौकी प्रभारी भी मौके पर पहुंचे। संदिग्ध को हिरासत में लेकर आर्मी के अफसर पूछताछ कर रहे हैं ।
By Abhishek PandeyEdited By: Updated: Mon, 02 Sep 2019 09:21 PM (IST)
बरेली, जेएनएन : छावनी क्षेत्र से असलम अंसारी नामक एक संदिग्ध युवक को मिलिट्री इंटेलीजेंस ने पकड़ लिया। युवक के बैग से जो सामान बरामद हुए उससे जासूस होने की आशंका जताई जा रही है। मिलिट्री इंटेलीजेंस और इंटेलीजेंस ब्यूरो (आइबी) ने उससे पूरे दिन पूछताछ की। शाम को युवक कैंट पुलिस के सुपुर्द कर दिया, जहां से देर रात दिल्ली से आए पिता को सौंप दियागया।
सोमवार सुबह सात बजे जंक्शन से कैंट रोड तिराहे पर एक युवक सड़क किनारे कुछ ड्राइंग बना रहा था। पास ही कंपास भी था। टहलने निकले कुछ युवकों ने शक होने पर घेर लिया। जासूसी का आरोप लगाया। सूचना पर मिलिट्री इंटेलीजेंस की टीम भी पहुंच गई। तलाशी में युवक के पास से एक कंपास, कुछ नक्शे और तैयार हो रहा मैप मिला। जिसके बाद इंटेलीजेंस पूछताछ के लिए उसे अपने साथ ले गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मौके पर बातचीत के दौरान आरोपित युवक ने मिलिट्री इंटेलीजेंस को अलग-अलग बयान देकर कई बार गुमराह भी किया। ऐसे में चर्चा होने लगी कि आरोपित पड़ोसी देश पाकिस्तान का जासूस हो सकता है। उससे मिले मोबाइल नंबर के आधार पर परिजनों से बातचीत हुई है।
सोमवार सुबह सात बजे जंक्शन से कैंट रोड तिराहे पर एक युवक सड़क किनारे कुछ ड्राइंग बना रहा था। पास ही कंपास भी था। टहलने निकले कुछ युवकों ने शक होने पर घेर लिया। जासूसी का आरोप लगाया। सूचना पर मिलिट्री इंटेलीजेंस की टीम भी पहुंच गई। तलाशी में युवक के पास से एक कंपास, कुछ नक्शे और तैयार हो रहा मैप मिला। जिसके बाद इंटेलीजेंस पूछताछ के लिए उसे अपने साथ ले गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मौके पर बातचीत के दौरान आरोपित युवक ने मिलिट्री इंटेलीजेंस को अलग-अलग बयान देकर कई बार गुमराह भी किया। ऐसे में चर्चा होने लगी कि आरोपित पड़ोसी देश पाकिस्तान का जासूस हो सकता है। उससे मिले मोबाइल नंबर के आधार पर परिजनों से बातचीत हुई है।
फिलहाल यह मिला नाम-पता
संदिग्ध युवक ने कई बार इधर-उधर की बात करने के बाद अपना नाम असलम अंसारी बताया। उसने एक मोबाइल नंबर दिया जोकि उसके पिता तैय्यब अंसारी का है। जांच टीम ने फोन किया तो तैय्यब ने बताया कि वह बिहार के सीतामढ़ी जिले में समौल सहपुर गांव के रहने वाले हैं। बेटे (असलम) का दिमागी इलाज कराने के लिए ट्रेन से बरेली जंक्शन पहुंचे थे। रात में जंक्शन के पास फुटपाथ पर सोए तो बेटा कहीं चला गया। सुबह बेटा नहीं मिला तो वह दिल्ली चले गए। जो टास्क दिया जाएगा वही काम करेंगे
उत्तर भारत एरिया मुख्यालय से महज कुछ सौ मीटर दूर सैन्य क्षेत्र में जासूसी के शक में पकड़े गए असलम अंसारी की हकीकत जांच में सामने आएगी। मगर, उसके पास से जो वस्तुएं बरामद हुईं, वे सामान्य नहीं। कहा जा रहा कि उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है। इसके बावजूद उसका कई भाषाओं का जानकार होना, पुलिस के लिए सवाल बना हुआ है। उसे फिलहाल कैंट थाने में रखा गया है। उसने बातचीत और पूरी तफ्तीश के बाद ही तय हो सकेगा कि सच्चाई क्या है।
संदिग्ध युवक ने कई बार इधर-उधर की बात करने के बाद अपना नाम असलम अंसारी बताया। उसने एक मोबाइल नंबर दिया जोकि उसके पिता तैय्यब अंसारी का है। जांच टीम ने फोन किया तो तैय्यब ने बताया कि वह बिहार के सीतामढ़ी जिले में समौल सहपुर गांव के रहने वाले हैं। बेटे (असलम) का दिमागी इलाज कराने के लिए ट्रेन से बरेली जंक्शन पहुंचे थे। रात में जंक्शन के पास फुटपाथ पर सोए तो बेटा कहीं चला गया। सुबह बेटा नहीं मिला तो वह दिल्ली चले गए। जो टास्क दिया जाएगा वही काम करेंगे
उत्तर भारत एरिया मुख्यालय से महज कुछ सौ मीटर दूर सैन्य क्षेत्र में जासूसी के शक में पकड़े गए असलम अंसारी की हकीकत जांच में सामने आएगी। मगर, उसके पास से जो वस्तुएं बरामद हुईं, वे सामान्य नहीं। कहा जा रहा कि उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है। इसके बावजूद उसका कई भाषाओं का जानकार होना, पुलिस के लिए सवाल बना हुआ है। उसे फिलहाल कैंट थाने में रखा गया है। उसने बातचीत और पूरी तफ्तीश के बाद ही तय हो सकेगा कि सच्चाई क्या है।
नक्शे मिले, उर्दू में लिखी लाइनें
असलम अंसारी के पास मिले दस्तावेज से सैन्य क्षेत्र और खुफिया तंत्र सक्रिय हो गया है। उसके बैग से कुछ नक्शे, ड्राइंग तो मिले ही। इसके अलावा उर्दू और हंिदूी में अलग-अलग चीज लिखी थीं। कुछ कोडवर्ड में भी लिखा था। इनमें से एक जगह लिखा था कि ‘जो टास्क दिया जाएगा, वो काम पूरा करेंगे’। बीमार तो कैसे आती हैं कई भाषाएं
मौके पर ही पूछताछ के दौरान असलम अंसारी कभी अंग्रेजी में बात करता तो कभी हिंदी में। फिर पंजाबी तो कभी बांग्ला और बिहार की बोली में बात करता। पूछताछ होती रही और वह हाथ में मौजूद काला चश्मा साफ करता रहता। चेहरा बेखौफ और हर मिनट एक नई कहानी गढ़ता।
असलम अंसारी के पास मिले दस्तावेज से सैन्य क्षेत्र और खुफिया तंत्र सक्रिय हो गया है। उसके बैग से कुछ नक्शे, ड्राइंग तो मिले ही। इसके अलावा उर्दू और हंिदूी में अलग-अलग चीज लिखी थीं। कुछ कोडवर्ड में भी लिखा था। इनमें से एक जगह लिखा था कि ‘जो टास्क दिया जाएगा, वो काम पूरा करेंगे’। बीमार तो कैसे आती हैं कई भाषाएं
मौके पर ही पूछताछ के दौरान असलम अंसारी कभी अंग्रेजी में बात करता तो कभी हिंदी में। फिर पंजाबी तो कभी बांग्ला और बिहार की बोली में बात करता। पूछताछ होती रही और वह हाथ में मौजूद काला चश्मा साफ करता रहता। चेहरा बेखौफ और हर मिनट एक नई कहानी गढ़ता।
सैन्य अधिकारी भी हैरान
सुबह सीएसडी डिपो के पास जब उसकी मौजूदगी की सूचना मिली तो सेना की टीम पहुंची। सामान्य पूछताछ हुई मगर, उसके बात करने के तरीके से संशय हुआ। मौके पर मौजूद लोग और सेना से जुड़े अधिकारी भी मानते हैं कि असलम की हरकतें किसी ट्रेंड जासूस की तरह थीं। इतना कि कई घंटे तक वह पूछताछ को पहुंची टीम को गुमराह करता रहा। कभी बदायूं जाने की बात करता तो कभी दिल्ली। परिजनों के नंबर मांगने पर भी आरोपित युवक काफी देर तक टालमटोल करता रहा। हालांकि दिमागी बीमारी की बात सामने आने पर टीम ने आरोपित को कैंट थाना पुलिस के हवाले कर दिया है। पिता की कहानी में भी छेद ही छेद
मोबाइल फोन पर हुई बातचीत में पिता ने बताया कि बदायूं में बेटे असलम की दिमागी बीमारी का इलाज होना था। इसलिए रविवार देर रात जंक्शन पहुंचे थे। कैंट की ओर फुटपाथ पर सो गए, सुबह उठे तो असलम नहीं था। इसके बाद वह दिल्ली लौट गए। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बेटा गुम होने पर कोई पिता बेटे की गुमशुदगी लिखवाए बिना वापस कैसे जा सकता है। जंक्शन के सीसीटीवी फुटेज में नहीं मिले दोनों
पूछताछ में दोनों ने बताया कि बरेली जंक्शन पर देर रात करीब 12.30 बजे उतरे थे। इसके बाद फुटपाथ पर सोए। मिलिट्री इंटेलीजेंस युवक असलम को लेकर टीम के साथ जंक्शन पहुंची। आरपीएफ के कंट्रोल रूम में सीसीटीवी फुटेज खंगाले लेकिन किसी भी सीसीटीवी में बाप-बेटा नहीं मिले। जेब में एक रुपया नहीं लेकिन बैग में कपड़े नए-नए
तलाशी में असलम की जेब से कोई पहचान पत्र मिला और न ही एक भी रुपया। हालांकि बैग में सभी कपड़े नए और ब्रांडेड थे। इसके अलावा कुछ नक्शे थे। इनमें बरेली सैन्य के आसपास व अन्य शहरों से जुड़े नक्शे थे। बैग में एक हरा कपड़ा भी मिला। युवक ने पहले जंक्शन पर आए शख्स को साथी बताया, बाद में पिता। डॉक्यूमेंट कोड वर्ड में बना रखे थे, रूट चार्ट जैसा भी था।महज आधार कार्ड और लोकेशन सही
पूरे प्रकरण में फोन नंबरों की बताई लोकेशन और असलम का आधार कार्ड अभी तक हुई जांच में सही मिला है। इस आधार पर असलम को सेना ने पुलिस के हवाले कर दिया है। हालांकि एरिया की सुरक्षा व्यवस्था पहले से ज्यादा पुख्ता करने के निर्देश हो गए हैं। वहीं, जंक्शन पर भी आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखी जाएगी।पिता नहीं टेलर का दिया नंबर
असलम ने कड़ी पूछताछ के बाद बताया कि वह बिहार का रहने वाला है। इसके बाद भी झूठ जारी रखा। कभी पंजाब जाने की बात कही, कभी दिल्ली और बदायूं की। काफी जिद्दोजहद के बाद मोबाइल नंबर दिया वो किसी टेलर का था। उसने असलम के पिता का नंबर दिया।चार साल पहले पकड़ा गया आइएसआइ एजेंट
आतंकी गतिविधियों को लेकर बरेली हमेशा से ही काफी संवेदनशील रहा है। चार साल पहले एसटीएफ ने मेरठ जंक्शन से एक आइएसआइ एजेंट को गिरफ्तार किया था। उसके पास से बरेली सैन्य क्षेत्र के नक्शे व कई अहम दस्तावेज बरामद हुए थे। पकड़ा गया संदिग्ध आतंकी शाहबाद मुहल्ले में किराये के मकान में फोटोग्राफर बनकर रह रहा था।नवंबर 2015 में एसटीएफ ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के संदिग्ध एजेंट मुहम्मद एजाज उर्फ मुहम्मद कलाम को मेरठ जंक्शन से गिरफ्तार किया था। उसके पास से बरेली सैन्य क्षेत्र के कई नक्शे, पाकिस्तान की आइडी, सैन्य अभ्यासों से जुड़ी वीडियो व फोटो आदि पाए गए थे। आइएसआइ एजेंट एजाज के शाहबाद मुहल्ले में रहने की खबर जब लोगों को पता चली तो हड़कंप मच गया था। किसी को यकीन ही नहीं हो रहा था। यहां तक कि उसकी पत्नी भी यकीन नहीं कर पा रही थी कि उसका पति आइएसआइ एजेंट है। बाद में उसे बताया गया कि मुहम्मद एजाज इस्लामाबाद के इरफानाबाद के तारामड़ी चौक का रहने वाला है।इससे जुड़े सुबूत उसे दिखाए गए तो वह भी भौचक्की रह गई। इसके बाद वह मकान खाली करके यहां से चली गई थी। उसकी पत्नी ने कहा था कि अगर उसका पति आइएसआइ एजेंट है तो उसे उससे कोई ताल्लुक नहीं रखना। इससे अलावा बीते साल शाहजहांपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से पहले एटीएस ने बहेड़ी से शाहबाद को पकड़ा था। एटीएस का दावा था कि शाहबाद के तार आइएसआइ से जुड़े हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।सुबह सीएसडी डिपो के पास जब उसकी मौजूदगी की सूचना मिली तो सेना की टीम पहुंची। सामान्य पूछताछ हुई मगर, उसके बात करने के तरीके से संशय हुआ। मौके पर मौजूद लोग और सेना से जुड़े अधिकारी भी मानते हैं कि असलम की हरकतें किसी ट्रेंड जासूस की तरह थीं। इतना कि कई घंटे तक वह पूछताछ को पहुंची टीम को गुमराह करता रहा। कभी बदायूं जाने की बात करता तो कभी दिल्ली। परिजनों के नंबर मांगने पर भी आरोपित युवक काफी देर तक टालमटोल करता रहा। हालांकि दिमागी बीमारी की बात सामने आने पर टीम ने आरोपित को कैंट थाना पुलिस के हवाले कर दिया है। पिता की कहानी में भी छेद ही छेद
मोबाइल फोन पर हुई बातचीत में पिता ने बताया कि बदायूं में बेटे असलम की दिमागी बीमारी का इलाज होना था। इसलिए रविवार देर रात जंक्शन पहुंचे थे। कैंट की ओर फुटपाथ पर सो गए, सुबह उठे तो असलम नहीं था। इसके बाद वह दिल्ली लौट गए। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बेटा गुम होने पर कोई पिता बेटे की गुमशुदगी लिखवाए बिना वापस कैसे जा सकता है। जंक्शन के सीसीटीवी फुटेज में नहीं मिले दोनों
पूछताछ में दोनों ने बताया कि बरेली जंक्शन पर देर रात करीब 12.30 बजे उतरे थे। इसके बाद फुटपाथ पर सोए। मिलिट्री इंटेलीजेंस युवक असलम को लेकर टीम के साथ जंक्शन पहुंची। आरपीएफ के कंट्रोल रूम में सीसीटीवी फुटेज खंगाले लेकिन किसी भी सीसीटीवी में बाप-बेटा नहीं मिले। जेब में एक रुपया नहीं लेकिन बैग में कपड़े नए-नए
तलाशी में असलम की जेब से कोई पहचान पत्र मिला और न ही एक भी रुपया। हालांकि बैग में सभी कपड़े नए और ब्रांडेड थे। इसके अलावा कुछ नक्शे थे। इनमें बरेली सैन्य के आसपास व अन्य शहरों से जुड़े नक्शे थे। बैग में एक हरा कपड़ा भी मिला। युवक ने पहले जंक्शन पर आए शख्स को साथी बताया, बाद में पिता। डॉक्यूमेंट कोड वर्ड में बना रखे थे, रूट चार्ट जैसा भी था।महज आधार कार्ड और लोकेशन सही
पूरे प्रकरण में फोन नंबरों की बताई लोकेशन और असलम का आधार कार्ड अभी तक हुई जांच में सही मिला है। इस आधार पर असलम को सेना ने पुलिस के हवाले कर दिया है। हालांकि एरिया की सुरक्षा व्यवस्था पहले से ज्यादा पुख्ता करने के निर्देश हो गए हैं। वहीं, जंक्शन पर भी आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखी जाएगी।पिता नहीं टेलर का दिया नंबर
असलम ने कड़ी पूछताछ के बाद बताया कि वह बिहार का रहने वाला है। इसके बाद भी झूठ जारी रखा। कभी पंजाब जाने की बात कही, कभी दिल्ली और बदायूं की। काफी जिद्दोजहद के बाद मोबाइल नंबर दिया वो किसी टेलर का था। उसने असलम के पिता का नंबर दिया।चार साल पहले पकड़ा गया आइएसआइ एजेंट
आतंकी गतिविधियों को लेकर बरेली हमेशा से ही काफी संवेदनशील रहा है। चार साल पहले एसटीएफ ने मेरठ जंक्शन से एक आइएसआइ एजेंट को गिरफ्तार किया था। उसके पास से बरेली सैन्य क्षेत्र के नक्शे व कई अहम दस्तावेज बरामद हुए थे। पकड़ा गया संदिग्ध आतंकी शाहबाद मुहल्ले में किराये के मकान में फोटोग्राफर बनकर रह रहा था।नवंबर 2015 में एसटीएफ ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के संदिग्ध एजेंट मुहम्मद एजाज उर्फ मुहम्मद कलाम को मेरठ जंक्शन से गिरफ्तार किया था। उसके पास से बरेली सैन्य क्षेत्र के कई नक्शे, पाकिस्तान की आइडी, सैन्य अभ्यासों से जुड़ी वीडियो व फोटो आदि पाए गए थे। आइएसआइ एजेंट एजाज के शाहबाद मुहल्ले में रहने की खबर जब लोगों को पता चली तो हड़कंप मच गया था। किसी को यकीन ही नहीं हो रहा था। यहां तक कि उसकी पत्नी भी यकीन नहीं कर पा रही थी कि उसका पति आइएसआइ एजेंट है। बाद में उसे बताया गया कि मुहम्मद एजाज इस्लामाबाद के इरफानाबाद के तारामड़ी चौक का रहने वाला है।इससे जुड़े सुबूत उसे दिखाए गए तो वह भी भौचक्की रह गई। इसके बाद वह मकान खाली करके यहां से चली गई थी। उसकी पत्नी ने कहा था कि अगर उसका पति आइएसआइ एजेंट है तो उसे उससे कोई ताल्लुक नहीं रखना। इससे अलावा बीते साल शाहजहांपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से पहले एटीएस ने बहेड़ी से शाहबाद को पकड़ा था। एटीएस का दावा था कि शाहबाद के तार आइएसआइ से जुड़े हैं।