Move to Jagran APP

Bareillys Naath Temple News : बरेली के इस मंदिर को नहीं गिरा सका था औरंगजेब

जनपद की सभी दिशाओं में यहां प्रसिद्ध महादेव के प्राचीन मंदिर बने हुए हैं। जो कि इस जनपद की रक्षा भी करते हैं। नाथ नगरी के मंदिरों में से एक मंदिर है श्री बनखंडी नाथ का मंदिर। जिसे मुगल शासक ने औरंगजेब ने तोड़ने की कई बार कोशिश की थी।

By Sant ShuklaEdited By: Updated: Mon, 23 Nov 2020 07:57 PM (IST)
Hero Image
मुगल शासक ने औरंगजेब ने तोड़ने की कई बार कोशिश की थी।
 बरेली, जेएनएन। बरेली को सुरमा, झुमका और बांस के नाम के अलावा नाथ नगरी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल जनपद की सभी दिशाओं में यहां प्रसिद्ध महादेव के प्राचीन मंदिर बने हुए हैं। जो कि इस जनपद की रक्षा भी करते हैं। नाथ नगरी के मंदिरों में से एक मंदिर है श्री बनखंडी नाथ का मंदिर। जिसे मुगल शासक ने औरंगजेब ने तोड़ने की कई बार कोशिश की थी।   

 यह मंदिर शहर के जोगीनिवादा में बना हुआ है। कहा जाता है कि  इस मंदिर को द्वापर युग में बनाय गया था। कहते हैं कि इस मंदिर में साधु संतो  का जमावड़ा लगा रहता था। कई साधु यह पर रहकर कठोर तपस्या करते थे और साधना को सिद्ध करते थे। यह भी कहा जाता है कि  इस मंदिर में कई साधु संतों ने कठोर तपस्या कर यहीं पर समाधि भी ले ली। यहां पर उनकी समाधि आज भी यहां बनी हुई है। यह मंदिर पौराणिक होने के साथ ऐतिहासिक भी है । इतिहास के जानकार बताते हैं कि पांचाल राज्य के राजा द्रुपद की पुत्री द्रोपदी ने अपने हाथों से यहां पर शिवलिंग की  विधिवत पूजा अर्चना कर प्राण प्रतिष्ठा कराई थी। बताते हैं कि मुगल शासक दूसरी जगहों की तरह इस ऐतिहासिक मंदिर को भी तोड़ने का प्रयास किया था लेकिन इस मंदिर को वह तो़ड़ नहीं सका। उसे मुंह की खानी पड़ी।उसने तमाम कोशिश की लेकिन मंदिर की एक भी ईट को हटा नहीं सका। इसके चलते इस मंदिर का नाम वनखंडी नाथ पड़ गया। इस मंदिर का संचालन वर्तमान में दशनाम जूना अखाड़ा करता है। 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।