Bareilly: पुलिस की पिटाई से किसान की मौत, चौकी इंचार्ज सहित सात पुलिसकर्मी सस्पेंड
Bareilly Crime News एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान का कहना है कि पुलिसकर्मी बिना सूचना दबिश पर गए थे। किसान से हुई घटना की जानकारी भी नहीं दी थी इसलिए सभी को निलंबित किया गया है। दूसरी ओर मृतक के स्वजन ने सभी पुलिसकर्मियों और विजय कुमार के खिलाफ हत्या की तहरीर दी है। विजय पुलिस का मुखबिर बताया जा रहा।
By Jagran NewsEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Fri, 10 Nov 2023 06:27 PM (IST)
जागरण संवाददाता, बरेली। यूपी के बरेली जिले में खेत की रखवाली कर लौट रहे किसान संतोष शर्मा को जुआरी बताकर पुलिसकर्मियों ने उठा लिया। आरोप है कि बुधवार रात को भमोरा थाने के सरदारनगर पुलिस चौकी इंचार्ज व सिपाहियों ने संतोष को पीट-पीटकर अधमरी हालत में सड़क पर छोड़ दिया। शुक्रवार को उपचार के दौरान संतोष की मौत हो गई। इस मामले में चौकी इंचार्ज टिंकू कुमार, हेड कांस्टेबल पुष्पेंद्र राणा, मनोज कुमार, कांस्टेबल अंकित कुमार, दीपक कुमार, सत्यजीत सिंह व मोहित कुमार को निलंबित कर दिया।
एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान का कहना है कि पुलिसकर्मी बिना सूचना दबिश पर गए थे। किसान से हुई घटना की जानकारी भी नहीं दी थी, इसलिए सभी को निलंबित किया गया है। दूसरी ओर, मृतक के स्वजन ने सभी पुलिसकर्मियों और विजय कुमार के खिलाफ हत्या की तहरीर दी है। विजय पुलिस का मुखबिर बताया जा रहा। दबिश के दौरान दूर से टीम की पहचान न हो, इसलिए पुलिसकर्मी उसकी एंबुलेंस में सवार होकर गए थे।आलमपुर जाफराबाद गांव में किसान संतोष शर्मा बुधवार रात आठ बजे खेत से घर लौट रहे थे। स्वजन के अनुसार, रास्ते में जुआ खेल रहे कुछ युवकों को पकड़ने के लिए सरदारनगर चौकी की टीम ने दबिश दी थी। जुआरी भाग गए मगर, सिपाहियों ने संतोष को पकड़ लिया। उन्हें भी जुआरी बताते हुए साथियों के नाम बताने को कहा। इस पर संतोष ने एतराज जताया कि बेवजह जुआ खेलने का आरोप न लगाएं। इतना सुनते ही पुलिसकर्मी व एंबुलेंस चालक हमलावर हो गए। सभी ने संतोष को डंडों, रायफल की बटों से पीटा। संतोष की चीख-पुकार सुनकर अन्य ग्रामीण आए तो पुलिसकर्मी उन्हें अधमरा छोड़कर उसी एंबुलेंस से भाग गए।
संतोष के भाई कृष्ण कुमार शर्मा के अनुसार, रात में ही उन्हें शहर के नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों का कहना था कि सिर और पेट में गंभीर चोट लगने से हालत गंभीर है। आरोप है कि शुक्रवार सुबह को संतोष की मौत हो गई थी, लेकिन पुलिस के दबाव में अस्पताल प्रबंधन इस सूचना को दबाए रहा। दोपहर को सभी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के बाद बताया गया कि संतोष की मौत हो चुकी है। कृष्ण कुमार ने सभी आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी, जिस पर अधिकारियों ने एफआईआर दर्ज करने का आश्वासन दिया है। थाना प्रभारी राजेश्वरी व अन्य पुलिसकर्मी अस्पताल पहुंचे तो कृष्ण कुमार व अन्य ने नाराजगी जताई। पूरे घटनाक्रम में दारोगा नैपाल सिंह के भी शामिल होने की बात सामने आई है।
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पहचान छिपाकर आए थे पुलिसकर्मी
चौकी इंचार्ज और सिपाही पहचान छिपाकर जुआरियों की धरपकड़ के लिए निकले थे। उन्होंने सरकारी वाहन के स्थान पर एंबुलेंस का सहारा लिया। एसएसपी ने बताया कि किसी भी दबिश से पहले उच्चाधिकारियों को सूचना देनी चाहिए मगर, चौकी इंचार्ज ने ऐसा नहीं किया। यदि किसी बात पर किसान से विवाद हुआ तो उसकी जानकारी भी देनी चाहिए थी। पीड़ित पक्ष से मिली तहरीर के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है।
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