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बरेली पटाखा फैक्‍ट्री व‍िस्‍फोट मामले में पुल‍िसकर्मि‍यों की लापरवाही आई सामने, 10 दिन में हो गया दूसरा हादसा

यूपी के बरेली में अवैध रूप से पटाखे बनाने के लिए मकान में लगे बारूद के ढेर में आग से बड़ा हादसा हो गया। बुधवार को चाय बनाते समय फटे सिलेंडर की लपटें बारूद भरे कमरे तक पहुंची तो तेज धमाके के साथ पूरा मकान उड़ गया। आसपास के चार अन्य लोगों के मकान भी ढह गए। हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 03 Oct 2024 01:13 PM (IST)
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आग बुझाने को जुटी एसडीआरएफ की टीम, पांच घर ढहे।

जागरण संवाददाता, बरेली। अगर पुलिस प्रशासन 10 दिन पहले चेत जाता तो बुधवार को इतने बड़े हादसे से न गुजरना होता। नासिर शाह के घर में 21 सितंबर को जब पहली बार पटाखों की वजह से धमाके हुए तो पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी थी। इसके बाद पुलिस ने प्राथमिकी लिखी और प्रशासन ने उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया, मगर लापरवाही इतनी कि लाइसेंस निरस्त होने के बाद भी उसका न तो स्टोर चेक किया गया न ही यह पूछा गया कि जब बिक्री का लाइसेंस था तो पटाखे बनाए कैसे जा रहे थे?

उस वक्त नासिर ने पुलिस प्रशासन को यह कहकर टहला दिया कि उसने पटाखे सुखाने को छत पर डाले थे। इस लापरवाही का अंजाम हुआ कि नासिर ने अपने भाई नाजिम की ससुराल में अवैध पटाखा फैक्ट्री खोल ली और एक बड़ा हादसा हो गया।

पुल‍िस-प्रशासन की लापरवाही! 

पुलिस को 21 सितंबर को सूचना मिली थी कि, नासिर शाह के मकान में पटाखों की वजह से धमाके हुए। पुलिस पहुंची और लाइसेंस की बात पूछी तो नासिर ने बताया था कि उसके पास बिक्री के लिए लाइसेंस हैं, जिसका नवीनीकरण हो गया है। आरोपित ने पुलिस को टहलाते हुए कहा था कि उसने अपने पटाखों का गोदाम खेत में बनाया हुआ है। पुराने कुछ पटाखों को उसने घर की छत पर सुखाने के लिए डाला था। इसके बाद वह पत्नी की दवा लेने के लिए चला गया। इसी बीच किसी तरह से आग लग गई। इसके बाद पुलिस ने विस्फोटक अधिनियम पांच और नौ बी के तहत प्राथमिकी पंजीकृत की थी। प्रशासन ने लाइसेंस निरस्त कर दिया। यहीं से लापरवाही शुरू हो गई।

लाइसेंस निरस्त होने के बाद न तो पुलिस ने यह देखा कि उसके पास कितना भंडारण था न यह देखा कि उसने कहां-कहां गोदाम बना रखा था। पुलिस प्रशासन को यह बात बखूबी मालूम थी कि नासिर के पास केवल पटाखे बिक्री का लाइसेंस हैं। इसके बाद भी उन्हें यह कैसे पता नहीं चला कि नासिर अवैध रूप से पटाखे बना भी रहा था। हालांकि, लाइसेंस निरस्त होने के बाद उसने अपने घर में पटाखे बनाना बंद कर दिया, मगर वह अपने भाई नाजिम की सुसराल कल्याणपुर में पटाखों का सामान लेकर पहुंच गया।

नाजिम के ससुर रहमान शाह के साथ नासिर ने उनके तीसरी मंजिल पर पटाखा बनाने की अवैध फैक्ट्री खोल दी। नासिर अपने घर कौआ टोला से पटाखा बनाने का सभी सामान लेकर रहमान के घर आ गया, मगर पुलिस प्रशासन को इस बारे में कोई जानकारी कैसे नहीं हुई ये पुलिस की कार्यशैली पर एक बड़ा सवाल है? पुलिस की लापरवाही का अंजाम यह हुआ कि 10 दिनों के भीतर सिरौली थाना क्षेत्र में धमाके की दूसरी बड़ी घटना घट गई। इस बार कई लोगों की जान भी चली गई।

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