UP News: IPS अफसर की पहल से निपटा 60 वर्ष पुराना विवाद; बरेली में अब मोहर्रम के जुलूस के समय नहीं होगी टकराव की स्थिति
Bareilly IPS Anurag Arya News बरेली में जो काम पिछले छह दशकों से नहीं हो सका था उसका निदान नवागत एसएसपी ने कुछ मिनटों में करवा दिया है। अब इस क्षेत्र में मोहर्रम के ताजिए के जुलूस हों या सावन की कांवड़ यात्रा दोनों में पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की जरूरत नहीं पड़ेगी। ताजिए निकालने के लिए यहां अब गड्ढा भी नहीं खाेदा जाएगा।
जागरण संवाददाता, बरेली। जाेगी नवादा में श्रावण व मोहर्रम में टकराव की स्थिति अब नहीं बनेगी। एसएसपी ने इसको लेकर पहल की जिसके बाद आपसी समन्वय से 60 साल पुराना विवाद निपट गया।
बारादरी के पुराने शहर के वार्ड संख्या 62 चक महमूद में मोहर्रम के जुलूस के समय हिंदू-मुस्लिम टकराव की स्थिति बनती थी।हर साल जुलूस में निकलने वाले तख्त के लिए सड़क पर 10 फीट का गहरा गड्ढा खोदा जाता था। बीते कई सालों से विवाद की स्थिति में चर्चा का विषय बना जोगी नवादा अबकी बार बदली छवि के लिए जाना जाए, इसको लेकर नवागत एसएसपी अनुराग आर्य ने पहल की। उनकी पहल पर बारादरी इंस्पेक्टर अमित पांडेय ने दोनों पक्षों से कई चरणों में बात की।
लोगों को समझ में आई पुलिस की बात
एक छोटे से विवाद के बाद कानूनी दांव-पेंच के उन्होंने नुकसान बताए। बीते साल की स्थिति को देखकर लोगों को इंस्पेक्टर की बात समझ पाई जिसके बाद आपसी समन्वय से ही लोगों ने शनिवार को पीपल के पेड़ की छटाई कर मोहर्रम के जुलूस के निकाले जाने का रास्ता साफ कर दिया गया।स्थानीय लोगों के अनुसार, वार्ड 62 चक महमूद में मौर्य वाली गली में करीब 60 साल पुराना पीपल का पेड़ है। मोहर्रम पर मौर्य गली के 50 मीटर रास्ते पर हर वर्ष पांच से दस फुट गहरा गड्ढा खोदा जाता था। पूरन लाल मौर्य के घर के पास झुकी पीपल की डाल के नीचे से ताजिया निकाला जाता था। जब जुलूस निकलता तो पैरामिलिट्री फोर्स, पीएसी भारी पुलिस बल तैनात रहता। तनाव का माहौल बनता जिससे हर वक्त टकराव की आशंका बनी रहती थी।
पीपल के पेड़ की डाल नीचे की तरफ झुकी थी, जिससे ताजिए निकालने में परेशानी होती थी।ये भी पढ़ेंः Hathras Stampede: जिन पुलिसकर्मियों के कंधाें पर थी भीड़ की सुरक्षा की जिम्मेदारी, वो बाबा के सत्संग में लीन दिखे
इसी विवाद को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए पुलिस व संभ्रांत नागरिकों की ओर से पहल की गई। इसके बाद ही आपसी सौहार्द और सद्भाव को बनाए रखने के लिए तय हुआ कि पीपल के सूखे हुई डाल की छंटाई कर दी जाए जिससे कि वहां से परंपरागत रूप से ताजिया निकल सके और वहां गड्ढा भी ना करना पड़े।ये भी पढ़ेंः सांसद चंद्रशेखर बोले-121 मौतों के जिम्मेदार 'साकार विश्व हरि' व सरकार, पीड़ित परिवारों को एक करोड़ की सहायता दें बाबा
इस दौरान संजीव शर्मा, मुस्ताक, नरेश मौर्य, अजय, अनीस मियां आदि मौजूद रहे। दोनों संप्रदायों की इस पहल पर क्षेत्र के लोगों ने खुद कहा कि जोगी नवादा आपसी सदभाव के लिए जाना जाएगा।
पीपल की सूखी डाल को छांटने से ताजिए का रास्ता बन गया है।
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