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Bareilly News : अंगूठा लगवाकर कहा सर्वर बंद, फिर निकाले 10 हजार रुपये- अब पुलिस ने बताई पूरी सच्चाई

आरोप है कि आरोपित सत्यवीर ने अंगूठा लगवाया और कहा कि अभी सर्वर नहीं चल रहा है बाद में आना। इसके बाद वह वापस आ गईं। अगले दिन जब वह बैंक पहुंची तो पता चला कि उनके खाते से 10 हजार रुपये कम हैं। उन्होंने स्टेटमेंट निकलवाया तो पता चला कि जनसेवा केंद्र से 10 हजार रुपये निकले हैं। वह जनसेवा केंद्र पहुंची तो वह बंद था।

By Rajnesh Saxena Edited By: Mohammed Ammar Updated: Thu, 21 Nov 2024 10:35 PM (IST)
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पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जासं, बरेली : सुभाषनगर निवासी सीमा देवी ने जनसेवा केंद्र संचालक सत्यवीर के विरुद्ध प्राथमिकी लिखाई है। उन्होंने पुलिस को बताया कि वह सत्यवीर के जनसेवा केंद्र पर रुपये निकालने गई थीं।

आरोप है कि आरोपित सत्यवीर ने अंगूठा लगवाया और कहा कि अभी सर्वर नहीं चल रहा है बाद में आना। इसके बाद वह वापस आ गईं। अगले दिन जब वह बैंक पहुंची तो पता चला कि उनके खाते से 10 हजार रुपये कम हैं। उन्होंने स्टेटमेंट निकलवाया तो पता चला कि जनसेवा केंद्र से 10 हजार रुपये निकले हैं। वह जनसेवा केंद्र पहुंची तो वह बंद था।

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा 

फोन करके पूछा सत्यवीर ने कहा कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है। केंद्र दो दिन बाद खोलेगाख् जब सीमा ने पूरी बात बताई तो आरोपित ने कहा कि स्टेटमेंट ले आएं यदि रुपये निकले होंगे तो वह वापस कर देंगे। आरोप है कि इसके बाद सत्यवीर ने फोन बंद कर लिया और रुपये वापस नहीं किए। मामले में पुलिस ने आरोपित के विरुद्ध प्राथमिकी पंजीकृत कर ली है।

बच्चों को सर्दी लगी तो प्रधानाध्यापक और बीईओ भी होंगे जिम्मेदार

इधर जिले बरेली में सर्दी की दस्तक के साथ कान्वेंट स्कूलों के बच्चे स्वेटर और ब्लेजर पहनकर स्कूल जा रहे हैं, लेकिन परिषदीय विद्यालयों में अधिकतर बच्चे अभी भी बगैर स्वेटर के स्कूल जा रहे हैं, जबकि उनके अभिभावकों के खाते में पैसा भेजा जा चुका है। ऐसे में बीएसए ने सभी बीईओ और प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया है कि विद्यालय में सर्दी से किसी बच्चे की तबीयत बिगड़ी तो उनकी भी जिम्मेदारी तय की जाएगी, इसलिए वह सुनिश्चित करें कि सभी बच्चे स्वेटर पहनकर ही स्कूल आए।

जिले में मौजूदा समय 2,483 परिषदीय विद्यालयों में कक्षा एक से आठ के बीच 2.77 लाख अध्ययनरत हैं। इन सभी बच्चों के अभिभावकों के बैंक खाते में अक्टूबर 2024 में ही 1,200 रुपये भेजे जा चुके हैं। इन पैसों से उन्हें अपने बच्चे के लिए स्कूल ड्रेस, जूता-मोजा, स्वेटर और स्कूल बैग आदि सामान खरीदना है, लेकिन अक्टूबर बीतने के बाद भी अधिकतर अभिभावकों ने स्वेटर नहीं खरीदा है।

ऐसा इसलिए क्योंकि ठंड का मौसम शुरू होने के बावजूद अभी भी ज्यादातर स्कूलों में बच्चे बगैर स्वेटर के आ रहे हैं। बीएसए संजय सिंह ने इस बाबत 20 नवंबर को जिले के सभी बीईओ और प्रधानाध्यापक एवं प्रभारी अध्यापकों को पत्र जारी कर कहा है कि वह विद्यालय प्रबंध समिति और अध्यापक-अभिभावक की बैठक में स्वेटर खरीदने एवं पहनाने पर जोर दें।

सुबह विद्यालय खुलने से पूर्व या कक्षाएं समाप्त होने के बाद शिक्षक बच्चों के घर जाकर उनके अभिभावकों को प्रेरित करें। लेखपाल, पंचायत सचिव, एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्री, ग्राम प्रधान एवं स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों का भी सहयोग अभिभावकों को जागरूक करने में लें।

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