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Cyber Crime: हो जाएं सावधान, साइबर ठगों ने बदल लिया है ठगी का तरीका; ई-चालान के नाम पर ऐसे हो रहा साइबर क्राइम

Cyber Crime हनी ट्रैप क्रेडिट कार्ड बैंक खाता बंद होने के नाम पर होने वाली ठगी से लोग जागरूक हुए तो ठगों ने अब अपनी ठगी का तरीका बदल लिया है। नए तरीके में अब ऑनलाइन चालान के नाम पर ठगी की जा रही है। साइबर ठग लोगों के मोबाइल पर ऑनलाइन चालान कटने का संदेश भेजकर उन्हें डराते हैं। बाद में भुगतान के नाम पर ठगी कर लेते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Fri, 01 Sep 2023 08:22 AM (IST)
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हो जाएं सावधान, साइबर ठगों ने बदल लिया है ठगी का तरीका
बरेली, रजनेश सक्सेना। साइबर ठगों ने एक बार फिर से ठगी का तरीका बदल दिया है। हनी ट्रैप, क्रेडिट कार्ड, बैंक खाता बंद होने के नाम पर होने वाली ठगी से लोग जागरूक हुए तो ठगों ने अब ट्रेंडिंग मुद्दों से ठगी करना शुरू की है। नए तरीके में अब ऑनलाइन चालान के नाम पर ठगी की जा रही है।

साइबर ठग लोगों के मोबाइल पर ऑनलाइन चालान कटने का संदेश भेजकर उन्हें डराते हैं। बाद में भुगतान के नाम पर ठगी कर लेते हैं। जिले में करीब सात से आठ शिकायतें इस तरह की साइबर सेल में पहुंच चुकी हैं। समय से शिकायत होने की वजह से सभी के साथ ठगी होने से बच गई। इसको लेकर भारत सरकार ने भी अलर्ट जारी कर दिया है।

अगस्त से शुरू हुए ई-चालान के नाम पर ठगी

पुलिस के अनुसार, ई-चालान के नाम पर साइबर ठगी के मामले अगस्त से ही अधिक बढ़ना शुरू हुए हैं। एक महीने में जिले से करीब सात-आठ लोगों की शिकायतों के बाद पुलिस से लेकर साइबर सेल ने भी लोगों को इस तरह की ठगी से जागरूक करना शुरू कर दिया है।

ऐसे दे रहे ठगी को अंजाम

साइबर ठग लोगों के फोन पर आरटीओ के नाम पर बिल्कुल वही संदेश भेजते हैं जो ऑनलाइन चालान कटने पर आरटीओ की ओर से भेजा जाता है। संदेश देखकर लोग यह समझ नहीं पाते कि वह विभाग की ओर से भेजा गया है या फिर साइबर ठगों ने भेजा है। साइबर ठग सरकारी संदेश को कॉपी पेस्ट करते हैं लेकिन भुगतान करने का लिंक बदल देते हैं। जिससे भुगतान उनके खाते में चला जाता है।

परिवहन विभाग के नाम बनाया है लिंक

हैरत की बात यह है कि साइबर ठगों ने लिंक भी परिवहन विभाग के नाम पर बनाया है। जिससे किसी भी तरह से लोग यह न समझ पाएं कि यह लिंक फर्जी है। पुलिस और शासन की ओर से लगातार इंटरनेट मीडिया, और अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस तरह से लिंक को पहचाने साइबर सेल इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लोगों को लगातार जागरूक कर रही है।

ऐसे करें असली और नकली में भेद

हाल ही में शुरू हुए ऑनलाइन चालान के नाम पर ठगी के बारे में साइबर सेल ने लोगों को बताया है कि असली चालान के मैसेज में इंजन नंबर, चेसिस नंबर जैसी जानकारी होती हैं, लेकिन नकली चालान में ऐसा कुछ नहीं होता। असली लिंक लोगों को सरकार की आधिकारिक साइट https://echallan.parivahan.gov.in पर ले जाता है। जबकि नकली साइट का लिंक https://echallan.parivahan.in/ है। इसमें .gov.in को हटाकर एक नकली लिंक तैयार कर दिया गया है जिससे लोग भ्रमित होकर कई बार चालान की रकम भर देते हैं।

साइबर सेल के अधिकारियों ने कही ये बात

साइबर सेल के अधिकारियों का कहना हैं कि यदि इस तरह का कोई लिंक मिलता है तो उस पर क्लिक नहीं करें। अन्यथा साइबर ठग बैंक अकाउंट को भी हैक कर सकते हैं।

ये बरतें सावधानियां

  1. ऐसे किसी संदेश के लिंक पर क्लिक न करें जो फर्जी लग रहा हो या उस पर जरा भी शक हो।
  2. किसी भी व्यक्ति के साथ ओटीपी या कार्ड की जानकारी शेयर नहीं करें।
  3. चालान भरने की वेबसाइट पर एक बार ध्यान से जरूर पढ़ लें।
  4. अगर कोई संदेश या लिंक के जरिए आपसे निजी जानकारी मांगता है तो उस संदेश पर ध्यान नहीं दें।

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