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Bareilly News: केला डांडी में मस्जिद की दीवार गिराने पर बवाल, पुलिस फोर्स तैनात; विधायक MP आर्य की गाड़ी रोकी

बरेली के केला डांडी गांव में मस्जिद की दीवार तोड़ने को लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच विवाद हो गया। पथराव और मारपीट की घटना के बाद भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। विधायक डॉ. एमपी आर्य भी मौके पर पहुंचे लेकिन उन्हें गांव में घुसने से रोक दिया गया। महिलाओं ने उनकी गाड़ी रोक ली और अवैध निर्माण रुकवाने की मांग की।

By Jagran News Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 27 Sep 2024 08:45 PM (IST)
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पुलिस के आला अधिकारी पहुंचे मौके पर।
जागरण संवाददाता, बरेली। क्योलड़िया के केला डांडी गांव में मस्जिद की दीवार तोड़ने को लेकर दो संप्रदाय के लोगों में विवाद हो गया। गांव में पथराव और मारपीट हुई। सूचना पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। तमाम हिंदू संगठन भी पहुंच गए। जानकारी होने पर नवाबगंज विधायक डा. एमपी आर्य भी वहां पहुंचे, लेकिन गांव में घुसने से पहले ही पुलिस प्रशासन के अफसरों ने उनसे लौटने का आग्रह किया।

वह लौटने लगे तो हिंदू पक्ष की महिलाओं ने उनकी गाड़ी रोक ली। कहा कि अवैध तरीके से हो रहे निर्माण को बिना रुकवाए वह नहीं जा सकते। विधायक ग्रामीणों के साथ ही गांव के बाहर धरना देकर बैठक गए। उन्होंने पकड़े गए हिंदू पक्ष के युवकों को छोड़ने की मांग की। इंटरनेट मीडिया पर उन्होंने धरने की जानकारी पोस्ट की है।

केला डांडी गांव में हिंदू संप्रदाय के लोगों की आबादी अधिक है। गांव के लोगों ने 16 जुलाई को एसडीएम को पत्र देकर गांव में अवैध तरीके से मस्जिद बनाए जाने की शिकायत की थी। इस बाबत थाने में भी शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। गुरुवार को हिंदू पक्ष के लोगों ने अवैध रूप से बनी दीवार को तोड़ दिया। इस पर मुस्लिम पक्ष के लोगों ने विवाद कर दिया। दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। मौके पर पथराव और मारपीट भी हुई।

विवाद की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। हंगामा बढ़ता देख पुलिस व प्रशासन के अधिकारी तीन थानों की फोर्स के साथ आ गए। हिंदू पक्ष के लोग लगातार विधायक डा. एमपी आर्य को मौके पर बुलाकर अवैध निर्माण हटाने की मांग करते रहे। इसका पता चलते ही विधायक गांव आने को चले, लेकिन गांव के बाहर ही अधिकारियों ने उनसे अंदर नहीं जाने का आग्रह कर लिया। वह लौटने लगे तो कई महिलाएं आ गईं और विधायक की गाड़ी रोक ली। उनसे बिना विवाद निपटाए वहां से नहीं जाने को कहा।

शिकायती पत्र में यह लगाए आरोप

हिंदू पक्ष के लोगों का कहना है कि बीते दिनों उनके शिकायती पत्र देने के बाद पुलिस ने मुस्लिम संप्रदाय के लोगों को बुलाया था। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि जिस जगह मुस्लिम पक्ष निर्माण की कोशिश कर रहे हैं, उस जगह पर दो भाईयों के बीच झगड़ा था। इस कारण वह जगह समाज के लिए छोड़ दी गई थी।

आरोप है कि मुस्लिम संप्रदाय के लोगों ने उस स्थान पर मस्जिद बनाना शुरू कर दिया। इससे पहले गांव के मुस्लिम संप्रदाय के लोग पड़ोस के गांव क्योलड़िया मस्जिद में नमाज पढ़ने जाते थे। इधर इन लोगों ने मस्जिद का नमूना तैयार कर लिया है।

वहीं, मुस्लिम संप्रदाय के लोगों की ओर से क्योलड़िया पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र में कहा गया है कि शुक्रवार को गांव के सभी लोग बाहर काम से गए थे। इसी बीच हिंदू पक्ष के लोगों ने हमला कर मस्जिद की दीवार को तोड़ दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि धार्मिक ग्रंथ भी फाड़ डाले। मस्जिद के पड़ोस में रहने वाली एक महिला के घर में घुसकर उसके साथ मारपीट की।

घरों पर पथराव कर दिया। मुस्लिम संप्रदाय के लोगों ने पलायन की चेतावनी दी है। दोनों तरफ से माहौल गर्म होने की वजह से गांव में पीएसी समेत कई थानों की फोर्स तैनात कर दी गई है। मौके पर एसएसपी, एसपी उत्तरी, समेत तमाम पुलिस प्रशासन के अधिकारी पहुंच गए हैं।

हिंदू युवकों को प़ुलिस ने पकड़ा तो फिर हुआ विरोध

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने हिंदू युवकों को पकड़ना शुरू कर दिया। इसके बाद फिर से विरोध शुरू हो गया। गांव की महिलाएं सड़कों पर आ गई। उन्होंने पुलिस पर घर में घुसकर मारपीट करने का आरोप लगाकर हंगामा कर दिया। काफी मुश्किल के बाद पुलिस ने लोगों को समझाया मगर कोई भी सुनने को तैयार नहीं था।

शुक्रवार को क्या हुआ? लोगों की जुबानी

गांव के लोगों का कहना हैं कि गांव के मुस्लिम समाज के लोगों ने चोरी छिपे मस्जिद निर्माण कर लिया। इससे हिंदू संप्रदाय के लोगों में आक्रोश था। शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे जब गांव के मुस्लिम लोग दूसरे गांव में नमाज पढ़ने गए तो हिंदू पक्ष के लोगों ने मस्जिद की एक दीवार तोड़ दी।

लौटकर आए मुस्लिम लोगों ने देखा तो आक्रोशित हो गए। उन्होंने फिर से दीवार निर्माण शुरू कर दिया। इसी बात से गुस्साए लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। देखते ही देखते हंगामे ने कब बवाल का रूप ले लिया, पुलिस समझ नहीं पाई।

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