Move to Jagran APP

Negligence : सीएनडीएस डेढ़ साल में भी पूरा नहीं कर पाया रैनबसेरों का निर्माण, ठिठुरने को मजबूर लोग

ऐसी लापरवाह संस्था जो डेढ़ साल में भी रैन बसेरों का निर्माण पूरा नहीं कर पाई। संस्था की इसी सुस्ती के कारण लोग इस बार भी भीषण ठंड में ठिठुरने को मजबूर हैं। रैन बसेरों का निर्माण पूरा नहीं होने के कारण जरूरतमंदों को शरण नहीं मिल पा रही है।

By Sant ShuklaEdited By: Updated: Tue, 22 Dec 2020 08:47 AM (IST)
Hero Image
संस्था की इसी सुस्ती के कारण लोग इस बार भी भीषण ठंड में ठिठुरने को मजबूर हैं।
 बरेली, जेएनएन। ऐसी लापरवाह संस्था, जो डेढ़ साल में भी रैन बसेरों का निर्माण पूरा नहीं कर पाई। संस्था की इसी सुस्ती के कारण लोग इस बार भी भीषण ठंड में ठिठुरने को मजबूर हैं। रैन बसेरों का निर्माण पूरा नहीं होने के कारण वहां जरूरतमंदों को शरण नहीं मिल पा रही है। वहीं अधिकारी भी इसके प्रति उदासीनता बरते हुए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई दिन पहले ही अधिकारियों से भीषण ठंड से लोगों को बचाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने रैन-बसेरों में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने को कहा था। बावजूद इसके जिले में अब तक रैनबसेरों में व्यवस्थाएं पूरी नहीं हो पाई हैं। शहर में आठ स्थानों पर स्थायी रैन बसेरे बनाए गए हैं। इनके उच्चीकरण के लिए करीब डेढ़ साल पहले शासन ने रकम जारी कर दी थी। डूडा के माध्यम से उच्चीकरण की जिम्मेदारी जल निगम की कार्यदायी संस्था सीएनडीएस को दी गई थी। वहां बिस्तर समेत अन्य व्यवस्थाएं भी इन्ही को करनी है। सीएनडीएस डेढ़ साल में भी काम पूरा नहीं कर पाया है। इसी वजह से इस साल भी इन रैनबसेरों को शुरू नहीं करवाया जा सका है। वहां ताले लगे हुए हैं। पिछले साल भी पूरी ठंड निकल गई और लोग ठिठुरते रहे।

 यहां बने हैं स्थाई रैन बसेरे

- पटेल चौक के पास

- हजियापुर में दो

- छोटी बिहार

- सीआइ पार्क

- बदायूं रोड

- सैदपुर हाकिंस

- बाकरगंज

क्या कहना है डूडा पीओ का

डूडा पीओ शैलेंद्र भूषण का कहना है कि निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। कुछ दिन का काम बचा है जो जल्द पूरा होगा। इसके बाद लोगों को राहत मिलेगी

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।