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जंक्शन से दौड़ रही घपलों की ट्रेन, चालक बने टैक्स चोरी का जरिया

जंक्शन से मुसाफिरों की ट्रेन भले ही समय पर न चल पाए लेकिन घपलों और लापरवाही हावी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 10:41 AM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 11:03 AM (IST)
जंक्शन से दौड़ रही घपलों की ट्रेन, चालक बने टैक्स चोरी का जरिया

जेएनएन, बरेली: जंक्शन से मुसाफिरों की ट्रेन भले ही समय पर न चल पाए लेकिन घपलों और लापरवाही की गाड़ी सरपट दौड़ती है। एक, दो नहीं बल्कि कई ऐसे मामले हैं जब टैक्स चोरी का माल उतरवाने के मामले में रेलवे के पार्सल विभाग पर अंगुली उठ चुकी है। वहीं, खास ट्रेनों के भी जंक्शन पहुंचने की खबर तक देने में पावर केबिन कई बार लापरवाही बरत चुका है। बावजूद इसके वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से कार्रवाई के नाम पर महज डांटकर पल्ला झाड़ लिया जाता।

बड़ा सवाल: आखिर बिना अनुमति कैसे गया इंजन

दिल्ली-बरेली पैसेंजर से शहर के तमाम व्यापारियों का माल आता है। रेलवे में ट्रेन के संचालन की व्यवस्था तय है। प्लेटफार्म पर दूसरी ट्रेन आने की सूचना के बाद और स्टेशन मास्टर की अनुमति के बिना ट्रेन को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ और लोको पायलट ट्रेन को बिना अनुमति के ही यार्ड तक ले गया।

पहले भी रेलवे और सेल्स टैक्स हो चुके आमने-सामने

पार्सल विभाग की साठगांठ से टैक्स चोरी का माल बरेली जंक्शन पर उतरने का यह पहला मामला नहीं है। पहले वाणिज्य कर विभाग को रेलवे स्टेशन परिसर में छापे की अनुमति नहीं थी। जीएसटी लागू होने के बाद से स्टेशन परिसर में भी छापा मारने की अनुमति मिली। इसके बाद से दर्जन भर से ज्यादा बार स्टेशन परिसर से चोरी का माल रेलवे बरामद कर चुका है।

व्यापारियों का आरोप : सबकी मंथली बंधी

माल पकड़े जाने के बाद व्यापारी भी जंक्शन पहुंचे। कुछ ने दबी जुबां माना कि आए दिन उतरने वाले माल के एवज में रेलवे के तमाम अधिकारियों के अलावा आरपीएफ की भी मंथली बंधी है। कुछ रेलवे कर्मचारी भी नाम न छापने की शर्त पर इस बात की तस्दीक करते हैं। हालांकि आरपीएफ और रेलवे अधिकारी इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते।

तो फिर किसके सिर कपलिंग खोलने का दोष

सेल्स टैक्स जिस समय कैरिज वैगन के गेट की सील खुलवा रही थी। इसी दौरान लोको पायलट ने ट्रेन आगे बढ़ा दी। खास बात कि इंजन के साथ केवल कैरिज वैगन यार्ड के लिए रवाना हो गया। यानी किसी ने सवारी गाड़ी के यात्री डिब्बों को अलग करने के लिए कपलिंग खोल दी। ऐसे में कैरिज डिपार्टमेंट की संलिप्तता और बढ़ जाती है। अब सवाल यह है कि मामले में बड़ी मछली पकड़ी जाएंगी या फिर महज ग्रुप डी पर लापरवाही के नाम का ठीकरा फूटेगा।


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