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आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर को कोर्ट ने माना 2010 दंगे का मास्टरमाइंड, तत्कालीन अधिकारियों को भी फटकारा

अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट-प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां को साल 2010 में हुए दंगे का मास्टर माइंड माना है। कोर्ट ने समन जारी कर 11 मार्च को आरोपी मौलाना को कोर्ट में तलब किया है। आदेश में तत्कालीन कमिश्नर डीएम एसएसपी डीआईजी आईजी व शासन स्तर के अधिकारियों पर तल्ख टिप्पणी की है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 05 Mar 2024 06:24 PM (IST)
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आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर को कोर्ट ने माना 2010 दंगे का मास्टरमाइंड।
जागरण संवाददाता, बरेली। ज्ञानवापी प्रकरण वाले जज अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट-प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां को साल 2010 में हुए दंगे का मास्टर माइंड माना है। कोर्ट ने समन जारी कर 11 मार्च को आरोपी मौलाना को कोर्ट में तलब किया है। 

आदेश में तत्कालीन कमिश्नर, डीएम, एसएसपी, डीआईजी, आईजी व शासन स्तर के अधिकारियों पर तल्ख टिप्पणी की है। लिखा कि अधिकारियों ने विधिक रूप से कार्य ना कर सत्ता के इशारे पर 2010 दंगे के मुख्य मास्टरमाइंड मौलाना तौकीर का सहयोग किया। आवश्यक कार्रवाई के लिए आदेश की प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी भेजी गई है।

यह है पूरा मामला

दो मार्च 2010 को मोहल्ला सौदागरान निवासी आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने जनसमूह को भड़काऊ भाषण दिया। उसी के बाद उग्र हुई भीड़ ने पुलिस चौकी फूंक दी। हिंदुओं के घरों को आग के हवाले कर दिया। महिलाओं के साथ अभद्रता की गई। 

मामले में पुलिस ने बलवा, सरकारी काम में बाधा, 7 सीएलए एक्ट, जानलेवा हमला, धार्मिक भावनाएं भड़काने, लोक संपत्ति निवारण अधिनियम की धाराओं में प्राथमिकी लिखी थी। 

मंगलवार को तत्कालीन इंस्पेक्टर व विवेचक सुभाष यादव ने बयान दर्ज कराये। पत्रावली का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने दंगे के आरोपी रिजवान, दानिश, राजू, हसन, सौबी रजा, यासीन की हाजिरी माफी स्वीकार कर ली। 

गैर हाजिर चल रहे आरोपियों को गिरफ्तारी के आदेश

कोर्ट में तारीखों से लगातार गैर हाजिर रहने पर बाबू खां, आरिफ, अमजद अहमद, निसार अहमद, अबरार, राजू उर्फ राजकुमार, कौसर के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर प्रेमनगर पुलिस को गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश दिया। 

गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत ने 319 सीआरपीसी के तहत मौलाना तौकीर रजा खां को आरोपी माना है। इसी के तहत उसे तलब किया है। 

पुलिस ने शामिल नहीं किया था नाम

बता दें कि इससे पहले पुलिस ने उसे मुल्जिम ना मानते हुए चार्जशीट में नाम तक नहीं शामिल किया था। अदालत ने आदेश में बाकायदा इस बात का जिक्र भी किया। लिखा कि दंगा भड़काने वाले मौलाना तौकीर का नाम पर्याप्त साक्ष्य होने के बावजूद चार्जशीट में शामिल नहीं किया गया।

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